Last Updated:November 11, 2025, 11:55 IST
Delhi Car Blast Case: दिल्ली में सोमवार की शाम चांदनी चौक पर बड़ा धमाका हुआ. लाल किले से ठीक सामने एक कार में ऐसा भयंकर विस्फोट हुआ कि पूरा देश सहम गया. लाल किला ब्लास्ट आतंकी हमला है. सुरक्षा एजेंसियां इसे फिदायीन हमला कौन हैं वो 4 कातिल डॉक्टर...चांदनी चौक पर क्यों मचाया कत्लेआम, इनसाइड स्टोरी
दिल्ली कार ब्लास्ट के कातिलों की कुंडलीदिल्ली के चांदनी चौक में सोमवार की शाम को हाहाकार मच गया. लाल किला के पास कार ब्लास्ट ने देश को दहला दिया. दिल्ली लाल किला कार ब्लास्ट के तार फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं. शाम 6:52 बजे हुए इस विस्फोट में 9 लोगों की मौत और 20 घायल हुए हैं. इस कार ब्लास्ट की गुत्थी को सुलझाने की कोशिश हो रही है. इस बीच पुलिस को जांच में नए-नए सुराग मिल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली कार ब्लास्ट एक फिदायीन हमला था. आरोपी डॉक्टर उमर मोहम्मद ने खुद को कार उड़ा लिया. सीसीटीवी फुटेज में उसका कटा हाथ मिला है. हालांकि, डीएनए से ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि उसने सच में उड़ा लिया या नहीं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि अपने तीन साथियों के पकड़े जाने के बाद डॉक्टर उमर ने कार में खुद को उड़ा लिया. कातिल डॉक्टर उमर मोहम्मद का कनेक्शन फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से है. उस मामले में पहले से ही तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अब सवाल है कि क्या चारों आतंकी एक-दूसरे से जुड़े हैं, क्या चारों की कोई बड़ी प्लानिंग थी? क्या उमर ने अपने साथी डॉक्टरों के पकड़े जाने पर हड़बड़ी में यह अटैक किया?
दरअसल, दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट केस में कई खुलासे हो रहे हैं. चांदनी चौक कार ब्लास्ट में डॉक्टर उमर का हाथ तो है ही. इसके अलावा, उन तीन डॉक्टरों का भी हाथ बताया जा रहा है, जो पहले पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. जी हां, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में पहले ही तीन गिरफ्तारी हो चुकी है. सूत्रों का कहना है कि तीनों डॉक्टरों के गिरफ्तार होने से डॉक्टर उमर खौफजदा था. उसे डर था कि कहीं उसकी भी गिरफ्तारी न हो जाए. इस वजह से उसने पैनिक होकर हड़बड़ी में लाल किले के पास कार में खुद को उड़ा लिया.
सीसीटीवी फुटेज में धमाके में इस्तेमाल जिस i20 कार के ड्राइवर को फिदायीन हमले का संदिग्ध माना जा रहा है. वह कथित रूप से डॉक्टर मोहम्मद उमर है. माना जा रहा है कि उसने खुद को उड़ा लिया. वह फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ा था. डॉ. उमर फरीदाबाद के अल फलह मेडिकल कॉलेज में तैनात था. सूत्रों के अनुसार धमाके में इस्तेमाल i20 कार वही चला रहा था और संदेह है कि गिरफ्तारी के डर से उसने दो सहयोगियों के साथ आनन-फानन में धमाके की प्लानिंग की और शाम होते-होते इसे अंजाम दे दिया.
सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद कांड में जो तीन डॉक्टर अरेस्ट हुए हैं, वे अमोनियम नाइट्रेट की सप्लाई, बम बनाने की प्लानिंग और लॉजिस्टिक्स में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि ये चारों एक-दूसरे से जुड़े हैं. जांच से पता चला है कि ये सब एक ही टेरर नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं और इनका कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद से है. चलिए जानते हैं इन चारों डॉक्टरों की कुंडली, जिन्होंने कातिल बनकर चांदनी चौक में कत्लेआम मचाया.
शुरुआती जांच में पता चला है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे शक्तिशाली विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. मौके पर मौजूद फॉरेसिक टीम के मुताबिक, यह एक हाई एक्सपोजिसव ब्लास्ट था. हालांकि, जमीन पर गड्ढा नहीं बना क्योंकि यह विस्फोट ऊपरी दिशा में हुआ था.
कार का ट्रेल और दूसरा संदिग्ध तारिक
हुंडई i20 की जांच में मालूम हुआ कि सलमान नाम के व्यक्ति ने यह कार गुरुग्राम में खरीदी थी. उसने कहा कि उसने इसे पहले ही बेच दिया था. देवेंद्र नामक व्यक्ति ने यह कार बीच में खरीदी थी. आखिर में उमर मोहम्मद के पास यह पहुंची, जिसने इसे धमाके में इस्तेमाल किया गया. जांच में एक और नाम तारिक (पुलवामा, जम्मू-कश्मीर) का सामने आया है. उसने कार उमर तक पहुंचाने में मदद की. पुलिस का मानना है कि तारिक ने लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया.
फरीदाबाद मॉड्यूल से कनेक्शन
दिल्ली ब्लास्ट की कड़ी फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ी है. 10 नवंबर की सुबह ही इस मॉड्यूल से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी. इसमें में 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, डिटोनेटर, टाइमर, और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स शामिल थे. इस मॉड्यूल में ज्यादातर कश्मीर के डॉक्टर शामिल थे, जो फरीदाबाद और एनसीआर में किराए के मकानों में विस्फोटक जमा कर रहे थे.
डॉक्टर उमर: उमर पेशे से डॉक्टर था लेकिन कुछ समय से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े एक आतंकी नेटवर्क में सक्रिय था. कार का आखिरी मालिक भी वही था. माना जा रहा है कि उसी ने विस्फोटक को कार में रखा और जब उसी दिन उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई फरीदाबाद और जम्मू कश्मीर से उसके बाद से वो घबराहट में था. उमर ने लाल किले ब्लास्ट के पहले कुछ लोगों से मुलाकात की थी, जिसकी शिनाख्त जारी है. जांच में पाया गया था कि उमर को आतंकी मॉड्यूल से फंडिंग मिल रही थी और उसका काम आगे के टास्क के लिए कार को विस्फोटक से लैस करना था. अब तक लग रहा है कि लाल किले के पास हुआ ब्लास्ट पैनिक में हुआ है.
डॉ. मुझम्मिल शकील उर्फ मुजम्मिल शकील: यह पुलवामा का रहने वाला है. वह अल-फलाह अस्पताल (फरीदाबाद) में काम करता था. उसने धौज और फतेहपुर टागा गांवों में दो मकान किराए पर लेकर वहां विस्फोटक रखे थे. पुलिस ने उसे 10 नवंबर की सुबह ही गिरफ्तार कर लिया था. सूत्रों के मुताबिक उसने उमर को विस्फोटक और उपकरण उपलब्ध कराए थे. इस एंगल पर जांच जारी है. माना जा रहा है कि यह मोड्यूल दिल्ली और दूसरे शहरों में कई धमाके करने की योजना बना रहा था.
डॉ. अदील अहमद राथर: आदिल अहमद अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है. वह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अनंतनाग में काम कर चुका है. उसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था. इसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार पोस्टर लगाए थे और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भड़काने में शामिल था. इसके पास से हथियार और सामग्री मिली जो अस्पताल के लॉकर में छिपाई गई थी.
डॉ. शाहीन शाहिद: फरीदाबाद में रहने वाली डॉक्टर है. इसने अपनी कार में हथियार छिपाने में मदद की थी. जांच में पता चला कि वह भी इसी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थी.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...
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First Published :
November 11, 2025, 11:51 IST

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