Last Updated:April 23, 2025, 09:08 IST
Chattisinghpora Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की हत्या की, जिससे देश में आक्रोश है. पीएम मोदी सऊदी अरब यात्रा छोड़कर देश लौटे आए हैं. अमित शाह ने भी रातभर मीटिंग की. राहुल...और पढ़ें

पहलगाम आतंकवादी हमले पर हर तरफ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
हाइलाइट्स
चिट्टीसिंहपुरा में 35 सिख पुरुषों की हत्या हुई.पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या से देश में आक्रोश.पीएम मोदी सऊदी अरब यात्रा छोड़कर लौटे.Chattisinghpora Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. इस घटना ने पटरी पर लौट रही जम्मू-कश्मीर की पर्यटन इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका दिया है. घाटी घूमने आए पर्यटकों की चुन-चुनकर हत्या काफी विचलित करने वाली है. भारत सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है. पीएम मोदी सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौट आए हैं. गृह मंत्री अमित शाह पूरी रात जम्मू-कश्मीर में मीटिंग करते रहे. उधर, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी अमित शाह से बात कर इस घटना के खिलाफ कार्रवाई में सरकार का साथ देने की बात कही है.
वैसे घाटी में आतंकवादियों द्वारा निर्दोषों की हत्या का यह पहला मामला नहीं है. बीते दो दशक में पर्यटकों पर यह सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है. आमतौर पर आतंकवादी पर्यटकों को निशाना नहीं बनाते थे. लेकिन, इस घटना ने पूरी मानवता को झकझोरकर रख दी है.
पहलगाम पर हमले से पहले घाटी में ऐसे कई नरसंहार देखे हैं. कुछ ऐसा ही मार्च 2000 में हुआ था. उस वक्त अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर थे. 21 मार्च 2000 की रात इसी अनंतनाग जिले के चिट्टीसिंहपुरा में नरसंहार हुआ था. आतंकवादियों ने सिखों के इस गांव को निशाना बनाया. आतंकवादियों ने गांव के सभी मर्दों को घर से बाहर निकाला और उनको गुरद्वारे में लाइन में खड़ा करवाकर गोली मार दी. इस घटना में 35 सिख पुरुष मारे गए. इस घटना के बाद पार्थिबल और बराकपोरा में भी आतंकवादी हमले हुए. इन सभी हमलें में करीब 15 दिनों के भीतर 49 आम नागिरक मारे गए थे.
चिट्टीसिंहपुरा नरसंहार
चिट्टीसिंहपुरा एक छोटा गांव है. इस घटना में गांव में केवल एक पुरुष बच गए. उन्होंने ही इस घटना की पूरी जानकारी मीडिया को दी थी. इन मारे गए 35 लोगों में एक 16 साल का लड़का भी शामिल है. आतंकवादियों ने पहले लोगों की तलाशी लेने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर सबको मार दिया. इस घटना के पीछे लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों का हाथ सामने आया. बिल क्लिंटन के दौरे के वक्त हुए इस हमने ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी. हमला करने वाले आतंकवादियों की संख्या 15 से 17 थी. 1990 के दशक में कश्मीर घाटी में पनपे आतंकवाद के पहली बार सिख समुदाय को निशाना बनाया गया था. इससे पहले कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों को आतंकवादियों के जुर्म का निशाना बनाया गया था. 1990 के दशक में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों घाटी छोड़ना पड़ा था.
First Published :
April 23, 2025, 09:08 IST