Last Updated:June 18, 2025, 12:43 IST
who can sit on seat No 11A in plane: प्लेन की सीट नंबर 11 ए पर कोई भी पैसेंजर चाह कर भी नहीं बैठ सकता है. भले ही उसने वेब चेकइन कराकर इस सीट को ब्लाक करा लिया हो. इस सीट पर बैठने को लेकर क्या हैं शर्ते, आइए ...और पढ़ें

सीट 11ए पाने के लिए पूरी करनी होगी कुछ शर्तें.
हाइलाइट्स
विशेष नियमों के बिना सीट 11A पर नहीं बैठ सकते.सीट 11A इमरजेंसी एग्जिट के पास होती है.बैठने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होना जरूरी.Rules for sitting on lucky seat number 11A in flight: अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर प्लेन टेकऑफ होने के कुछ सेकेंडों के बाद क्रैश हो गया. इस क्रैश में करीब 270 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 241 पैसेंजर और क्रू मेंबर शामिल थे. इस क्रैश में सिर्फ विश्वास रमेश कुमार नाम का एक पैसेंजर चमत्कारिक तरीके से बच गया और यह पैसेंजर प्लेन की लकी सीट नंबर 11A पर बैठा हुआ था.
इससे पहले, 1998 में हुए थाई एयरवेज के प्लेन क्रैश में सिर्फ एक पैसेंजर जीवित बचा था और वह भी प्लेन की सीट नंबर 11A पर बैठा हुआ था. हादसे के बाद इस पैसेंजर की पहचान अभिनेता-गायक रुआंगसाक लोयचुसाक के तौर पर हुई थी. अब सवाल यह है कि क्या 11A नंबर की इस लकी सीट पर कोई भी पैसेंजर बैठ सकता है? तो जवाब है- नहीं. 11 ए नंबर की इस लकी सीट पर चाह कर भी नहीं बैठ पाएंगे. इस सीट पर बैठने के लिए आपको कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी.
क्यों हर कोई सीट नंबर 11ए में नहीं बैठ सकता?
दरअसल, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन में सीट नंबर 11ए इकोनॉमी सीट के साथ-साथ एक इमरजेंसी सीट भी है. यह सीट प्लेन के इमरजेंसी एग्जिट गेट के पास होती हैं और इन पर बैठने वाले पैसेंजर्स को विशेष जिम्मेदारी दी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सीट्स पर हर कोई नहीं बैठ सकता. आइए, जानते हैं कि इमरजेंसी सीट्स को लेकर क्या नियम हैं और किन पैसेंजर्स को इन पर बैठने की अनुमति दी जाती है.
दरअसल, इमरजेंसी एग्जिट सीट्स का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में पैसेंजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अगर किसी कारणवश प्लेन को जल्दी खाली करना पड़े, तो इन सीट्स पर बैठे पैसेंजर क्रू-मेंबर्स की मदद करते हैं. इसके लिए एयरलाइंस ने कुछ सख्त नियम बनाए हैं, ताकि केवल वही लोग इन सीट्स पर बैठें जो शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम हों. साथ ही, जरूरत पड़ने पर क्रू-मेंबर्स की मदद कर सकें.
क्या है इमरजेंसी सीट पर बैठने के नियम?
सबसे पहला नियम है कि यात्री की उम्र कम से कम 15 साल होनी चाहिए. बच्चों या कम उम्र के किशोरों को इन सीट्स पर बैठने की अनुमति नहीं होती, क्योंकि उनमें आपात स्थिति में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है. इसके अलावा, पैसेंजर को शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी है. अगर कोई यात्री विकलांग है, गर्भवती है, या उसे चलने-फिरने में दिक्कत है, तो उसे इन सीट्स पर नहीं बैठने दिया जाता.
ऐसा इसलिए, क्योंकि इमरजेंसी में भारी दरवाजे खोलने या अन्य पैसेंजर्स की मदद करने की जरूरत पड़ सकती है. साथ ही, एयरलाइंस यह भी सुनिश्चित करती हैं कि यात्री को उस प्लेन के इमरजेंसी इक्यूपमेंट की बुनियादी जानकारी हो. फ्लाइट अटेंडेंट पैसेंजर्स को प्री-फ्लाइट ब्रीफिंग में बताते हैं कि इमरजेंसी एग्जिट को कैसे ऑपरेट करना है. अगर यात्री को लगता है कि वह यह जिम्मेदारी नहीं निभा सकता, तो वह क्रू मेंबर को बता सकता है. उसे दूसरी सीट दी जाएगी.
क्या भाषा की जानकारी भी है एक शर्त?
इमरजेंसी सीट पाने के लिए भाषा भी एक महत्वपूर्ण शर्त है. इमरजेंसी सीट पर बैठने वाले यात्री को क्रू की भाषा, आमतौर पर अंग्रेजी या उस देश की स्थानीय भाषा समझनी चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि आपात स्थिति में क्रू के निर्देशों को समझना और तुरंत अमल करना जरूरी होता है. इसके अलावा, यात्री को मानसिक रूप से स्थिर होना चाहिए. अगर कोई यात्री नशे में है या मानसिक रूप से अस्थिर है, तो उसे इन सीट्स पर बैठने की अनुमति नहीं दी जाती.
कई बार यात्री इमरजेंसी सीट्स को ज्यादा लेगरूम के लिए चुनते हैं, क्योंकि ये सीट्स आमतौर पर ज्यादा जगह वाली होती हैं. हालांकि, एयरलाइंस साफ करती हैं कि इन सीट्स पर बैठना कोई सुविधा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है. कुछ एयरलाइंस इसके लिए अतिरिक्त शुल्क भी लेती हैं, लेकिन यह शुल्क केवल उन पैसेंजर्स से लिया जाता है जो नियमों को पूरा करते हों.
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क्या भारत में इमरजेंसी सीट को लेकर यह नियम है?
आपको बता दें कि इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी सभी भारतीय एयरलाइंस भी इन नियमों का सख्ती से पालन करती हैं. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के दिशानिर्देशों के अनुसार, क्रू मेंबर्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि इमरजेंसी सीट्स पर बैठा यात्री नियमों के अनुरूप हो. अगर कोई यात्री नियम तोड़ता है या जिम्मेदारी नहीं निभा पाता, तो उसे दूसरी सीट पर शिफ्ट किया जा सकता है.
इमरजेंसी सीट्स की जिम्मेदारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. ये सीट्स सिर्फ आराम के लिए नहीं, बल्कि सभी पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए हैं. इसलिए, अगली बार जब आप फ्लाइट में इमरजेंसी सीट चुनें, तो याद रखें कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. अगर आप इसे निभाने के लिए तैयार हैं, तभी इस सीट को चुनें.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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