Last Updated:September 21, 2025, 08:41 IST
Caste Based Reservation: समाज के निचले पायदान के लोगों के लिए समान अवसर मुहैया कराने की नीयत के साथ आरक्षण की व्यवस्था की गई है. पिछले कुछ महीनों के दौरान कुछ राज्यों ने कास्ट सेंसस यानी जाति आधारित जनगणना भी कराई है, ताकि आबादी के लिहाज से आरक्षण की सुविधा दी जा सके.

Caste Based Reservation: देश के वंचित तबके को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है. जाति के आधार पर रिजर्वेशन की सुविधा दी जा रही है. कुछ साल पूर्व केंद्र ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी आरक्षण के दायरे में लाया है. इस देश में कई बार इस बात को लेकर बहस चलती रहती है कि क्या कास्ट बेस्ड रिजर्वेशन उचित है या फिर इसे खत्म कर आरक्षण के लिए नया फॉर्मूला अपनाना चाहिए. मतलब आर्थिक आधार पर या फिर सिर्फ जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिल सके, जिसके लिए सरकार मानक तय करे. शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले ने जाति आधारित आरक्षण पर बड़ी बात कही है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि रिजर्वेशन जरूरतमंदों को मिलना चाहिए. देश में आरक्षण राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा रहा है.
दरअसल, सुप्रिया सुले से आरक्षण पर सवाल पूछा गया था. इसपर उन्होंने कहा कि सभी के लिए अवसर की समानता होनी चाहिए. सुप्रिया सुले ने कहा, ‘आरक्षण उन्हें मिलना चाहिए जिनको सही मायने में इसकी जरूरत है.’ उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा, ‘मेरे माता-पिता शिक्षित हैं. मैं एजुकेटेड हूं और मेरे बच्चे पढ़े-लिखे हैं. ऐसे में यदि मैं भी आरक्षण की मांग करती हूं तो मुझे इसको लेकर शर्म आनी चाहिए.’ हालांकि, सुप्रयिा सुले ने इसपर और अध्ययन करने और जाति के साथ ही आर्थिक आधार दोनों का एक प्रॉपर कॉम्बिनेशन तैयार कर उसके बेस पर आरक्षण देने की बात कही है. भारतीय राजनीति में आरक्षण हमेशा से ही सेंसिटिव इश्यू रहा है. इस लिहाज से सुप्रिया सुले का यह बयान काफी अहम है.
शरद पवार भी कह चुके हैं बड़ी बात
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-एसपी के प्रमुख और सुप्रिया सुले के पिता शरद पवार ने आरक्षण मुद्दे पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि देशभर में आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने में केंद्र सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है. सरकार को संसद के जरिए संविधान में संशोधन कर आरक्षण पर फैसला लेना चाहिए. एनसीपी-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘आरक्षण के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उचित समय पर संविधान में संशोधन करके सुलझाना चाहिए.’ शरद पवार ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर समाज में दरार पैदा हो रही है, जिससे समाज में कटुता और दुराव पैदा हो रही है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 21, 2025, 08:38 IST