वर्दी की अनोखी लव स्टोरी! मंगेतर कैप्टन, खुद लेफ्टिनेंट बने आयुष पाठक

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Last Updated:December 15, 2025, 15:46 IST

Army Story: यह कहानी उत्तर प्रदेश के आयुष पाठक की है, जो आईएमए से पासआउट होकर लेफ्टिनेंट बने हैं. उनकी मंगेतर पहले से ही भारतीय सेना में कैप्टन हैं. आयुष के पिता, बड़ी बहन और जीजा वायुसेना में अधिकारी हैं.

वर्दी की अनोखी लव स्टोरी! मंगेतर कैप्टन, खुद लेफ्टिनेंट बने आयुष पाठकArmy Story: आयुष पाठक के पिता, बहन और जीजा वायुसेना में अफसर हैं

नई दिल्ली (Ayush Pathak Army Story). इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून की पासिंग आउट परेड (POP) हमेशा गर्व और समर्पण की कहानियों से भरी होती है. लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश के मथुरा के आयुष पाठक की कहानी प्रेम और देशभक्ति का अनोखा बंधन दर्शाती है. आयुष पाठक ने शनिवार को IMA से पासआउट होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया. आयुष पाठक के रिश्ते की शुरुआत ही ‘वर्दी’ से हुई थी- उनकी मंगेतर पहले से ही भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं.

वर्दी से जुड़ा यह प्रेम सिर्फ 2 लोगों की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि राष्ट्र के प्रति उनके संयुक्त समर्पण का प्रतीक है. आयुष पाठक के लिए सेना में शामिल होना सिर्फ एक करियर विकल्प नहीं था, बल्कि पारिवारिक परंपरा भी थी. उनके पिता, महादेव पाठक, भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं. उनकी बड़ी बहन निधि पाठक  भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं. जब पीपिंग सेरेमनी के दौरान पूरा परिवार सैन्य वर्दी में एक साथ नजर आया तो मां मंजू पाठक की आंखें गर्व से भर गईं.

वर्दी से शुरू हुआ रिश्ता

उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी लेफ्टिनेंट आयुष पाठक की लव स्टोरी एक ऐसी प्रेम कहानी है, जिसकी नींव ही देश सेवा की भावना पर टिकी है. आयुष की मंगेतर पहले से ही भारतीय सेना में कैप्टन हैं. इस रिश्ते की शुरुआत ही वर्दी के प्रति सम्मान और देश के लिए समर्पण की भावना से हुई, जिसने आयुष को भी सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. यह न केवल प्रेम का, बल्कि एक-दूसरे की प्रेरणा बनने का भी अद्भुत उदाहरण है.

पाठक परिवार की सैन्य परंपरा

आयुष पाठक के लिए सेना में शामिल होना काफी स्वाभाविक चुनाव था क्योंकि उनका परिवार लंबे समय से सशस्त्र बलों में कार्यरत है. आयुष पाठक के पिता महादेव पाठक भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं. उनकी बड़ी बहन निधि पाठक भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं. उनके जीजा भी भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं. इस तरह से पाठक परिवार का लगभग हर सदस्य किसी न किसी रूप में देश की रक्षा और सेवा में जुटा हुआ है. इसी परंपरा ने आयुष पाठक को सेना के प्रति गहरा लगाव और समर्पण सिखाया.

पीपिंग सेरेमनी का भावुक दृश्य

शनिवार को IMA देहरादून में हुई पीपिंग सेरेमनी (Pipping Ceremony) के दौरान पाठक परिवार का बेहद भावुक दृश्य देखने को मिला. जब आयुष पाठक के कंधों पर लेफ्टिनेंट के सितारे सजाए गए तो पूरा परिवार- पिता महादेव पाठक, बहन निधि पाठक और जीजा- सभी सैन्य वर्दी में वहां मौजूद थे. इन सबके साथ आयुष की मां भी वहां आईं थीं. यह दुर्लभ नजारा गर्व और त्याग की भावना से ओत-प्रोत था. बेटे के कंधे पर सितारे सजते देख मां मंजू पाठक की आंखें भर आईं.

आयुष पाठक ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा और SSB इंटरव्यू पास करने के बाद IMA में कड़ी ट्रेनिंग पूरी की. उनकी सफलता उनके पूरे परिवार के देश के प्रति समर्पण की एक और मिसाल है.

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Deepali Porwal

With more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academic sys...और पढ़ें

First Published :

December 15, 2025, 15:46 IST

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