Last Updated:December 19, 2025, 08:04 IST
Indian Railway News: इंडियन रेलवे पिछले कुछ सालों से इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की रफ्तार को काफी तेज किया है. हजारों-लाखों करोड़ रुपये मूल्य के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इनमें बुलेट ट्रेन परियोजना से लेकर सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों के सुरक्षित ऑपरेशन तक से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं. ऐसे ही एक प्रोजेक्ट के तहत रेलवे अब अपनी तरह का 'एक्सप्रेसवे' बनाने की तैयारी कर रहा है. परियोजना के पूरा होने पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने के साथ ही ट्रैफिक भी स्मूद होंगे.
Indian Railway News: भारतीय रेल दिल्ली-हावड़ा रूट पर 400 किलोमीटर तक तीसरी और चौथी लाइन बिछाने की योजना पर काम कर रहा है. (फाइल फोटो)Indian Railway News: भारतीय रेल अपने लाखों यात्रियों को सुरक्षित और समय पर डेस्टिनेशन तक पहुंचाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. मॉडर्न कोच और ताकतवर इंजन के साथ ही पटरियों का जाल भी बिछाया जा रहा है. पुराने ट्रैक को दुरुस्त भी किया जा रहा है, ताकि ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे ज्यादा की रफ्तार से फर्राटा भर सकें. इससे न केवल यात्रा सुरक्षित होगी, बल्कि पहले के मुकाबले कम समय में ही गंतव्य तक पहुंचना भी संभव हो सकेगा. इस दिशा में रेलवे ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग सबसे व्यस्त रूट है. इस रेलखंड पर चौबीसों घंटे दर्जनों की संख्या में ट्रेनों का आवागमन होता है. इस वजह से ट्रेन ट्रैफिक जाम जैसी समस्या भी सामने आती है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए अब इंडियन रेलवे ने 400 किलोमीटर लंबा ‘एक्सप्रेसवे’बनाने का फैसला किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत दो नए रेलवे ट्रैक बिछाए जाएंगे, ताकि ट्रेनों की आवाजाही में किसी तरह की मुश्किल पेश न आए.
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन को और बेहतर बनाने के लिए भारतीय रेलवे बड़ा कदम उठाने जा रहा है. रेलवे पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन से झाझा रेलवे स्टेशन के बीच करीब 400 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेल लाइन का निर्माण करेगा. इस परियोजना से यात्रियों की आवाजाही आसान होगी, मालगाड़ियों का संचालन सुचारू होगा और क्षेत्र में औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. यह पूरा रेल मार्ग पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ज़ोन के अंतर्गत आता है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर करीब 17,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. आने वाले कुछ महीनों में इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा, ताकि काम तेजी और कुशलता से पूरा हो सके.
प्रोजेक्ट की 5 खास बातें
₹17000 करोड़ की लागत 400 किलोमीटर तक नई ट्रैक तीसरी और चौथी लाइन बिछाने की योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय से झाझा जंक्शन के बीच नई लाइन दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेन ट्रैफिक होगा स्मूदक्या है प्लानिंग?
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट को कई छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा गया है. इनमें डीडीयू जंक्शन-दानापुर, दानापुर-फतुहा, फतुहा-बख्तियारपुर, बख्तियारपुर-पुनारख, पुनारख-किउल और किउल-झाझा सेक्शन शामिल हैं. इस तरह काम को हिस्सों में बांटने से निर्माण में तेजी आएगी और निगरानी भी बेहतर होगी. पहले चरण में रेलवे बोर्ड ने बख्तियारपुर-फतुहा (24 किमी) और बख्तियारपुर-पुनारख (30 किमी) सेक्शन को मंजूरी दे दी है. बख्तियारपुर-फतुहा सेक्शन के लिए करीब 6.6 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिस पर लगभग 931 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं, बख्तियारपुर-पुनारख सेक्शन में करीब 1 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी, जिस पर लगभग 392 करोड़ रुपये की लागत आएगी. रेलवे के अनुसार, बख्तियारपुर-पुनारख सेक्शन का टेंडर जल्द पूरा किया जाएगा, इसके बाद जमीन अधिग्रहण और निर्माण कार्य शुरू होगा. इसके अलावा पुनरख-किउल सेक्शन (करीब 2,514 करोड़ रुपये) और किउल-झाझा सेक्शन (करीब 903 करोड़ रुपये) को भी अंतिम मंजूरी मिलने वाली है. बाकी हिस्सों की स्वीकृति विभिन्न स्तरों पर प्रक्रिया में है.
नई लाइन बिछने से ट्रेनों का ऑपरेशन स्मूद होने की उम्मीद है. (फाइल फोटो/PTI)
रेलवे के सामने क्या है चुनौती?
रेलवे ने बताया कि पटना के आसपास जमीन की कमी एक बड़ी चुनौती है. दानापुर से पटना के बीच दो स्टेबलिंग लाइनों को हटाकर तीसरी और चौथी लाइन बनाई जाएगी. वहीं पटना से पटना सिटी के बीच जगह की कमी के कारण अप और डाउन दिशा के लिए एक अतिरिक्त लाइन बनाई जाएगी, जिसे जरूरत के अनुसार दोनों दिशाओं में इस्तेमाल किया जा सकेगा. गौरतलब है कि पीडीडीयू जंक्शन–झाझा रेल लाइन का निर्माण 1860-70 के दशक में हुआ था और बाद में इसे दोहरी लाइन में बदला गया. समय के साथ जनसंख्या और औद्योगीकरण बढ़ने से इस रूट पर यात्री और मालगाड़ियों की संख्या काफी बढ़ गई. ट्रैक क्षमता से ज्यादा ट्रेनों के चलने के कारण रखरखाव और समय पालन में दिक्कतें आने लगी थीं.
ऐसे बढ़ेगी क्षमता
इन समस्याओं को दूर करने के लिए ट्रैक क्षमता बढ़ाना जरूरी हो गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ-साथ तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण किया जा रहा है. इससे यात्री और मालगाड़ियों का संचालन सुचारू होगा और भविष्य में कई नई ट्रेनों के संचालन का रास्ता भी खुलेगा.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 19, 2025, 08:04 IST

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