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राजस्थान में हो रही 2 बड़े चेहरों की चर्चा, क्या बीजेपी राठौड़ और पूनिया पर लगाएगी दांव? जानें सबकुछ
बीजेपी के दोनों दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ और सतीश पूनिया हाल ही में विधानसभा चुनाव हार गए थे.
जयपुर. बीजेपी की पहली सूची में राजस्थान के 15 नामों का ऐलान हुआ है. लेकिन अभी तक वो दो नाम नहीं आये जिन पर प्रदेश की निगाहें टिकी थीं. चर्चायें थी कि बीजेपी पार्टी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ को राजसमंद या जयपुर ग्रामीण और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को अजमेर से उम्मीदवार बना सकती है. लेकिन इन दोनों ही नेताओं के समर्थकों को पहली सूची से निराशा हुई. अब नजरें जल्द आने वाली दूसरी सूची पर टिकी है.
सतीश पूनिया न तो इस बात से इंकार कर रहे और न ही इसे स्वीकार कि पार्टी उनको लोकसभा का चुनाव लड़ाने जा रही है. बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हर सवाल का घुमा फिराकर जवाब दे रहे हैं. जाहिर है मन में चुनाव लड़ने की इच्छा प्रबल दिखाई पड़ रही है लेकिन टिकट का फैसला तो आलाकमान करता है. लिहाजा जवाबों को घुमा फिराकर जवाब दिया जा रहा है.
सतीश पूनिया बीजेपी युवा मोर्चे के सबसे पहले अध्यक्ष बनाये गये थे. जाट समुदाय को बीजेपी के नजदीक लाने में पूनिया ने लंबा संघर्ष किया है. उन्होंने बरसों पार्टी के लिए सड़कों पर संघर्ष किया है. इसी संघर्ष की बदौलत वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे. प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पूनिया ने गहलोत सरकार के खिलाफ कई जन आंदोलनों का नेतृत्व किया. बाद में वे उपनेता प्रतिपक्ष बनाये गये. पूनिया को अजमेर से बीजेपी टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी के किशनगढ़ से विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद पूनिया की टिकट मिलने की राह आसान मानी जा रही है. पूनिया का नाम अजमेर के पैनल में एक नंबर पर बताया जा रहा है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ विधानसभा के लगातार सात चुनाव जीतने के बाद इस बार चुनाव हार गये. राठौड़ दो बार भैंरोसिंह शेखावत और दो बार वसुंधरा सरकार में मंत्री पद पर रहे. कार्यकर्ताओं से जुड़ाव और प्रदेशभर में उनकी सक्रियता का लाभ हमेशा पार्टी को मिलता रहा है. जानकारों का कहना है कि राठौड़ की राजसमंद के साथ जयपुर ग्रामीण से भी मजबूत दावेदारी है. दोनों ही जगहों के पैनल में राठौड़ का नाम एक नंबर पर बताया जा रहा है. अब आखरी फैसला तो पार्टी का आलाकमान करेगा. लेकिन राठौड़ अब भी चुनाव लड़ने की संभावनाओं से इंकार कर रहे हैं और फैसला पार्टी पर छोड़ रहे हैं.
वहीं नागौर से ज्येाति मिर्धा को टिकट मिलने के बाद राठौड़ और पूनिया की उम्मीदें फिर जगी हैं. एक तरफ पार्टी ने विधानसभा का चुनाव हारे देवजी पटेल का टिकट काटा है तो दूसरी तरफ नागौर से चुनाव हारी ज्योति मिर्धा को टिकट देकर ये साबित करने की कोशिश की है कि हारा हुआ प्रत्याशी अगर लोकसभा का चुनाव जीतने की क्षमता रखता है तो उसे टिकट देने में पार्टी को कोई दिक्कत नहीं है. देखना यही है कि दोनों दिग्गज नेताओं के मन की मुराद जल्द आने वाली सूची में पूरी होती है या फिर उन्हें पार्टी कहीं और एडजस्ट करती है. फिलहाल तो दोनों क्लस्टर प्रभारी हैं. पूनियां बीकानेर संभाग की सीटों पर तो राठौड़ पूर्वी राजस्थान की सीटों को जीताने के लिए मेहनत मशक्कत कर रहे हैं.
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Tags: Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan Politics
FIRST PUBLISHED :
March 6, 2024, 12:33 IST