AIS फॉर्म में आ रही गड़बड़ी! धड़ाधड़ नोटिस भेज रहा इनकम टैक्‍स विभाग

3 days ago

Last Updated:September 11, 2025, 18:51 IST

How to Avoid Income Tax Notice : इनकम टैक्‍स विभाग इस साल आयकरदाताओं को धड़ाधड़ नोटिस भेज रहा है. इसकी वजह एआईएस फॉर्म में आने वाली गड़बड़ी है. जरा सा अंतर होते ही करदाताओं को ऑटोमेटेड नोटिस पहुंच जाता है.

AIS फॉर्म में आ रही गड़बड़ी! धड़ाधड़ नोटिस भेज रहा इनकम टैक्‍स विभागआईटीआर भरने से पहले एआईएस फॉर्म का मिलान करना जरूरी है.

नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स विभाग ने इस बार करदाताओं की मुसीबत और बढ़ा दी है. एनुअल इन्‍फॉर्मेशन स्‍टेटमेंट (AIS) फॉर्म में जरा सी गड़बड़ी मिलने पर ही नोटिस जारी हो जाता है. कर्मचारियों के फॉर्म 16 और एआईएस में जरा सा अंतर होते ही इनकम टैक्‍स विभाग नोटिस जारी कर देता है. यहां तक कि ब्‍याज के रूप में 5 हजार रुपये का भी अंतर आते ही करदाताओं को नोटिस आ जाता है.

पूर्व आईआरएस अधिकारी और टैक्‍सबडीडॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगड़ का कहना है कि जिन करदाताओं ने अपेन आईटीआर में ब्‍याज के रूप में मिले 5 हजार रुपये के अंतर को भी नहीं दर्शाया, उनके पास तत्‍काल नोटिस आ जाता है. इस अंतर की मुसीबत से करदाता आखिर कैसे बच सकते हैं, इसका तरीका भी सुजीत ने बताया. उनका कहना है कि जिन करदाताओं को नोटिस आ चुका है, उन्‍हें भी नोटिस का जवाब देते समय संभलकर जानकारी देनी होगी.

क्‍या है AIS
एनुअल इन्‍फॉर्मेशन स्‍टेटमेंट यानी AIS किसी करदाता का सालभर का फाइनेंशियल रिकॉर्ड होता है. इसमें कमाई के साथ, टैक्‍स भुगतान और बैंकों, कंपनियों व संस्‍थानों की तरफ से दिए गए हाई वैल्‍यू ट्रांजेक्‍शन की रिपोर्ट की भी जानकारी होती है. इनकम टैक्‍स विभाग करदाताओं की ओर से भरे गए आईटीआर को एआईएस फॉर्म के जरिये क्रॉस चेक करती है. अगर इसमें कोई मिसमैच होता है तो उस करदाता को ऑटोमैटिक नोटिस पहुंच जाता है.

कहां आती है सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत

बैंकों की ओर से ब्‍याज की रिपोर्ट सालभर की एकसाथ दी जाती है, जिसमें टीडीएस का आंकड़ा भी शामिल होता है. डिविडेंड की रिपोर्ट भी ग्रॉस रूप में की जाती है न कि चार्जेज और फीस को हटाने के बाद की जाती है. इक्विटी और म्‍यूचुअल फंड के कैपिटल गेन की जानकारी हर ट्रांजेक्‍शन के बाद एआईएस में दी जाती है. किराये से मिली रकम पर टीडीएस की कटौती भी ‘इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत की जाती है और शिड्यूल टीडीएस से इसका मिलान किया जाता है. आयकर विभाग की ओर से मिले रिफंड के ब्‍याज पर भी टैक्‍स लगता है, जो कई बार एआईएस में दिखाई देता है लेकिन टैक्‍सपेयर को इसकी जानकारी नहीं होती है. जीएसटी रिटर्न के बाद बिजनेस का टर्नओवर भी सही आंकड़ों से नहीं भरा जाता है. कैश जमा, क्रेडिट कार्ड का खर्च, प्रॉपर्टी की डील, विदेशी लेनदेन को भी सीधे तौर पर इनकम में नहीं जोड़ा जाता, लेकिन इसकी जानकारी एआईएस फॉर्म में होती है.

क्‍या है समस्‍या से बचने का तरीका
बांगड़ का कहना है कि आईटीआर भरने से पहले एआईएस, फॉर्म 26एएस और टीडीएस सर्टिफिकेट का मिलान कर लेना चाहिए. इसमें आने वाले अंतर को या तो आईटीआर भरते समय डिटेल में बताना चाहिए अथवा सही करके भरना चाहिए, ताकि सेक्‍टर सेक्‍टर 143(1)(a) के तहत ऑटोमेटेड एडजस्‍टमेंट से बचा जा सके. इसी वजह से इनकम टैक्‍स का ऑटोमेटेड नोटिस आता है. अंतिम समय में पोर्टल का ट्रैफिक काफी हैवी हो जाता है और इससे बचने के लिए जितनी जल्‍दी हो सके आईटीआर फाइल करना चाहिए.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 11, 2025, 18:51 IST

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