ट्रंप का फैसला बना अमेरिका की नई सिरदर्दी, H-1B फीस बढ़ोतरी पर भड़का चैंबर ऑफ कॉमर्स

3 weeks ago

H-1B Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत अब एच-1बी आवेदकों को प्रायोजित करने वाली कंपनियों के लिए शुल्क बढ़ाकर 100000 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया. इस बीच, अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रम्प प्रशासन के एच-1बी कार्यकारी आदेश पर चिंता व्यक्त की है. अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रंप प्रशासन को कर्मचारियों, उनके परिवारों और नियोक्ताओं पर इसके प्रभाव को लेकर चेतावनी दी है. चैंबर ने एक बयान में कहा कि हम कर्मचारियों, उनके परिवारों और नियोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं. हम प्रशासन और अपने सदस्यों के साथ मिलकर इसके पूर्ण निहितार्थों और आगे के सर्वोत्तम मार्ग को समझने के लिए काम कर रहे हैं.

अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ( यूएस सीआईएस) ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल 21 सितंबर के बाद दायर किए गए नए आवेदनों पर ही लागू होगा, पहले से प्रस्तुत याचिकाओं पर नहीं. अमेरिकी सीआईएस निदेशक जोसेफ बी एडलो ने एक ज्ञापन में कहा कि यह घोषणा केवल उन याचिकाओं पर लागू होती है जो अभी तक दायर नहीं की गई हैं. यह घोषणा उन विदेशियों पर लागू नहीं होती है जो: घोषणा की प्रभावी तिथि से पहले दायर की गई याचिकाओं के लाभार्थी हैं. 

सदन की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह शुल्क एक बार का शुल्क है, वार्षिक शुल्क नहीं. कैरोलिन लेविट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि स्पष्ट कर दूं: यह कोई वार्षिक शुल्क नहीं है. यह एक बार का शुल्क है जो केवल याचिका पर लागू होता है. यह केवल नए वीजा पर लागू होता है, नवीनीकरण पर नहीं, और वर्तमान वीजा धारकों पर भी नहीं. उन्होंने यह भी बताया कि एच-1बी वीजा धारकों से यह शुल्क नहीं लिया जाएगा जो वर्तमान में देश से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास पहले से ही एच-1बी वीजा है और जो इस समय देश से बाहर हैं, उनसे पुनः प्रवेश के लिए 100000 डॉलर नहीं लिए जाएंगे. एच-1बी वीजा धारक देश से बाहर जा सकते हैं और पुनः प्रवेश कर सकते हैं, जैसा कि वे सामान्यतः करते हैं; ऐसा करने की उनकी जो भी क्षमता है, उस पर कल की घोषणा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि एच-1बी वीजा पर शुल्क वृद्धि आगामी लॉटरी चक्र में लागू की जाएगी.

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