हरियाणा में 62000 महिलाओं पर क्यों है BJP सरकार नजर? स्टाफ की लगा दी ड्यूटी

3 weeks ago

Last Updated:April 16, 2025, 12:57 IST

Haryana Girl Child Ratio: हरियाणा में लिंगानुपात 927 से घटकर 910 हो गया है. सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. 62 हजार महिलाओं पर नजर रखी जा रही है. बिना रजिस्ट्रेशन अल्ट्रासाउंड नहीं हो...और पढ़ें

हरियाणा में 62000 महिलाओं पर क्यों है BJP सरकार नजर? स्टाफ की लगा दी ड्यूटी

प्रदेश में कई एमटीपी सेंटर्स को बंद किया गया है और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

हाइलाइट्स

हरियाणा में लिंगानुपात 927 से घटकर 910 हो गया है.62 हजार महिलाओं पर नजर रखी जा रही है.बिना रजिस्ट्रेशन अल्ट्रासाउंड नहीं होगा.

रोहतक. हरियाणा में गिरते लिंगानुपात को लेकर हमेशा से चिंता रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम के बाद कुछ सुधार हुआ था, लेकिन 2024 के आंकड़े फिर से चिंता बढ़ा रहे हैं. हरियाणा में 1000 लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 927 से घटकर 910 रह गई है. इस पर प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है और स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं. उधर, सरकार अब 62 हजार महिलाओं पर नजर रख रही है, जिनकी केवल एक ही संतान बेटी के तौर पर है.

दरअसल, प्रदेश में कई एमटीपी सेंटर्स को बंद किया गया है और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. अब गर्भवती महिला का रजिस्ट्रेशन किए बिना उसका अल्ट्रासाउंड नहीं होगा. इसके अलावा, आशा वर्कर और एएनएम को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की जानकारी विभाग को दें और उनकी डिलीवरी तक मॉनिटरिंग करें. प्रदेश में लगभग 62000 ऐसी महिलाओं की पहचान की गई है, जिनके घर में पहली संतान लड़की है. इन पर नजर रखने के लिए आशा वर्कर और एएनएम स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि किसी भी स्थिति में गर्भपात न हो.

रोहतक के सिविल सर्जन रमेश चंद्र ने बताया कि गिरता लिंगानुपात चिंता का विषय है. स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार इस पर कड़े कदम उठा रही है. हम लगातार एमटीपी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर नजर रख रहे हैं. अगर कोई गर्भपात करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. हाल ही में उत्तर प्रदेश से भी कई मामले सामने आए हैं, जहां लिंग जांच और गर्भपात किया जा रहा था. हम लिंगानुपात सुधारने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं.

आईवीएफ सेंटरों पर भी नजर

बेटियों की संख्या में गिरावट के चलते ऐसे में अब प्री-कंसेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (PNDT) एक्ट को सख्ती से लागू करने और गिरते लिंग अनुपात को रोकने के लिए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. विभाग जल्द ही पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र लिखकर हर जिले में डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में समर्पित पुलिस सेल बनाने की मांग करेगा. ये विशेष इकाइयाँ छापेमारी करने, एफआईआर दर्ज करने और अवैध लिंग निर्धारण और महिला भ्रूण हत्या नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए नकली ग्राहकों को भेजने के लिए प्रशिक्षित की जाएंगी. सरकार की तरफ से 12 आईवीएफ सेंटरों को बंद किया गया है. वहीं, 27 रडार पर हैं. गौरतलब है कि 2024 में 5 लाख से अधिक बच्चों ने जन्म लिया, जिसमें 46 फीसदी बेटियां हैं.

First Published :

April 16, 2025, 12:57 IST

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