Last Updated:October 01, 2025, 02:13 IST
Leh Ladakh Violence: 24 सितंबर को लेह-लद्दाख बंद के दौरान हुई भीषण झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. अलग राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में उसे शामिल करने की मांग के समर्थन में हुए आंदोलन का चेहरा सोनम वांगचुक समेत 60 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया.

लेह. केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन ने बुधवार को एक प्रेस बयान जारी कर सोनम वांगचुक सहित कुछ व्यक्तियों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न किए जाने के निराधार आरोपों का खंडन किया है. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई विश्वसनीय सूचनाओं और दस्तावेजों पर आधारित है और उनसे निष्पक्ष रूप से जांच जारी रखने देने की अपील की.
प्रशासन के अनुसार, कथित वित्तीय अनियमितताओं और विदेशी मुद्रा उल्लंघनों की जांच चल रही है. प्रशासन ने बताया कि मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय न होने के बावजूद डिग्रियां जारी कर युवाओं के भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है और बैलेंस शीट में विदेशी निधियों का पूरा खुलासा नहीं किया गया. एसईसीएमओएल का एफसीआरए रद्दीकरण केवल एक नहीं, बल्कि कई उल्लंघनों के स्पष्ट प्रमाणों पर आधारित है.
बयान में यह भी कहा गया कि सरकार ने 20 सितंबर, 2025 को वार्ता की तारीखें घोषित की थीं और लचीलापन भी दिखाया था, इसके बावजूद सोनम वांगचुक ने कई भड़काऊ बयान दिए थे. प्रशासन ने आरोप लगाया कि उन्होंने अनशन स्थल से नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का संदर्भ देकर युवाओं को भड़काने की कोशिश की थी. इसके अलावा, एक इंटरव्यू में उन्होंने कथित तौर पर कहा कि युवा शांति नहीं चाहते और महात्मा गांधी का रास्ता जरूरी नहीं है तथा लोग तैनात सुरक्षा बलों से नहीं डरते और अगर लोग बाहर निकलेंगे तो और भी बुरा हो सकता है.
प्रशासन ने वांगचुक के यूट्यूब चैनल पर भारत में ‘अरब स्प्रिंग’ जैसी क्रांति लाने और सरकार को ‘उखाड़ फेंकने’ की बात कहने के आरोपों का भी उल्लेख किया था. साथ ही, मांगें पूरी न होने पर आत्मदाह और विरोध प्रदर्शन में मास्क, टोपी और हुडी पहनने का सुझाव देने जैसे भड़काऊ बयानों की निंदा की.
प्रशासन ने कहा कि जब अन्य नेताओं ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की, तो वांगचुक अनशन स्थल पर ही रहे और स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर चुपचाप निकल गए, जो उनकी गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है. लद्दाख प्रशासन ने अंत में अपील की है कि कानूनी प्रक्रिया को अपना काम करने दें और सभी मिलकर शांतिप्रिय लेह टाउनशिप में सामान्य स्थिति बहाल करेंगे और बातचीत की प्रक्रिया जारी रखेंगे.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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First Published :
October 01, 2025, 02:07 IST