लड़कियां, जिन पर निर्भर हैं मां-पिता और बच्चे, ऐसे करें फाइनैंशल प्लानिंग

1 month ago

महिलाओं को अपने वित्त की जिम्मेदारी कुशलता से ऐसे मैनेज करनी चाहिए

महिलाओं को अपने वित्त की जिम्मेदारी कुशलता से ऐसे मैनेज करनी चाहिए

First job, singel women, dependent family and children: डियर लेडीज़, आपकी हाल ही में नौकरी लगी है, और आप अपने परिवार व ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 6, 2024, 15:31 ISTEditor picture

हाइलाइट्स

जिम्मेदार लड़कियां जिम्मे उठाती हैं तो धरती और आकाश सबकुछ साध लेती हैं
पति किसी रोग बीमारी या दुर्घटना के चलते बेड-रिडन हो तो भी संभाल लेती हैं
ऐसे में वे कैसे करें अपने फाइनेंशल प्लानिंग आइए एक्सपर्ट इनपुट से समझें

Insurance, Child care, Financial Planning for women: जिम्मेदार लड़कियां जिम्मे उठाती हैं तो धरती और आकाश सबकुछ साध लेती हैं. स्वाबलंबी महिलाएं खुद ही अपने परिवार की नैया की खिवैया होती हैं. बदलते दौर में यह बाइ-चाइस, यानी, खुद का इच्छा से लिया हुआ जिम्मा भी होता है. वहीं यहां गौरतलब यह भी है कि आर्थिक मसले पर कई बार परिस्थतियां ऐसी आन पड़ती हैं कि किसी लड़की को खुद ही अपने माता-पिता या सास-ससुर और बच्चों का पालन-पोषण व अन्य जिम्मेदारियां निभाती होती हैं. कई बार ये बच्चे अपने खुद के छोटे भाई बहन भी हो सकते हैं और कई बार ये खुद के बच्चे भी.

जरूरी नहीं कि पति की मौत हो गई हो या फिर तलाक हो गया हो, यह भी संभव है कि पति किसी रोग बीमारी या दुर्घटना के चलते बेड-रिडन यानी कोमा-अपंगता के शिकार हो गया हो. ऐसे में घर की पढ़ी लिखी महिला पर कई तरह के उत्तरदायित्व होते हैं. ऐसे में वे कैसे करें अपने जीवन की प्लानिंग कि कई मोर्चों पर सकुशलता से बेहतरीतन तरीके से मैनेज कर सकें.

हमने कुछ सवालों के साथ वित्तीय मामलों के जानकार बलवंत जैन से बातचीत की. उनसे मिले जरूरी टिप्स के आधार पर आप अपने लिए फैसला ले सकती हैं.

यदि आप ही घर की मुखिया हैं यानी वित्तीय मोर्चे पर आप ही केवल कर्ता-धर्ता हैं तो सबसे पहले आपको अपना एक्सिडेंट कवर लेना चाहिए. आपको अपना एक एक्सिडेंट इंश्योरेंस इसलिए भी जरूर ले लेना चाहिए क्योंकि आपके ऊपर कई जन डिपेंड हैं और दुर्घटना के दौरान अचानक से आए खर्चे को किसी और के लिए संभालना बेहद मुश्किल होगा. देखा यह गया है कि किसी छोटी सी भी रोग बीमारी से लेकर दुर्घटना की स्थिति में हॉस्पिटलाइजेशन व अन्य मेडिकल खर्च इतना ज्यादा होता है कि पूरी पूंजी लग जाती है. और चूंकि आपकी उम्र 25-28 के बीच ही है तो ऐसे में जरूरी नहीं की काफी पैसा एकत्र कर चुकी हों आप. साथ ही, 25 से 28-30 साल की आयु में नेचुरल डेथ नहीं होती हैं, एक्सिटेंड हो जाए या हैंडिकैप हो जाएं तो इंश्योरेंस आपको काफी हद तक बचा लेगा. इंश्योरेंस कंपनियां दुर्घटना के चलते हुई डिसेबिलटी को भी कवर करती हैं. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.

इसके बाद आपके लिए जरूरी है कि अपने परिवार को सिक्यॉर करें. फैमिली का प्रॉटक्शन फाइनेंशल प्लानिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिए जरूरी है कि अपना लाइफ इंश्योरेंस करवा लेना चाहिए. करियर के शुरू में कई बार सैलरी कम होती है तो कितना के इंश्योरेंस लेंगे आप यह आपकी सैलरी और उम्र पर निर्भर करता है. शुरू में सैलरी का 15-18 फीसदी इंश्योरेंस के लिए निकाल सकती हैं. बेहतर होगा कि आप टर्म इंश्योरेंस लें.

यदि आपके ऊपर आपके पैरेंट्स (माता-पिता या फिर सास-ससुर) निर्भर हैं तो मेडिकल जरूरतें आपकी ज्यादा होंगी. बढ़ती उम्र के साथ उन्हें मेडिकल सहयोग चाहिए होगा. किसी न किसी कारण से, सर्जरी आदि के कारण हॉस्पिटलाइजेशन होता रह सकता है. इसलिए पैरेंट्स का हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए. हो सके तो दोनों के लिए अलग अलग 5-5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस लें या फिर कोई फैमिली फ्लोटर पॉलिसी लें. आपके ऑफिस से मिले ग्रुप इंश्योरेंस को पैरेंट्स के लिए रिजर्व करके रखना बेहतर होगा क्योंकि इसमें माता-पिता की प्री-एग्जिस्टिंग रोग बीमारियां भी कवर होंगी.

आप पर डिपेंड बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा बचाती चलें. उनकी शादी आपकी ओर से वित्तीय एंगल से लास्ट प्रॉयरिटी होनी चाहिए क्योंकि तब तक वे बड़े हो जाएंगे और इस पर खुद भी पैसा खर्च कर सकते हैं लेकिन उनकी पढ़ाई के लिए आपको वित्तीय रूप से तैयारी करनी होगी.

पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप इन लिंक्स पर जानकारी ले सकती हैं- महिलाएं अबकी बार FD नहीं, FD लैडरिंग करवाएं, कमाल का फायदा देगा यह तरीका! इसके अलावा यह भी पढ़ सकती हैं- नहीं बचता पैसा, नहीं कर पा रही सेविंग? ये 5 तरीके बटुए में दबा कर रखेंगे नोट

इस सबके साथ ही अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को न भूलें. वैसे तो इस उम्र से 30-32 साल दूर है आपकी रिटायरमेंट लेकिन समय से शुरू करेंगी प्लानिंग तो नफे में रहेंगी. सलाह है कि अपना पैसा इक्विटी में लगाएं लेकिन डायरेक्ट इक्विटी में पैसा न लगाकर इक्विटी म्यूचुल फंड में पैसा डालें.

अगर आपके पास पहले से घर है तो इसका इंश्योरेंस करवा सकती हैं. नया घर लेना है तो डाउन पेंमेंट के लिए पैसा बचाना शुरू करें क्योंकि होम लोन तो लेंगी मगर डाउन पेमेंट भी तो करनी होगी.

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FIRST PUBLISHED :

March 6, 2024, 15:31 IST

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