सोशल मीडिया किसी की जान भी बचा सकता है, आज पता चला! दुर्लभ बीमारी का मिला इलाज

5 hours ago

Last Updated:May 20, 2025, 13:52 IST

Rare disease treatment: 15 महीने की असमिका दास, जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 से पीड़ित है, उसके इलाज के लिए सोशल मीडिया और सेलिब्रिटी डोनेशन्स से 9 करोड़ रुपये जुटाए गए. अब उसका इलाज मई में कोलकाता के अस्प...और पढ़ें

सोशल मीडिया किसी की जान भी बचा सकता है, आज पता चला! दुर्लभ बीमारी का मिला इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

रानाघाट की 15 महीने की बच्ची असमिका दास, जो एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1 से जूझ रही है, के इलाज के लिए सोशल मीडिया और मशहूर हस्तियों की मदद से कुल 9 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. जन्म से ही असमिका की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर और निष्क्रिय हैं. परिवार को इतने बड़े इलाज के लिए एक साल से अधिक वक्त लगा, लेकिन आखिर जनता की मदद से यह रकम पूरी हो पाई.

इलाज की शुरुआत मई में कोलकाता के एक प्राइवेट अस्पताल में होगी
असमिका के पिता शुभांकर ने बताया कि उनका बच्चा मई के अंत तक कोलकाता के एक निजी अस्पताल में इलाज शुरू कर देगा. इस बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने एक खास इंजेक्शन का सुझाव दिया है, जो बच्चे की कमजोर मांसपेशियों को सुधारने में मदद करेगा. यह इलाज समय पर होना बेहद जरूरी है, खासकर बच्चे के दो साल की उम्र पूरी होने से पहले.

16 करोड़ के इंजेक्शन की कीमत घटकर 9 करोड़ हुई
कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु के डॉक्टरों ने ‘ओनासेम्नोजीन एबेपारवोसेक’ नाम के इंजेक्शन को सबसे प्रभावी और जरूरी इलाज बताया है. यह इंजेक्शन दुनिया का सबसे महंगा माना जाता है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है. हालांकि, एक डिस्ट्रीब्यूटर ने इस दवा की कीमत घटाकर 9 करोड़ रुपये कर दी, जिससे असमिका के परिवार के लिए इलाज संभव हो पाया.

सोशल मीडिया और सेलिब्रिटीज ने बढ़ाया सहयोग
शुभांकर ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से मदद मांगने की आखिरी कोशिश की थी. इसके बाद बहुत से लोग, खासकर गायिका शुभमिता बनर्जी, रूपम इस्लाम और रूपसा दासगुप्ता जैसे मशहूर कलाकारों ने बड़े दिल से दान दिया. इस तरह परिवार ने रविवार तक 8.4 करोड़ रुपये जुटा लिए थे.

माटुआ मातृ सेना ने पूरी की बची हुई राशि
बाकी की 60 लाख रुपये की राशि माटुआ मातृ सेना चैरिटेबल ट्रस्ट ने दी. सोमवार को बांग्ला सांसद शंतनु ठाकुर की मौजूदगी में ट्रस्ट ने असमिका के माता-पिता को चेक सौंपा. इस तरह असमिका के इलाज के लिए जरूरी रकम पूरी हो गई है और उम्मीद जगी है कि वह जल्द ही इस बीमारी से लड़ाई शुरू कर सकेगी.

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