सेना में बच्चों को बनाना है अफसर, तो यहां दिलाएं एडमिशन, ऐसे मिलता है दाखिला

1 week ago

Last Updated:April 23, 2025, 12:12 IST

Indian Army Sainik School: पैरेंट्स अक्सर अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अच्छे स्कूल की तलाश में रहते हैं. अगर आप भी अपने बच्चों के लिए ऐसे ही स्कूल की खोज में हैं, तो नीचे दिए गए बातों को ध्यान से जरूर पढ...और पढ़ें

सेना में बच्चों को बनाना है अफसर, तो यहां दिलाएं एडमिशन, ऐसे मिलता है दाखिला

Indian Army School: यहां से पढ़ाई करने पर सेना में अधिकारी बन सकते हैं.

हाइलाइट्स

एडमिशन के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम देना होता है.इस स्कूल में कक्षा 6 और 9वीं में दाखिला मिलता है.यहां से पढ़ाई करने पर सेना में अफसर बनने की संभावना बढ़ जाती है.

Indian Army Sainik School: अक्सर देखा गया है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं कि उन्हें कहां से पढ़ाई कराया जाए, जिससे उनका भविष्य संवर जाए. वह एक ऐसे स्कूल की खोज में रहते हैं, जहां एक बार दाखिला करा दिया जाए, तो उनका भविष्य उज्जवल होने की संभावना बढ़ जाए. ऐसे ही एक स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां से पड़ाई करके मयंक राय ने UPSC CDS में 67वीं रैंक हासिल की हैं. जिस स्कूल की बात कर रहे हैं, उनका नाम सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (Sainik School Ghorakhal) है. यहां से पढ़ाई करने वालों की सेना में ऑफिसर बनने की संभावना बढ़ जाती है.

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (Sainik School Ghorakhal)
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की स्थापना 1966 को नैनीताल के पास रामपुर के नवाब की प्रसिद्ध जागीर पर की गई थी. इस स्कूल का नाम ‘घोड़ाखाल’ 1857 की ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि उस समय एक ब्रिटिश जनरल, जो अवध के क्रांतिकारियों से बचने के लिए इस क्षेत्र में आया था, पास के तालाब से पानी पीने के दौरान उसका घोड़ा मर गया. इसी कारण इस जगह का नाम ‘घोड़ाखाल’ पड़ा. वर्ष 1870 में ब्रिटिश शासकों ने इस घोड़ाखाल जागीर को जनरल व्हीलर को भेंट दे दिया था. फिर, 1921 में रामपुर के नवाब मेजर जनरल हिज हाइनेस अलीजा अमीरुल उमरा नवाब सर सैयद मोहम्मद हामिद अली खान बहादुर ने इसे खरीद लिया था.

इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मार्च 1964 में यह जागीर रामपुर के नवाब से खरीद ली और बाद में यहां पर सैनिक स्कूल की स्थापना की गई. सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है. यह स्कूल विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो भारतीय सेना में शामिल होने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं.

ऐसे मिलता है यहां दाखिला
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में एडमिशन के लिए छात्रों को अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) में सम्मिलित होना होता है. यह परीक्षा NTA द्वारा आयोजित की जाती है और इसमें कक्षा 6 तथा कक्षा 9वीं के लिए MCQ-आधारित ऑफ़लाइन परीक्षा होती है.

सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए आयु सीमा
AISSEE में बैठने के लिए छात्रों की आयु परीक्षा वर्ष के 31 मार्च से पहले निम्नलिखित आयु सीमा में होनी चाहिए. सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में एडमिशन के लिए लड़कों और लड़कियों दोनों को समान रूप से अनुमति है.
कक्षा 6 के लिए: 10-12 वर्ष
कक्षा 9 के लिए: 13-15 वर्ष

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First Published :

April 23, 2025, 12:12 IST

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