देश में यूपी और बिहार में क्यों होती हैं सबसे ज्यादा हत्याएं, केरल में सुसाइड

2 days ago

Last Updated:October 01, 2025, 17:02 IST

Most Murder States : नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. उनके अनुसार पूरे देश में हत्याओं के मामले में यूपी और बिहार सबसे आगे हैं. क्या वजहें हैं इनकी. इसी तरह केरल आत्महत्याओं में सबसे टॉप पर है.

देश में यूपी और बिहार में क्यों होती हैं सबसे ज्यादा हत्याएं, केरल में सुसाइड

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने देश में अपराधों को लेकर वर्ष 2023 को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है. इसके अनुसार भारत में 2023 में कुल 27,721 मर्डर के मामले दर्ज किये गए. हालांकि इसमें इसके पिछले वर्ष की तुलना में 2.8% कमी तो आई है. हालांकि पूरे देश में अपराधों की संख्या करीब 7% बढ़ी है. खास बात ये है कि यूपी और बिहार ऐसे राज्य हैं जहां देश में सबसे ज्यादा हत्याएं होती हैं. आखिर ऐसा क्यों है. इसकी वजहें क्या हैं. साथ ही ये भी देखेंगे कि आखिर क्यों देश के सबसे शिक्षित राज्य केरल में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं होती हैं.

पिछले वर्षों में केरल में आत्महत्याओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है – 2020 में ये करीब 8,500 थीं तो 2021 में 9,549, और 2022 में 10,162. केरल में 2023 में कुल 10,972 आत्महत्या की घटनाएं दर्ज हुईं. NCRB 2023 डेटा में उत्तर प्रदेश में हत्याओं की संख्या 3,491 थी. वहीं बिहार में 2023 में हत्या के मामलों की संख्या 2,930 बताई गई.

सवाल – आखिर क्यों पूरे देश में सबसे ज्यादा हत्याएं यूपी और बिहार में होती हैं और ये पिछले कई सालों से हो रहा है?

– इसके पीछे सबसे बड़ी वजह उत्तर प्रदेश और बिहार का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य होना भी है. अधिक आबादी होने की वजह से अपराधों की संख्या भी होना लाजिमी है. इस वजह से यहां अपराध, अपराधी और शिकार सभी की संख्या अधिक है. हालांकि प्रति लाख जनसंख्या की दर के हिसाब से भी इन दोनों राज्यों में अपराध की दर ज्यादा है.

इन राज्यों में ज़मीन, संपत्ति और भूमि विवाद बहुत आम हैं. बहुत सी हत्याएं इसी वजह से होती हैं. पटना समाचार की एक रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार में सबसे ज्यादा हत्याएं भूमि विवाद को लेकर होती हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट भी यही बात कहती है, बिहार में ज्यादा हत्याओं की मुख्य वजह भूमि विवाद और संपत्ति संबंधी मामले हैं. युवाओं की बेरोज़गारी और आर्थिक अस्थिरता भी हिंसा की प्रवृत्ति को बढ़ाती है.

सवाल – क्या इन दोनों राज्यों में पुलिस तंत्र और प्रशासन ज्यादा प्रभावी नहीं है?

– ऐसा नहीं कह सकते लेकिन ये संभव है कि उच्च अपराध दर वाले क्षेत्रों में अक्सर पुलिस तंत्र अव्यवस्थित, कम संसाधन वाला या भ्रष्ट हो सकता है. आरोपियों की पहचान और दंड सुनिश्चित करने की प्रणाली कमजोर हो सकती है. इससे अपराधी निडर हो जाते हैं और उन्हें दंड का डर नहीं होता. फिर ग्रामीण इलाकों या पिछड़े क्षेत्रों में पुलिस की पहुंच और सक्षम फोरेंसिक संसाधन की कमी भी है.

सवाल – सामाजिक भेदभाव कितनी वजह बनते हैं?

– इन दोनों राज्यों में सामाजिक तौर पर ऊंच नीच बहुत ज्यादा है. ये भी सामूहिक संघर्ष, राजनीतिक हिंसा, माओवादी – नक्सलवादी गतिविधियों और सामुदायिक टकराव की वजह बनता है, जो हत्या जैसे गंभीर अपराधों को बढ़ाता है.

सवाल – वैसे NCRB रिपोर्ट खुद इसकी वजह क्या बताती है?

– नेशनल क्राइम ब्यूरो इसके लिए जिन वजहों को गिनाती है, उसमें इन दोनों राज्यों में हत्या के मामले अधिक होने के पीछे सामाजिक, आर्थिक, और कानून व्यवस्था से जुड़े कारक हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि हत्या के पीछे रंगदारी के लिए अपहरण, सामाजिक और सांप्रदायिक संघर्ष, परिवारिक नाराजगी और अन्य आपराधिक कारण हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार में सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि और कमजोर प्रशासन हत्याओं में बढ़ोतरी का कारण माना गया.

NCRB की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश और बिहार में हत्याओं के कारणों को लेकर सामाजिक, आर्थिक और कानून व्यवस्था में कमजोरी को जिम्मेदार ठहराया गया है.

सवाल – केरल में देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं क्यों होती हैं?

– केरल में सामाजिक जागरूकता और सरकारी तंत्र अपेक्षाकृत बेहतर है. लेकिन यही बात युवाओं और लोगों में दबाव भी लाती है. उनसे अपेक्षाएं बढ़ाती है. केरल अन्य राज्यों से अपेक्षाकृत अधिक शिक्षित, विकसित और सामाजिक चेतना वाला राज्य है लेकिन इसी वजह से राज्य में अपेक्षाएं भी ज्यादा हैं. ये पढाई – लिखाई और रिजल्ट में बेहतर प्रदर्शन, करियर में सफलता और पारिवारिक उम्मीदों से जुड़ा होता है. ये सभी बातें दबाव बढ़ाती हैं. यदि व्यक्ति अपेक्षा पर खरा नहीं उतर पाता तो निराशा भी ज्यादा हो जाती है. ये सही है कि केरल में युवा वर्ग नौकरियों और सफलता को लेकर ज्यादा दबाव में रहता है.

केरल जैसे अधिक विकसित राज्यों में, पारंपरिक परिवार संरचना में कमी आई है. जिससे सामाजिक समर्थन का तानाबाना कमजोर पड़ रहा है. दिल का टूटना, पारिवारिक कलह, विवाह विफलता, तलाक या असमर्थता की भावना आत्महत्याओं की वजह बन सकती हैं. केरल की आत्महत्या दर 2023 में प्रति लाख जनसंख्या 30.9 बताई गई है.

सवाल – क्या भारत का कोई ऐसा राज्य है जहां अपराध नहीं के बराबर है?

– भारत में ऐसा कोई राज्य या केंद्रशासित प्रदेश नहीं है जहां अपराध बिल्कुल नहीं हैं या शून्य हैं. NCRB के आंकड़े बताते हैं कि कुछ छोटे राज्यों और केंद्रशासित राज्यों को इस मामले में शांत राज्य कहा जा सकता है.
सिक्किम हत्या के मामलों में सबसे कम संख्या वाला राज्य है. 2023 की NCRB रिपोर्ट के अनुसार, सिक्किम में केवल 9 हत्याएं दर्ज हुईं, जबकि उत्तर प्रदेश में 3,491. छोटा राज्य होने और कम आबादी की वजह से अपराध का ग्राफ भी बहुत कम है. यहां सबसे ज्यादा अपराध ड्रग्स से जुड़े होते हैं.

केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में अपराध दर नहीं के बराबर है. यहां हत्या, बलात्कार, और संगठित अपराध जैसे मामले बहुत ही कम दर्ज होते हैं. यहां की आबादी महज 70 से 80 हजार है.

मिज़ोरम और नागालैंड में भी संगठित अपराध या उग्रवाद से जुड़े केस कभी-कभी ही सामने आते हैं. अपराध में हत्या, चोरी, बलात्कार जैसे मामले बहुत कम संख्या में दर्ज होते हैं. समुदाय आधारित समाज और घनिष्ठ सामाजिक ढांचे की वजह से भी यहां अपराध दर कम है. दमन एवं दीव, दादरा और नगर हवेली, अंडमान-निकोबार में भी अपराध का अनुपात नगण्य है.

Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें

लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...

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Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

October 01, 2025, 17:02 IST

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