Last Updated:September 14, 2025, 14:53 IST
ओडिशा के एक आदिवासी स्कूल में बच्चों के आंखों के गोंद से चिपकने से कोहराम मच गया. सुबह-सुबह अफरातफरी में हॉस्पिटल में जाना पड़ा. दरअसल, बाद में पता चला कि दोस्तों ने ही मजाक में इन बच्चों के आंखों गोंद डाल दिया.
दोस्तों की मजाक की वजह से अस्पताल पहुंचे बच्चे. (इमेज- फाइल फोटो)ओडिशा के कंधमाल जिले में एक सरकारी आदिवासी कल्याण आवासीय (टीआरडब्ल्यू) स्कूल के सुबह-सुबह कोहराम मच गया. दरअसल, सुबह हॉस्टल में जगने के बाद कम से कम आठ बच्चे आंख नहीं खोल पा रहे थे. आननफानन में उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया. स्कूल के कुछ शिक्षकों ने बताया कि कुछ छात्रों ने कथित तौर पर छात्रावास में सोते समय उनकी आँखों में एक तेज चिपकने वाला पदार्थ डाल दिया था.
यह घटना शुक्रवार को फ़िरिंगिया ब्लॉक के सालगुडा सेवाश्रम स्कूल में हुई. हालांकि, इसकी जानकारी अगली सुबह तब सुर्खियों में आई, जब लगभग 12 साल की उम्र के और कक्षा 4 और 5 में पढ़ने वाले पीड़ित गंभीर दर्द से कराह रहे थे. वे अपनी आँखें नहीं खोल पा रहे थे. उन्हें पहले गोछापाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में उनमें से सात को आगे के इलाज के लिए फूलबनी के जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) में भेज दिया गया.
शिक्षिका को पता चला
पुलिस ने अपनी जांच में बताया कि आठ छात्रों में से एक को आंखें खोलने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से ही छुट्टी दे दी गई. वहीं, शिक्षिका प्रेमलता साहू ने बताया, ‘सुबह करीब 7 बजे, मैं छात्रावास गई. देखा तो कई बच्चे कराह रहे थे, वे अपनी आंख नहीं खोल पा रहे थे. इस घटना के शिकार छात्रों की संख्या आठ थी. बाद में, मुझे पता चला कि कुछ छात्रों ने अपनी आंखों पर कोई गोंद लगा रखा था. कंधमाल के जिला कल्याण अधिकारी (DWO) ने भी स्थिति का जायजा लेने और बच्चों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल का दौरा किया.
ब्रश करने, नास्ते में टीचर ने की मदद
शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने छात्रों को पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने से पहले उनके दाँत ब्रश करने और नाश्ता खिलाने में मदद की. साहू ने आगे कहा, “हमें नहीं पता कि इसके पीछे कोई आपराधिक मामला है या नहीं, लेकिन हमें शक है कि कुछ छात्रों ने मजे के लिए ऐसा किया होगा. हम मामले की जांच कर रहे हैं.‘
बच्चों की शरारत
कई अभिभावक और अन्य लोग इसे एक शरारत मान रहे हैं. अभिभावकों और समुदाय के नेताओं ने ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए छात्रावासों में कड़ी निगरानी की मांग की है. इस बीच, स्थानीय सरपंच रोहित कहानरा ने शिक्षकों पर अनियमित उपस्थिति और स्कूल में गिरते शैक्षणिक स्तर का आरोप लगाया. सरपंच ने आगे कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन, खंड विकास अधिकारी और जिला कल्याण अधिकारी के समक्ष बार-बार यह मुद्दा उठाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
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First Published :
September 14, 2025, 14:53 IST

1 month ago
