Last Updated:May 17, 2025, 06:47 IST
भारत सरकार ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी रद्द की. कंपनी ने इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने तुर्की के पाकिस्तान समर्थक रुख का हवाला दिया.

सेलेबी एविएशन होल्डिंग में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की बेटी सुमेय्य एर्दोगन बायरकतर हिस्सेदारी बताई जाती हैं.
नई दिल्ली. भारतीय हवाईअड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं देने वाली तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी केंद्र सरकार ने रद्द कर दी है. अब कंपनी ने इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. सेलेबी ने इसे मनमाना और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का अस्पष्ट हवाला देकर लिया गया फैसला बताया है, जिससे हजारों नौकरियां और हवाई अड्डों की जरूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.
सरकार ने बुधवार को सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी थी. इसके पीछे तुर्की के पाकिस्तान समर्थक रुख और आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं का हवाला दिया गया था. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के तहत जारी आदेश में कहा गया था कि यह कदम ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में’ उठाया गया है.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि देशभर से इस कंपनी पर प्रतिबंध लगाने की मांग आ रही थी. उन्होंने कहा, ‘हमने इन मांगों को गंभीरता से लिया है और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देते हुए कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है.’
कोर्ट में सेलेबी की दलील
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि
आदेश बिना किसी ठोस कारण या पूर्व सूचना के जारी किया गया.
‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ शब्द का इस्तेमाल करके बिना ठोस तर्क दिए कार्रवाई की गई.
इस फैसले से 3,791 लोगों की नौकरियां और निवेशकों का भरोसा खतरे में है.
तुर्की-पाकिस्तान कनेक्शन
सेलेबी का मामला सिर्फ एक कॉरपोरेट विवाद नहीं है, इसके तार सीधे तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के परिवार से जुड़े हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार:
कंपनी का आंशिक स्वामित्व एर्दोगन की बेटी सुमेये एर्दोगन के पास है.
उनकी शादी सेल्कुक बेराकटार से हुई है, जो बेराकटार मिलिट्री ड्रोन बनाते हैं.
यही ड्रोन पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ उपयोग किए हैं.
इससे साफ है कि पाकिस्तान को सैन्य सहयोग देना तुर्की की सरकारी नीति से कहीं आगे, राष्ट्रपति के परिवार की सीधी भागीदारी वाला मामला है.
भारत का स्पष्ट संदेश
भारत सरकार ने इस कार्रवाई के जरिये एक मजबूत संकेत दिया है कि राष्ट्रहित और सुरक्षा के सवाल पर कोई समझौता नहीं होगा. यह केवल एयरपोर्ट सर्विसेज या नौकरियों की बात नहीं है, बल्कि यह तय करने का मामला है कि क्या किसी दुश्मन-समर्थक नेटवर्क को हमारी रणनीतिक इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच मिलनी चाहिए या नहीं.
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि सरकार को पूरे देश से सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जो भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं संचालित करने वाली तुर्की की कंपनी है.
मंत्री ने पोस्ट में लिखा, ‘इस मुद्दे की गंभीरता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के आह्वान को समझते हुए, हमने इन अनुरोधों का संज्ञान लिया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उक्त कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है. राष्ट्र की सुरक्षा और हितों को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.’
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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