Last Updated:December 16, 2025, 12:29 IST
भारत में मोटापा एक बड़ी समस्या बन गया है. वजन कम करने के लिए लोग न केवल घरेलू नुस्खों और व्यायाम व जिम का सहारा लेते हैं, बल्कि आजकल मोटापा घटाने वाले इंजेक्शन भी ले रहे हैं. इन्हें खुद ही लगाया जा सकता है. भारतीय बाजार में आज मॉन्जारो, विगोवी, ओजेम्पिक और लीराग्लूटाइड जैसे इंजेक्शन और कैप्सूल उपलब्ध हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए.आइए जानते हैं क्या है इनकी कीमत...
भारत में वजन घटाने वाले कितने तरह के इंजेक्शन मिलते हैं?Weight Loss drugs in India: मोटापा आज भारत की बड़ी बीमारी बन गया है. इसके चलते न केवल लाइफस्टाइल खराब हो रही है बल्कि डायबिटीज, थायरॉइड, फैटी लिवर, किडनी आदि अन्य ऑर्गन्स की परेशानियां भी पैदा हो रही हैं. जीटीबी अस्पताल नई दिल्ली की एक रिसर्च बताती है कि सिर्फ मोटापे से 200 तरह की बीमारियां होती हैं. कई बार लोग वजन घटाने के लिए घरेलू नुस्खों से लेकर एक्सरसाइज और जिम आदि का भी सहारा लेते हैं लेकिन मोटापा घटाने में सफलता नहीं मिलती, ऐसे में आजकल बाजार में वजन घटाने के लिए न केवल कैप्सूल बल्कि इंजेक्शन भी उपलब्ध हैं.
हाल ही में वेट लॉस और डायबिटीज की दवा ओजेम्पिक भारत में लांच की गई है. इससे पहले भी भारत में वजन घटाने की कई दवाएं मरीजों को दी जा रही हैं. हालांकि इंजेक्शन की मदद से वजन जल्दी घटता है और कम समय में सफलता मिल जाती है, ऐसे में लोग इन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं. आइए जानते हैं कि भारत में वजन घटाने के लिए कौन कौन से इंजेक्शन मिलते हैं? क्या इन्हें बिना डॉक्टरी सलाह के ले सकते हैं? इनकी कीमत क्या हैं?
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय कालरा कहते हैं कि वजन कम करने की भारत में कई दवाएं उपलब्ध हैं. इनमें मॉन्जारो, विगोवी, ओजेम्पिक और लीराग्लूटाइड. ये सभी दवाएं इंजेक्शन के रूप में मिलती हैं. मॉन्जारो, विगोवी और ओजेम्पिक हफ्ते में एक बार लगते हैं , जबकि लीराग्लूटाइड का टीका रोजाना लगाना होता है. इसके अलावा मोटापा घटाने वाले कैप्सूल ऑर्लिस्टेट भी उपलब्ध हैं.
भारत में कौन कौन सी मोटापा घटाने वाली दवाएं हैं? डॉक्टर संजय कालरा ने दिया जवाब और बताई कीमतें.
आमतौर पर मोटापे या डायबिटीज से जूझ रहे लोग हफ्ते में एक बार वाले टीके लेते हैं. इनका खर्च भी काफी आता है. ओजेम्पिक टीके का खर्च लगभग पौने 9 हजार रुपये प्रति महीने पड़ता है लेकिन जैसे-जैसे दवा की डोज बढ़ती है, खर्च भी बढ़ता जाता है. जबकि विगोवी करीब 10 हजार रुपये का पड़ता है. वहीं मॉन्जारो 11 से 12 हजार रुपये प्रति महीने से शुरू होता है और जैसे-जैसे दवा की खुराक बढ़ती है इनका भी खर्च बढ़ता जाता है.
डॉ. कालरा कहते हैं, हालांकि इतने महंगे होने के बाद भी सबसे खास बात है कि ये टीके पूरी दुनिया में इससे सस्ते कहीं भी नहीं मिलते. बाकी देशों में इनकी कीमत यहां से 5 से 10 गुना ज्यादा है. ये टीके सिर्फ हमारा वजन कम नहीं करते बल्कि उम्र और क्वालिटी के हिसाब से हमारी जिंदगी भी बढ़ाते हैं.
‘इन टीकों के असर के रूप में देखा गया है कि इनसे वजन कम तो होता ही है, शुगर भी ठीक होता है और जिन लोगों को हार्ट या किडनी आदि की दिक्कतें, खर्राटे आने की समस्या या फैटी लिवर की दिक्कत हो तो ये चीजें भी ठीक होती हैं. हालांकि इन दवाओं को जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए.
डॉक्टर कालरा कहते हैं कि अगर आप इन दवाओं के साथ में डाइट और एक्सरसाइज नहीं कर रहे हैं तो ये दवाएं पूरी तरह असर नहीं करेंगी. इसके अलावा हमारा व्यवहार और हमारे विचारों का भी ख्याल रखना है. अगर हम सही तरीके से चलते हैं तो हमें सही परिणाम देखने को मिल सकते हैं लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि इनमें से किसी भी दवा को बिना डॉक्टरी सलाह के अपने मन से न लिया जाए. पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें अगर डॉक्टर इन दवाओं को लिखे तो ही लें.’
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प्रिया गौतमSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
December 16, 2025, 12:29 IST

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