IndiGo Flight Today Status News: पूरा देश पिछले 6 दिनों से हवाई यात्रा संकट से गुजर रहा है. छोटे-बड़े हर एयरपोर्ट पर हाहाकार मचा हुआ है. हजारों फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, बाकी बची फ्लाइट्स के किराए आसमान छू गए. हालांकि, आज छठे दिन हालात में कुछ सुधार दिख रहा है, लेकिन इंडिगो ने आज भी 200 से ज्यादा फ्लाइट्स प्लान के मुताबिक कैंसिल कर दी है. लेकिन, इस संकट पर अंदर की खबर चौंकाने वाली हैं. इंडिगो के एक वरिष्ठ पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर खुलासा किया है कि ‘कमी सिर्फ 124 पायलटों की थी. हमारे पास 4,551 पायलट हैं, 2.7% डेफिसिट से 2,200 दैनिक फ्लाइट्स में से सिर्फ 5-7% प्रभावित होनी थीं. लेकिन जानबूझकर SOP तोड़े गए, स्टैंडबाय रोस्टर खाली रखे गए, आखिरी मिनट में कॉल दिए गए, ताकि पूरा सिस्टम कॉलैप्स हो जाए और सरकार नए सुरक्षा नियम वापस ले ले.’
आसान भाषा में कहें तो ये संकट प्राकृतिक नहीं, पूरी तरह इंजीनियर्ड था. सिर्फ प्रॉफिट बचाने के लिए, इस संकट को लाया गया. पायलट अब फॉरेंसिक जांच की मांग कर रहे हैं क्योंकि सच अब बाहर आने लगा है. सवाल यही है- सिर्फ 124 पायलटों की कमी से 2,200 दैनिक उड़ानों वाली एयरलाइन कैसे ध्वस्त हो गई?
सोची-समझी साजिश
इंडिगो के ही पायलट अब खुलकर बोल रहे हैं. ये कमी नहीं, सुनियोजित साजिश थी. एयरलाइन प्रबंधन ने जानबूझकर नए सुरक्षा नियमों को कमजोर करने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए ये पूरा तमाशा रचा. एक वरिष्ठ पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘हमारे पास कुल 4,551 पायलट हैं. 2,357 कैप्टन और 2,194 फर्स्ट ऑफिसर. 124 की कमी मतलब महज 2.7% डेफिसिट. नए नियम लागू होने पर भी सिर्फ 5-7% उड़ानें प्रभावित होनी चाहिए थीं. लेकिन अचानक 30-40% उड़ानें रोज कैंसिल होने लगीं. ये प्राकृतिक नहीं, कृत्रिम संकट था.’
जानबूझकर नियमों की उड़ीं धज्जियां
पायलटों का दावा है कि सालों से चल रहे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को जानबूझकर तोड़ा गया. पहले स्टैंडबाय पायलट हमेशा तैयार रहते थे. अगर कोई पायलट बीमार पड़ता तो 5-6 घंटे पहले कॉल जाती थी. लेकिन अचानक ये कॉल 1-2 घंटे पहले आने लगीं. जाहिर है, अगर पायलट नहीं पहुंचता है तो फ्लाइट कैंसिल होंगी.
कोलकाता एयरपोर्ट वाला गेम
कोलकाता एयरपोर्ट पर तो हद हो गई- पहले एक-दूसरे के बगल में खड़े होने वाले विमान अब दूर-दूर रिमोट बे में पार्क किए जा रहे थे, ताकि ग्राउंड क्रू को आने-जाने में देरी हो, बोर्डिंग लेट हो और चेन रिएक्शन शुरू हो जाए. एक पायलट ने कहा, ‘ये सब जानबूझकर किया गया. प्रबंधन चाहता था कि यात्री गुस्सा करें, मीडिया में हंगामा हो और सरकार नए FDTL नियम वापस ले ले.’ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने साफ कहा, ‘प्रॉफिट को सुरक्षा से ऊपर रखा जा रहा है. दो साल पहले घोषित नियमों को वापस करवाने के लिए इंडिगो ने इतना बड़ा खेल खेला. ये सिर्फ लापरवाही नहीं, आपराधिक कृत्य है.’
उत्पन्न किया गया है ये संकट?
अब पायलट फॉरेंसिक जांच की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिन अधिकारियों ने SOP तोड़े, स्टैंडबाय रोस्टर खाली रखे और जानबूझकर देरी करवाई, उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. 124 पायलटों की कमी नहीं थी. कमी थी इंसानियत की, सुरक्षा की और जिम्मेदारी की. अब सच बाहर आ रहा है- ये हाहाकार प्राकृतिक नहीं, पूरी तरह इंजीनियर्ड था.

1 hour ago
