Last Updated:July 13, 2025, 21:24 IST
Army Operation ULFA (I) : उल्फा-आई ने दावा किया कि भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पर ड्रोन हमले किए, जिसमें 19 कैडर मारे गए और 19 घायल हुए. सेना ने ऐसे किसी ऑपरेशन से इनकार किया है.

सेना ने किसी ऑपरेशन से इनकार किया है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
उल्फा (आई) ने ड्रोन हमले का दावा किया.भारतीय सेना ने ड्रोन हमले से इनकार किया.हमले में 19 कैडर मारे गए, 19 घायल हुए.गुवाहाटी. प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने रविवार को दावा किया कि भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पर उसके शिविरों पर ड्रोन हमले किए हैं. हालांकि, सशस्त्र बलों की ओर से इस घटनाक्रम की कोई पुष्टि नहीं की गई है. उल्फा (आई) ने एक बयान में कहा कि कई शिविरों पर तड़के ड्रोन से हमले किए गए, जिसमें समूह के 19 कैडर मारे गए और 19 अन्य घायल हो गए.
बयान में दावा किया गया कि हमलों में प्रतिबंधित संगठन का एक वरिष्ठ नेता मारा गया और लगभग 19 अन्य घायल हो गए. संपर्क करने पर रक्षा प्रवक्ता ने ‘पीटीआई’ को बताया कि ऐसी किसी घटना की कोई जानकारी नहीं है. लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, “भारतीय सेना के पास इस तरह के किसी ‘ऑपरेशन’ की कोई जानकारी नहीं है.”
रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि मारे गए लोगों में सीनियर उल्फा-आई कमांडर नयन मेधी भी शामिल है. इसके साथ ही अन्य पूर्वोत्तर विद्रोही संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) के कार्यकर्ता हैं. हालांकि, भारतीय सेना ने इन आरोपों को खारिज कर दिया.
उल्फा (आई) के हमलों में कमी
परेश बरुआ की अगुवाई वाले उल्फा-आई के नेतृत्व में हाल के महीनों में काफी कमी आई है. मेधी की कथित मौत और मई में असम पुलिस द्वारा सीनियर कमांडर रूपोम असोम की गिरफ्तारी के बाद, माना जाता है कि म्यांमार में केवल एक प्रमुख व्यक्ति – अरुणोदय दोहोतिया – ही सक्रिय है. बरूआ, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ लंबे समय से संबंध हैं, कथित तौर पर चीन, म्यांमार और भारत के अरुणाचल प्रदेश के त्रि-जंक्शन के पास सक्रिय है. सूत्रों के अनुसार, वह वर्तमान में अपनी विद्रोही गतिविधि के “सबसे निचले स्तर” पर है.
ड्रोन हमला अंदरूनी कलह का नतीजा हो सकती है
आईएएनएस ने घटना से संबंधित लोगों के हवाले से कहा कि कथित हमले भारत-म्यांमार सीमा पर सक्रिय प्रतिबंधित विद्रोही समूहों के बीच आंतरिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम हो सकते हैं. तत्मादाव के नेतृत्व वाली म्यांमार की सैन्य-शासित सरकार विभिन्न सशस्त्र समूहों के साथ निरंतर संघर्ष का सामना कर रही है, और भारत के साथ इसकी सीमा का उपयोग उल्फा-आई जैसे प्रतिबंधित संगठन शिविर स्थापित करने के लिए कर रहे हैं. इस क्षेत्र में लड़ाई भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है. मई 2025 में, मणिपुर के चंदेल ज़िले में म्यांमार सीमा के पास भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए थे.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Guwahati,Kamrup Metropolitan,Assam