वोट पड़ेंगे, जीत भी मिलेगी, पर कुर्सी पर सस्पेंस: महाराष्ट्र पर SC का फैसला

1 hour ago

Last Updated:November 28, 2025, 16:19 IST

Maharashtra Nikay Chunav 2025: महाराष्ट्र निकाय चुनाव अजीब मोड़ पर खड़े हैं. कुछ नेता जीतकर भी हार जाएंगे क्योंकि कई सीटों की किस्मत अब मतपेटी नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट तय करेगा. 50% से ज़्यादा आरक्षण वाली सीटों पर नतीजे सिर्फ कागज पर होंगे, असली फैसला रिट पिटीशन के बाद ही मिलेगा. लोकतंत्र का खेल अभी आधा तय, आधा अधूरा है.

 महाराष्ट्र पर SC का फैसलासुप्रीम कोर्ट ने महाराष्‍ट्र चुनाव पर बड़ा फैसला दिया.

कभी-कभी लोकतंत्र भी अजीब खेल खेलता है, लोग वोट डालते हैं, माथे पर जीत की रेखा खिंचती है, पर किस्मत अदालत की मुहर में अटक जाती है. महाराष्ट्र में कुछ नेता ऐसे भी होंगे जो जश्न के लिए हाथ उठाएंगे मगर जीत उनकी मुट्ठी से फिसल जाएगी क्योंकि फैसला अभी सुप्रीम कोर्ट के पास अधूरा है, सीजेआई के पास अधीन है. महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों पर महीनों से लटकी धुंध आखिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से थोड़ी साफ हुई है. शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को यह निर्देश दिया कि जिन निकायों में अभी चुनावों की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, वहां 50% से ऊपर का आरक्षण नोटिफाई न किया जाए. यानी चुनाव का रास्ता खुला है पर शर्तों की मोहर लगी हुई है.

इसके उलट जिन नगर परिषदों और नगर पंचायतों में पहले से 50% से ज़्यादा आरक्षण अधिसूचित है वहां चुनाव तो होंगे पर नतीजे अस्थायी माने जाएंगेयानी रिट याचिका के फैसले पर निर्भर. इस संवेदनशील मामले की सुनवाई सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने की. OBC रिजर्वेशन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करते हुए कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि 50% आरक्षण सीमा कोई वैकल्पिक सुझाव नहीं बल्कि बाध्यकारी संविधानिक मर्यादा है.

कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

1. 50% से ज्‍यादा आरक्षण वाले निकायों को नया नोटिफिकेशन रोकने का आदेश
जहां अधिसूचना बाकी है, वहां 50% से ऊपर आरक्षण लागू नहीं होगा.
2. पहले से अधिसूचित निकायों में चुनाव तय समय पर
लेकिन नतीजे रिट पिटीशन के फैसले से प्रभावित होंगे.
3. दो महानगरपालिकाओं पर भी यही नियम
वहां भी अल्टीमेट परिणाम अदालत की अगली सुनवाई पर निर्भर होंगे.
4. मामला बड़ी बेंच को रेफर
तीन जजों की बेंच 21 जनवरी को आगे की सुनवाई करेगी.

समाज को जाति की रेखाओं में मत बांटिए: CJI
सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि राज्य में केवल दो महानगरपालिकाओं में आरक्षण 50% पार कर सकता है. इस पर CJI ने गहरी टिप्पणी करते हुए कहा

हम जो भी करते हैं, समाज को जाति की रेखाओं में नहीं बांटना चाहिए.

2 दिसंबर का मतदान, कहां-क्‍या स्थिति?
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक—
• 246 नगर परिषदें और 42 नगर पंचायतों में चुनावी प्रक्रिया शुरू है, मतदान 2 दिसंबर को होगा.
• इनमें से 40 नगर परिषद और 17 नगर पंचायत ऐसी हैं, जहां आरक्षण 50% से ऊपर है.
• वहीं 29 नगर परिषद, 32 जिला परिषद और 346 पंचायत समितियां ऐसी हैं] जहां अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है.
अदालत के आदेश अब इन निकायों के चुनावी गणित को पूरी तरह नए ढंग से परिभाषित करेंगे.

महाराष्‍ट्र चुनाव से जुड़ा विवाद कैसे शुरू हुआ?
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव दिसंबर 2021 से OBC आरक्षण विवाद में फंसे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि आरक्षण तभी लागू होगा जब ‘ट्रिपल-टेस्ट’ पूरा किया जाए. मार्च 2022 में बनी बंठिया कमीशन की रिपोर्ट जुलाई 2022 में आई, जिसने डेटा उपलब्ध कराया. मई 2025 में कोर्ट ने 50% सीमा के भीतर रहते हुए चुनाव कराने का निर्देश दिया, लेकिन पिछले हफ्ते कोर्ट ने राज्य सरकार को यह कहते हुए झटका दिया कि उसने आदेश का गलत अर्थ निकाल लिया. कहीं भी आरक्षण 50% से अधिक नहीं हो सकता.

महाराष्‍ट्र निकाय चुनाव में अब आगे क्या?
अब 2 दिसंबर के चुनाव समय पर होंगे, पर जिन सीटों पर आरक्षण सीमा टूटी है वहां जीत भी अधर में लटकी रहेगी. हो सकता है—
कुछ उम्मीदवार जीतकर भी हार जाएँ,
कुछ हारकर भी इंतजार में रहें,
और कुछ सीटों का भाग्य सिर्फ अदालत की अगली सुनवाई लिखे.
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने खेल का मैदान साफ कर दिया है.

About the Author

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

First Published :

November 28, 2025, 16:19 IST

homemaharashtra

वोट पड़ेंगे, जीत भी मिलेगी, पर कुर्सी पर सस्पेंस: महाराष्ट्र पर SC का फैसला

Read Full Article at Source