Last Updated:December 15, 2025, 14:36 IST
Haryana Expensive Horse: हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा में पशु मेले में एक घोड़ा चर्चा में है.घोड़े के मालिक ने बताया कि उसकी एक करोड़ रुपये तक कीमत लगाई गई है. पंजाब के सरपंच इस घोड़े के मालिक हैं, जिन्होंने घोड़ों की देखभाल के लिए तीन लोग रखे हैं. उनके बेटे विदेश में रहते हैं.
पशु मेले में आया नुकरा नस्ल का घोड़ा 'प्रताप रूप' सबका ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है. कुरुक्षेत्र. हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में चल रहे पशु मेले में आया नुकरा नस्ल का घोड़ा ‘प्रताप रूप’ सबका ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है. पंजाब के संगरूर जिले से लाया गया घोड़ा ‘प्रताप रूप’ सिर से पांव तक सफेद रंग का है. 28 महीने का यह जवान घोड़ा 67 इंच ऊंचा है.
मेले के दूसरे दिन यहां पहुंचे पशुपालक और पर्यटक प्रताप रूप को घेरते नजर आए.अधिकतर लोग तो इस घोड़े की कीमत सुनकर हैरान हो गए. मालिक सरपंच हरप्रीत सिंह और उनके पिता निर्भय सिंह ने 1 करोड़ रुपए में भी नहीं बेचा.
तूर वंजारा गांव के सरपंच हरप्रीत सिंह ने बताया कि प्रताप रूप की ऊंचाई, रंग और नस्ल की शुद्धता ने 1 करोड़ की कीमत दिला दी है, लेकिन अभी बिक्री का कोई इरादा नहीं. अगर सही खरीदार मिला, जो इसकी देखभाल कर सके, तभी विचार करेंगे. प्रताप रूप 1 सेकेंड में 40 फीट तक दौड़ लगाता है.
सेवा के लिए 3 लोग रखे
हरप्रीत सिंह बताते हैं कि प्रताप रूप की सेवा के लिए 3 लोग रखे हुए हैं. इसके अलावा वे और उनके पिता निर्भय सिंह भी उसकी सेवा में लगे रहते हैं. उनके पास और भी कई घोड़े हैं, जिनके लिए डेढ़ एकड़ में फॉर्म बना रखा है, लेकिन प्रताप रूप घर में ही रहता है. हरप्रीत सिंह ने बताया कि प्रताप रूप को 3 टाइम अलग-अलग खाना खिलाते हैं. सुबह के समय प्रताप को 2 से 3 किलो काले चने दिए जाते हैं. 11 बजे उसे फॉर्म में घुमाने के लिए लेकर जाते हैं. दोपहर को फॉर्म में उसे खुला रखते हैं, जहां वो घास चरता है. फिर घर लाकर दूध पिलाते हैं. सर्दी में दूध में बादाम को डालकर उबालकर दिया जाता है. इसके बाद खाने के लिए उबला देते हैं. गर्मी के दिनों में उसे सप्ताह में 2 दिन के लिए सेब भी खाने में दिए जाते हैं.
हर रोज नहाता प्रताप रूप
हरप्रीत सिंह ने बताया कि प्रताप रूप को हर रोज नहलाया जाता है. नहलाने के बाद उसकी तेल से मालिश करते हैं. उसे नहलाने और तेल मालिश में एक घंटे का समय लगता है. इसमें उनके साथ फॉर्म पर काम करने वाले 3 लोग उनकी मदद करते हैं. निर्भय सिंह ने बताया कि उनका 2 बेटे दलजीत सिंह ऑस्ट्रेलिया और गुरप्रीत सिंह न्यूजीलैंड में रह रहे हैं. बेटे दलजीत सिंह के कारण उनको घोड़े रखने का शौक पड़ गया. इस शौक की वजह से अपना पुश्तैनी मकान छोड़ दिया. इस पुश्तैनी मकान में प्रताप रूप और दूसरे घोड़े प्रेम रतन को रखते हैं.
बेटा लेकर आया घोड़ी
निर्भय सिंह बताते हैं कि उनके बेटे दलजीत सिंह को घोड़ा रखने का शौक है. उसने अपने लिए घोड़ा खरीदने की बात कही, मगर उन्होंने मना कर दिया था. करीब 4 साल पहले दलजीत ने एक घोड़ी खरीद ली, लेकिन घर में किसी को नहीं बताया. दलजीत ने घोड़ी खरीद उसे अपने एक दोस्त के पास रखा. करीब 3 महीने उनको पता चला कि दलजीत ने घोड़ी खरीद रखी है. फिर उन्होंने उसे घर पर रखने की इजाजत दे दी. उसके बाद उन्होंने उस घोड़ी की सवारी की. गांव से खेत तक वे घोड़ी पर ही जाने लगे. उसके बाद उनका शौक भी बढ़ गया.
प्रेम रत्न नोट फॉर सेल
वे उस घोड़ी को घर में रखते थे. दलजीत के ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद घोड़ी ने बछेड़ा (को जन्म दिया, जिसका नाम प्रेमरतन रखा है. प्रेमरतन सिर्फ 18 महीने का मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा है. उन्होंने बताया कि इस घोड़ी के बाद ही उन्होंने अपने लिए 60 लाख रुपए में प्रताप रूप को खरीदा था. वे प्रताप रूप पर बैठकर ही गांव में गेड़ियां मारते हैं. आज वे खेती छोड़कर घोड़ों का व्यापार भी कर रहे हैं.
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Vinod Kumar Katwal, a Season journalist with 14 years of experience across print and digital media. I have worked with some of India’s most respected news organizations, including Dainik Bhaskar, IANS, Punjab K...और पढ़ें
Location :
Kurukshetra,Haryana
First Published :
December 15, 2025, 14:33 IST

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