Last Updated:April 16, 2025, 05:01 IST
मणिपुर हिंसा और दिल्ली दंगों पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी मुर्शिदाबाद दंगों पर कुछ नहीं बोले. राहुल ही नहीं, तेजस्वी और अखिलेश यादव ने भी चुप्पी साध रखी है. अब लोग पूछ रहे कि आखिर इस चुप्पी की वजह क...और पढ़ें

राहुल गांधी ने मुर्शिदाबाद वायलेंस पर अब तक कोई बयान नहीं दिया.
हाइलाइट्स
मुर्शिदाबाद हिंसा पर राहुल गांधी की ओर से नहीं आया कोई बयान.सोशल मीडिया में लोग राहुल गांधी की चुप्पी पर उठा रहे सवाल.पूछ रहे मणिपुर पर तो खूब बोले, लेकिन अब किस बात की मजबूरी.वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई इलाकों में हिंसक घटनाएं हुईं. हिन्दुओं के घर जला दिए गए. उनकी दुकानों में तोड़फोड़ की गई. कई लोगों को मारा पीटा गया. नतीजा सैकड़ों हिन्दू पलायन करने को मजबूर हो गए. बीजेपी इसे लेकर ममता सरकार पर हमलावर है, लेकिन सोशल मीडिया में लोग पूछ रहे कि राहुल गांधी चुप क्यों हैं? उन्होंने अब तक न तो सार्वजनिक तौर पर कोई बयान दिया और ना ही सोशल मीडिया में कोई ट्ववीट किया. क्या यह गठबंधन बचाने की मजबूरी है या फिर कुछ और…
राहुल गांधी ने अब तक मुर्शिदाबाद हिंसा पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है. न तो उनके आधिकारिक एक्स हैंडल पर कोई पोस्ट है. सोशल मीडिया पर वे रोज कुछ न कुछ पोस्ट करते हैं, लेकिन बंगाल के बारे में उन्होंने कुछ नहीं लिखा. उनकी यह चुप्पी बीजेपी और सोशल मीडिया यूजर्स के लिए हमले का बड़ा हथियार बन गई है. एक्स पर एक यूजर ने लिखा, राहुल गांधी मणिपुर हिंसा पर तो बोलते हैं, लेकिन मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हमले पर चुप क्यों? क्या टीएमसी को नाराज नहीं करना चाहते? एक अन्य यूजर ने लिखा, कांग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा फिर बेनकाब. राहुल गांधी का मौन शर्मनाक है.
मुर्शिदाबाद हिंसा पीड़ितो से मिलने कांग्रेस नेता अधीर रंजन अस्पताल पहुंचे है।
चलो किसी का तो जमीर बचा है इस पार्टी में।
क्या CM ममता जा पाएंगी? क्योंकि भाईजान नाराज हो जाएगा?
राहुल गांधी और कांग्रेस की दिल्ली मंडली एक शब्द इन पीड़ित हिंदुओं पर बोल पायेंगे? pic.twitter.com/cvC0kmmZcs
— सनातनी हिन्दू राकेश (मोदी का परिवार) (@Modified_Hindu9) April 15, 2025
कांग्रेस का आधिकारिक स्टैंड
कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर सीधे तौर पर कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने हिंसा की निंदा की है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं, चाहे वह मुर्शिदाबाद में हो या कहीं और; दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने हिंदुओं पर हमले या पलायन के मुद्दे पर कोई बात नहीं की. हां, पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी जरूर एक्टिव नजर आए. उन्होंने हिंसा को दुखद बताया और कहा, राज्य सरकार को स्थिति नियंत्रित करने में और सक्रियता दिखानी चाहिए थी. हम शांति की अपील करते हैं.
गठबंधन की मजबूरी या रणनीतिक चुप्पी?
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, मुर्शिदाबाद में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले टीएमसी की तुष्टिकरण नीति का नतीजा हैं. इस पर कांग्रेस और राहुल गांधी की चुप्पी शर्मनाक है. राजनीति के जानकार मानते हैं कि कांग्रेस के सामने दोहरी चुनौती है. अगर राहुल गांधी हिंदुओं पर हमले का मुद्दा उठाते हैं, तो टीएमसी के साथ गठबंधन टूट सकता है. बंगाल में कांग्रेस पहले से ही कमजोर है. अगर वे चुप रहते हैं, तो बीजेपी को हिंदू विरोधी का नैरेटिव चलाने का मौका मिलता है. वे न तो टीएमसी को खोना चाहते हैं, न ही बीजेपी के जाल में फंसना. लेकिन यह मौन उनकी साख को नुकसान पहुंचा सकता है.
मणिपुर-दिल्ली दंगों पर तो खुलकर बोले
राहुल गांधी पहले मणिपुर हिंसा और दिल्ली दंगों पर खुलकर बोलते रहे हैं. मणिपुर में तो उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया था, यहां तक कि वे प्रभावित इलाकों में भी गए थे. कांग्रेस नेताओं ने संसद तक चलने नहीं दी थी. संसद के बाहर खूब तख्तियां लहराकर प्रदर्शन किए थे. लेकिन राहुल गांधी ही नहीं, इंडिया अलायंस के अन्य नेता भी इस पर बोलने से बच रहे हैं.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
April 16, 2025, 05:01 IST