Last Updated:November 04, 2025, 12:02 IST
West Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की है. 2002 और मौजूदा वोटर लिस्ट के मिलान में सिर्फ 32.06% नाम ही मेल खा रहे हैं. यह प्रक्रिया मार्च 2026 तक चलेगी. मतदाताओं को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.
पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण मंगलवार से शुरू कर दिया. (फाइल फोटो)पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग (ECI) ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण मंगलवार से शुरू कर दिया. तीन चरणों वाले इस अभियान के तहत 2002 की वोटर लिस्ट और मौजूदा लिस्ट का मिलान किया है. दोनों सूचियों के बीच अब तक हुए ‘मैपिंग और मैचिंग’ के निष्कर्षों के अनुसार, मौजूदा मतदाता सूची में केवल 32.06 प्रतिशत नाम ही 2002 की मतदाता सूची में मौजूद हैं.
बंगाल में पिछली बार SIR 2002 में आयोजित की गई थी और वर्तमान एसआईआर के लिए इसे आधार माना गया है. इसके तहत वोटर लिस्ट के नामों की ‘मैपिंग और मैचिंग’ जारी है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक सूत्र ने बताया, ‘पश्चिम बंगाल में मौजूदा मतदाता सूची में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.66 करोड़ है. अब तक किए गए ‘मैपिंग और मैचिंग’ के अनुसार, 2.46 करोड़ से भी कम ऐसे मतदाताओं के नाम मिले हैं, जिनके नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की मतदाता सूची में थे.’ हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि ‘मैपिंग और मैचिंग’ का काम पूरी तरह पूरा होने के बाद अंतिम संख्या अलग हो सकती है.
नियमों के अनुसार, मौजूदा सूची में शामिल जिन मतदाताओं के नाम या उनके माता-पिता के नाम 2002 की सूची में हैं, उन्हें खुद ब खुद असली मतदाता माना जाएगा और उन्हें नई वोटर लिस्ट में अपना नाम बनाए रखने के लिए विधिवत भरे हुए गणना फॉर्म के अलावा कोई अन्य सहायक दस्तावेज जमा नहीं करना होगा.
हालांकि, जिन मतदाताओं के नाम 2002 की सूची में नहीं हैं, उन्हें चुनाव आयोग की ओर से अनिवार्य किए गए किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा. हालांकि आधार कार्ड को ऐसे दस्तावेजों की सूची में शामिल किया गया है, लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल आधार कार्ड ही पर्याप्त नहीं होगा और संबंधित मतदाता को चुनाव आयोग की तरफ से बताए 11 अन्य दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा. आधार को न तो नागरिकता प्रमाण माना जाएगा और न ही आयु प्रमाण.
SIR तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा. पहले चरण में, बीएलओ गणना प्रपत्र लेकर हर घर पहुंचेंगे और संबंधित मतदाताओं का विवरण एकत्र करेंगे. पहले चरण के अंत में, राज्य की मसौदा मतदाता सूची की घोषणा की जाएगी.
इसके बाद दूसरे चरण में, कोई भी राजनीतिक दल या व्यक्तिगत मतदाता मसौदा सूची पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेगा, जिसका निपटारा चुनाव आयोग की ओर से किया जाएगा.
इसके बाद, तीसरे और अंतिम चरण में, ईआरओ व्यक्तिगत राजनीतिक दलों या व्यक्तिगत मतदाताओं से प्राप्त शिकायतों का निपटारा करेंगे, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी.
पूरी प्रक्रिया अधिकतम मार्च 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है. पश्चिम बंगाल में अगले साल तीन अन्य राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के साथ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
November 04, 2025, 11:53 IST

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