'स्वागतम... साफ-सुथरी राजनीति होगी', SC के फैसले पर और क्या बोले पीएम मोदी

1 month ago

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Cash For Vote: 'स्वागतम... साफ-सुथरी राजनीति होगी', सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर और क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट के बदले कैश मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट के बदले कैश मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इस फैसले के तहत वोट के बदले नोट मामले में अब विधायक या सांसद पर ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 4, 2024, 12:36 ISTEditor picture

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने वोट के बदले नोट यानी पैसे लेकर वोट या भाषण देने के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की और खुशी भी जाहिर की. उन्होंने खुशी जताते हुए यह भी कहा कि यह फैसला देश में साफ-सुथरी राजनीति को बढ़ावा देने वाला है. उन्होने ये भी कहा कि इससे लोगों में सिस्टम के विश्वास बढ़ेगा. पीएम मोदी ने इस की खुशी के यह फैसला सुनाने वाले जजों की बेंच की भी शेयर की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तस्वीर शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, “माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक महान फैसला सुनाया है. यह फैसला स्वच्छ यानी साफ-सुथरी राजनीति को सुनिश्चित करेगा. इससे लोगों का व्यवस्था पर और भी गहरा विश्वास होगा.”

PM Modi tweet

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट. (फोटो साभारः एक्स)

बता दें, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने दिया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए 1998 के नरसिम्हा राव जजमेंट के अपने फैसले को पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों-विधायकों को कानूनी संरक्षण देने से इनकार कर दिया. बेंच ने कहा कि सांसद या विधायक सदन में वोटिंग के लिए रिश्वत लेकर मुकदमे की कार्रवाई से नहीं बच सकते हैं.

सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि घूसखोरी पर किसी तरह की छूट नहीं दी जा सकती है. दरअसल, सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से दिए फैसले में कहा कि विधायक या सांसद द्वारा किया गया भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी ईमानदारी को खत्म कर देती है. रिश्वतखोरी किसी भी संसदीय विशेषाधिकार द्वारा संरक्षित नहीं है.

साल 1998 के फैसले को पलटा

सीजेआई ने कहा कि विधायकों द्वारा भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी भारतीय संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को नष्ट कर देती है. बता दें कि 1998 में 5 जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से तय किया था कि इसके लिए विधायक या सांसद पर केस नहीं चलाया जा सकता.

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Tags: PM Modi, Supreme Court, Supreme court of india

FIRST PUBLISHED :

March 4, 2024, 13:20 IST

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