रोहिंग्याओं को समुद्र में फेंका? दावे पर SC का कड़ा जवाब- झूठी कहानियां...

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Last Updated:May 16, 2025, 21:25 IST

Supreme Court Rohingya Case: सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या शरणार्थियों को समंदर में फेंकने के दावे को खारिज किया. कोर्ट ने कहा, "ऐसी झूठी कहानियों से न्याय व्यवस्था को गुमराह न करें."

रोहिंग्याओं को समुद्र में फेंका? दावे पर SC का कड़ा जवाब- झूठी कहानियां...

कोर्ट ने कहा – देश गंभीर दौर से गुजर रहा है, फालतू ड्रामा मत रचो. (फाइल फोटो AP)

हाइलाइट्स

सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या शरणार्थियों को समुद्र में फेंकने का दावा खारिज किया.कोर्ट ने कहा, झूठी कहानियों से न्याय व्यवस्था को गुमराह न करें.अगली सुनवाई 31 जुलाई को तीन जजों की बेंच में होगी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक ऐसी सुनवाई हुई, जिसमें एक याचिका ने सभी का ध्यान खींचा. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि भारत सरकार ने 43 रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार भेजने के बहाने अंडमान सागर में मरने के लिए छोड़ दिया. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल बताए गए. कोर्ट के सामने ये बात रखी गई कि इन्हें “जानबूझकर मौत की ओर धकेला गया” है.

लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस दावे से न सिर्फ सहमत नहीं हुआ बल्कि इस पर कड़ी प्रतिक्रिया भी दी. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि वे सोशल मीडिया की मनगढ़ंत कहानियों को लेकर देश की न्याय व्यवस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं.

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कोर्ट ने कहा – देश गंभीर दौर से गुजर रहा है, फालतू ड्रामा मत रचो

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मोहम्मद इस्माइल और अन्य की ओर से पेश वकील कॉलिन गोंजाल्विस से पूछा –

देश पहले से ही कई चुनौतियों से गुजर रहा है और आप हर बार नई कहानी लेकर आते हैं. आखिर इसका आधार क्या है?

कोर्ट ने इन आरोपों को पूरी तरह “बिना सबूत और अविश्वसनीय” बताया.

फोन कॉल्स, सोशल मीडिया पोस्ट… कोर्ट ने सबूतों पर खड़े किए सवाल
याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ फोन कॉल्स की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पोस्ट और एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट को सबूत के तौर पर पेश किया गया था. लेकिन कोर्ट ने कहा –

आप जिन कॉल्स का जिक्र कर रहे हैं उनकी पुष्टि कौन करेगा? पहले भी झारखंड के जामताड़ा से विदेशों में फर्जी कॉल किए जाते रहे हैं.

UN की रिपोर्ट का भी नहीं पड़ा असर
गोंजाल्विस ने UN Human Rights Office की रिपोर्ट का हवाला देने की कोशिश की. इसमें भारत से जांच की मांग की गई थी. इस पर कोर्ट ने सख्ती से कहा –

“हम अपनी नीतियां विदेशी संगठनों की सलाह पर नहीं चलाते. हमारी एजेंसियां सक्षम हैं और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाना ठीक नहीं है.”

रोहिंग्या विदेशी हैं, कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि अगर रोहिंग्या शरणार्थियों को भारतीय कानूनों के तहत ‘विदेशी’ माना गया है, तो उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है. UNHCR के पहचान पत्रों को भी कोर्ट ने भारतीय कानून के सामने अमान्य बताया. हालांकि कोर्ट ने गोंजाल्विस से कहा कि वह याचिका की एक प्रति अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को भेजें, ताकि सरकार चाहें तो इस पर विचार कर सके. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को तीन जजों की बेंच में होगी.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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