'हुआ तो हुआ...' कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या पर क्या बोल गए फारूक अब्दुल्लाह

13 hours ago

Last Updated:May 03, 2025, 11:06 IST

Farooq Abdullah on Hindu Killings in Kashmir: फारूक अब्दुल्लाह ने 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा 'मेरे कार्यकाल में नरसंहार हुआ तो हुआ, क्या करें'. बीजेपी ने इसे गैर-...और पढ़ें

'हुआ तो हुआ...' कश्मीर में हिन्दुओं की हत्या पर क्या बोल गए फारूक अब्दुल्लाह

फारूक अब्दुल्लाह ने पीओके को लेकर अपने पुराने बयान पर माफी मांगी है.

हाइलाइट्स

फारूक अब्दुल्लाह ने 1990 के नरसंहार पर विवादित बयान दिया.बीजेपी ने फारूक के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया.फारूक ने कहा, "मेरे कार्यकाल में नरसंहार हुआ तो हुआ, क्या करें."

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्लाह एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर गए हैं. न्यूज18 इंडिया को दिए एक्सक्लुसिव इंटरव्यू में फारूक ने 1990 के दौरान कश्मीरी पंडित के हुए नरसंहार पर सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘मेरे कार्यकाल में नरसंहार हुआ तो हुआ, क्या करें.’ फारूक ने यह भी कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री नहीं थे, और उन्होंने जगमोहन को राज्यपाल बनाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था.

फारूक अब्दुल्ला के इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी है. बीजेपी ने उनके बयान को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ करार देते हुए तीखी आलोचना की है.

News18 इंडिया के सीनियर एडिटर अमन चोपड़ा को दिए इंटरव्यू में फारूक अब्दुल्लाह ने 1990 के कश्मीरी पंडित नरसंहार को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘जब कश्मीर में नरसंहार हुआ, तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था. मैंने जगमोहन को राज्यपाल बनाए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था. अगर मुझे पता होता कि 19 तारीख को क्या होने जा रहा है, तो मैं भारत सरकार को बताता. मैंने हिंसा के बारे में सरकार को आगाह करने के बाद इस्तीफा दिया.’

फारूक ने यह भी दावा किया कि उस दौरान उनकी पार्टी के 1500 वर्कर मारे गए. उन्होंने कहा, ‘मस्जिद से निकलते ही गोलियां मारी गईं. विधानसभा पर हमला हुआ, जिसमें 40 लोग मारे गए. आतंकी विधानसभा में मुझे ढूंढ रहे थे.’

‘केंद्र ने मदद नहीं की, सिर्फ 19 कंपनियां मांगी थीं’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘मैंने भारत सरकार के गृहमंत्री से कुछ कंपनियां मांगी थीं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. मैंने सिर्फ 19 कंपनियां मांगी थीं, जो मुझे नहीं दी गईं.’ फारूक ने यह भी कहा कि केंद्र ने अनुच्छेद 370 को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन उसका खात्मा करने के बाद भी आतंकवाद खत्म नहीं हुआ. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या 370 हटाने से आतंकवाद खत्म हो गया?’

जब भड़क गए फारूक अब्दुल्लाह
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने पर फारूक अब्दुल्लाह भड़क गए. उन्होंने कहा, ‘आप सारा ब्लेम मुझ पर ही लगा रहे हैं. आप नरसंहार के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं. आप वनसाइड हैं, आप मुझे फांसी पर लटकाना चाहते हैं.’ फारूक ने यह भी कहा, ‘अगर आप मुझे जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं, तो मुझे कोर्ट में ले चलिए.’ सबसे विवादास्पद बयान तब आया जब उन्होंने कहा, ‘मेरे कार्यकाल में नरसंहार हुआ तो हुआ, क्या करें.’

बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
फारूक अब्दुल्लाह के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी मीडिया सेल के चीफ अमित मालवीय ने अब्दुल्लाह के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा, ‘कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार… ‘हुआ तो हुआ’: फारूक अब्दुल्ला, कल तक पाकिस्तानियों के देश निकाले पर आंसू बहा रहे थे, अब कश्मीरी हिंदुओं की त्रासदी पर संवेदनहीनता दिखा रहे हैं.’

सीनियर अब्दुल्लाह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसे लेकर देशभर के लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है.

Location :

Srinagar,Jammu and Kashmir

homenation

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