Last Updated:August 07, 2025, 14:08 IST
Indian Railway- ट्रेन में स्लीपर क्लास में खूब भीड़ रहती है, जबकि एसी कोच में इतनी अधिक भीड़ नहीं रहती है. यहां तक वेटिंग में सफर करने वालों की सख्ंया भी स्लीपर के मुकाबले कम रहती है. इसकी क्या है वजह, आइए जानते हैं?

Indian Railway- ट्रेन में स्लीपर क्लास में खूब भीड़ रहती है, जबकि एसी कोच में इतनी अधिक भीड़ नहीं रहती है. यहां तक वेटिंग में सफर करने वालों की सख्ंया भी स्लीपर के मुकाबले कम रहती है. इसकी क्या है वजह, आइए जानते हैं?

फेस्टीवल सीजन और गर्मी व सर्दियों की छुट्टियों में लगभग ज्यादातर ट्रेनों में मारामारी रहती है. कई रूटों पर बुकिंग खुलते ही सीटें फुल हो जाती हैं. इसके बावजूद स्लीपर कोच के मुकाबले एसी कोचों में यात्रियों की संख्या कम रहती है. यही वजह है कि लोग भीड़भाड़ वाले सीजन में एसी कोच का टिकट लेकर सफर करते हैं. क्योंकि अगर इसमें एक भी टिकट कंफर्म हो गया तो एसी में आसानी से यात्रा की जा सकती है.

भारतीय रेलवे अनुसार ट्रेनों में सफर करने वाले 95 फीसदी लोग स्लीपर और जनरल क्लास से सफर करते हैं. महज 5 फीसदी लोग एसी क्लास से सफर करते है. इसी वजह से जनरल क्लास के साथ साथ स्लीपर क्लास में भी खूब भीड़ रहती है. यही वजह है कि भारतीय रेलवे स्लीपर और जनरल क्लास वाली अमृत भारत ट्रेनों का प्रोडक्शन कर ही है. कई ट्रेनें चल रही हैं. ये ट्रेन वंदेभारत जैसी आधुनिक सुविधाओं जैसी है.

<br />एसी क्लास की तुलना में नॉन एसी यानी स्लीपर और जनरल क्लास की ट्रेनों की संख्या खूब है. रिकार्ड के अनुसार प्रीमियम ट्रेनों के अलावा मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर में कुल कोचों की संख्या 79000 के करीब है. इनमें 56000 कोच नॉन एसी यानी स्लीपर या जनरल क्लास हैं. वहीं 23000 एसी कोच हैं.

भारतीय रेलवे के अनुसार आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक ट्रेन में 12-12 कोच में नान एसी के होते हैं. इनमें साधारण श्रेणी और शयनयान श्रेणी के कोच होते हैं. वहीं आठ एसी कोच होते हैं. इस तरह साधारण और नॉन एसी में सफर करने को अधिक सुविधा दी जा सके.

देश में ज्यादातर यात्री नॉन एसी यानी जनरल और स्लीपर क्लास में करते हैं सफर.

भारतीय रेलवे नॉन एसी कोचों की संख्या लगातार बढ़ा रहा है. अब ट्रेनों में जनरल और स्लीपर कोचों की संख्या बढ़ाई जा रही है. जिससे आम यात्रियों को राहत मिल सके.

देश में रोजाना 2 करोड़ लोग ट्रेन से सफर करते हैं. रेल मंत्रालय तैयारी कर रहा है कि यात्रियों की संख्या को देखते हुए ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए.