Last Updated:June 18, 2025, 12:16 IST
RS 100/200 Note Update : देश के ज्यादातर बैंकों के एटीएम में अचानक 100 और 200 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ने लगी है. आरबीआई ने भी सभी बैंकों से कहा है कि सितंबर तक 75 फीसदी एटीएम में छोटी करेंसी जरूर होनी चाह...और पढ़ें

आरबीआई ने बैंकों से छोटे नोट एटीएम में भरने का निर्देश दिया है.
हाइलाइट्स
आरबीआई ने एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोट बढ़ाने का निर्देश दिया.31 मार्च 2026 तक 90% एटीएम में छोटी करेंसी होनी चाहिए.500 रुपये के नोट बंद करने की अटकलें तेज.नई दिल्ली. क्या आपने भी इस बात पर गौर किया है कि आजकल एटीएम से 100 और 200 रुपये के नोट भी खूब निकलने लगे हैं, जबकि कुछ दिनों पहले तक ज्यादातर 500 रुपये के नोट ही निकलते थे. आखिर अचानक यह बदलाव क्यों आया है. पिछले दिनों खबर थी कि रिजर्व बैंक अब 500 रुपये के नोटों को बंद कर सकता है और अब एटीएम में अचानक 100 व 200 रुपये जैसी छोटी करेंसी की संख्या बढ़ने लगी है तो आम आदमी के जेहन में कई सवाल उठने लगे हैं. आखिर इसकी सच्चाई क्या है और आरबीआई ने किस तरह का प्लान बना रखा है.
रिजर्व बैंक ने बीते अप्रैल महीने में सभी बैंकों को एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि वे अपने-अपने एटीएम में छोटी करेंसियों की संख्या बढ़ाना शुरू कर दें. आरबीआई ने इसके लिए 30 सितंबर की डेडलाइन भी तय की है और कहा है कि सभी बैंकों को इसे हर हाल में पूरा करना होगा. इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अभी तक 73 फीसदी एटीएम में कम से कम एक कैसेट को 100 व 200 रुपये की नोट से भरा जा चुका है.
60 फीसदी आज भी खर्च करते हैं कैश
देश में कैश प्रबंधन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी सीएमएस इन्फो सिस्टम के अध्यक्ष अनुष राघवन का कहना है कि 60 फीसदी लोग आज भी कैश में खर्च करना पसंद करते हैं. लिहाजा एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोट भरे जाने से लोगों को खर्च करने में आसानी होगी. खासकर कस्बों और ग्रामीण इलाकों में. यही वजह है कि आरबीआई ने सभी बैंकों से अपने एटीएम में छोटी करेंसी डालने का निर्देश दिया गया है. सीएमएस इन्फो सिस्टम देश के 2.15 लाख एटीएम में से 73 हजार का प्रबंधन करती है, जिसमें कैश डालने का जिम्मा इसी कंपनी का है.
क्या है आरबीआई के सर्कुलर में
अप्रैल, 2025 में जारी आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया कि सभी बैंक कम से कम 75 फीसदी एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोट जरूर रखेंगे, भले ही एक ही कैसेट को क्यों न भरा जाए. आरबीआई ने इसके लिए 30 सितंबर, 2025 की डेडलाइन भी तय कर दी है. केंद्रीय बैंक का मानना है कि छोटे नोटों की संख्या बढ़ाने से लोगों के रोजाना खर्च के लिए कैश उपलब्ध कराना आसान हो जाएगा. आरबीआई ने कहा है कि 31 मार्च, 2026 तक देश के 90 फीसदी एटीएम को छोटी करेंसी उपलब्ध कराना होगा.
ज्यादा कैश निकाला तो बढ़ेगा बोझ
एक तरफ रिजर्व बैंक ने उपभोक्ताओं को छोटी करेंसी उपलब्ध कराकर कैश लेनदेन को बढ़ावा देने की बात कही है तो दूसरी ओर एटीएम से कैश निकालने पर लगने वाली फीस को भी बढ़ा दिया है. आरबीआई ने 1 मई से एटीएम से पैसे निकालने पर ट्रांजेक्शन फीस बढ़ा दी है. इसके तहत किसी भी ग्राहक को अन्य बैंक के एटीएम से महीने में 3 बार फ्री में कैश निकालने की अनुमति होगी. इसके बाद हर निकासी पर 19 रुपये लिए जाएंगे, जो पहले 17 रुपये थे. अगर सिर्फ बैलेंस चेक करने के लिए एटीएम का इस्तेमाल किया तो 7 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा, जो पहले 6 रुपये था.
500 के नोट बंद करने की सुगबुगाहट
आरबीआई के इस सर्कुलर के बाद कई विशेषज्ञों और राजनीतिज्ञों ने 500 रुपये के नोट बंद किए जाने की सिफारिश की है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने तो साफ कह दिया था कि नकली नोट और मनी लॉन्ड्रिंग से बचने के लिए बड़ी करेंसी जैसे 500 रुपये के नोटों को बंद कर दिया जाना चाहिए. अब जबकि आरबीआई बैंकों के एटीएम में छोटी करेंसी बढ़ा रहा है तो इस बात को लेकर लोगों में फिर सुगबुगाहट शुरू हो गई है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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