वामपंथियों ने काटे पैर, संघ ने संभाला…सांसद बने सी सदानंदन की कहानी

10 hours ago

Agency:एजेंसियां

Last Updated:July 13, 2025, 18:02 IST

Who Is C Sadanandan Master: CPI(M) गढ़ में जन्मे सदानंदन मास्टर ने RSS का रास्ता चुना. 1994 में हमले में दोनों पैर गंवाए, फिर भी रुके नहीं. अब वही शिक्षक राज्यसभा में सांसद बनने जा रहे हैं.

वामपंथियों ने काटे पैर, संघ ने संभाला…सांसद बने सी सदानंदन की कहानी

सदानंदन मास्टर का जन्म CPI(M) समर्थकों के परिवार में हुआ.

हाइलाइट्स

संघ विचारधारा के शिक्षक पर 1994 में हुआ था क्रूर हमला.प्रोस्थेटिक पैरों के साथ फिर से स्कूल लौटे सदानंदन.अब राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए नामित किया

Who Is C Sadanandan Master: केरल के कन्नूर जिले में एक गांव है पेरिंचेरी. यहां की गलियों में आज भी वो चीखें गूंजती हैं जो 1994 की उस डरावनी रात को उठी थीं. एक शिक्षक घर लौट रहा था तभी कुछ लोग पीछे से आए… बम फेंके, चीख-पुकार मची… और फिर उसी सड़क पर उस शिक्षक के दोनों पैर काट दिए गए. दुकानदारों ने शटर गिरा दिए, कोई मदद के लिए नहीं आया. वो लहूलुहान पड़ा रहा… और आज वही शिक्षक भारत की सबसे ऊंची पंचायत यानी राज्यसभा में सांसद की कुर्सी पर बैठने जा रहा है. नाम है- सी सदानंदन मास्टर.

रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा-

सदानंदन मास्टर का जीवन साहस और न्याय की रक्षा का प्रतीक है. हिंसा और धमकियों के बावजूद उन्होंने राष्ट्रसेवा नहीं छोड़ी. वे युवाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित हैं.

Shri C. Sadanandan Master’s life is the epitome of courage and refusal to bow to injustice. Violence and intimidation couldn’t deter his spirit towards national development. His efforts as a teacher and social worker are also commendable. He is extremely passionate towards youth…

लेकिन सवाल ये है कि आखिर कौन हैं सदानंदन मास्टर? और क्यों उनका नाम केरल की राजनीतिक हिंसा का इतिहास बन चुका है?

25 जनवरी 1994 – जब सड़क पर बहा एक शिक्षक का खून
उस दिन सदानंदन मास्टर जो उस समय कन्नूर जिले के संघ सहकार्यवाह थे. बस से उतरकर अपने घर की ओर बढ़ रहे थे. तभी एक गिरोह ने उन पर हमला किया. उन्होंने घटना को याद करते हुए बताया, “बम फेंककर डर फैलाया गया. फिर मुझे सड़क पर लिटा दिया गया और दोनों पैर घुटनों के नीचे से काट डाले गए.” उनकी कोई मदद नहीं करने आया. अंततः पुलिस ने उन्हें उठाया और अस्पताल पहुंचाया.

कटे पैर, लेकिन हौसला नहीं टूटा
कई महीनों के इलाज और दोनों पैरों में प्रोस्थेटिक लिंब्स (आर्टिफिशियल टांग) लगाने के बाद सदानंदन ने दोबारा वही काम शुरू किया… बच्चों को पढ़ाना. जिस स्कूल में छात्रों की संख्या कम हो गई थी वहां वे वापस लौटे और नई ऊर्जा से पढ़ाना शुरू किया. संघ परिवार ने उन्हें सहारा दिया. BJP के मुखपत्र ‘जनभूमि’ में सब-एडिटर बने और फिर त्रिशूर के एक स्कूल में शिक्षक.

राजनीति में आए, तो भी चुप नहीं रहे
2016 में जब BJP ने CPI(M)-प्रायोजित हिंसा को मुद्दा बनाया तो कोथुपरम्बा सीट से सदानंदन को विधानसभा चुनाव में उतारा गया. वो चुनाव भले न जीते हों, लेकिन उनका नाम लोगों के दिलों में दर्ज हो गया.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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