Last Updated:September 18, 2025, 07:48 IST
Rafale F5 Fighter Jet: दुनियाभर में इन दिनों कटिंग एज फाइटर जेट हासिल करने की होड़ मची हुई है. तमाम देश अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में जुटा है, जिसके तहत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की डिमांड बढ़ गई है.

Rafale F5 Fighter Jet: रूस-यूक्रेन के बाद इजरायल-ईरान के बीच सैन्य टकराव को देखते हुए दुनिया के तमाम देश अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में जुट गया है. इंटरनेशनल डिफेंस मार्केट में तीन चीजों की काफी डिमांड है – मॉडर्न मिसाइल, 5th जेनरेशन फाइटर जेट और एयर डिफेंस सिस्टम. अब ऐसी मिसाइलें और फाइटर जेट डेवलप किए जा रहे हैं जो रडार के साथ ही एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा देने में कामयाब रहे. खासकर पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ जेट को लेकर ज्यादा डेवलपमेंट देखा जा रहा है. फ्रांस इस दिशा में लगातार काम कर रहा है. अब 4.5 जेनरेशन के फाइटर जेट राफेल का अपग्रेड करने का काम जोरों से चल रहा है. डिफेंस एक्सपर्ट की मानें तो राफेल-5 अमेरिका के F-35 और चीन के J-35A से कहीं ज्यादा ताकतवर और अपग्रेड होगा. स्टील्थ कैपेबिलिटी की वजह से राफेल-5 जेट रडार के साथ ही S-400 जैसी एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर दुश्मन की कमर तोड़ सकता है.
साल 2030 के शुरुआती दशक में उपलब्ध होने वाला राफेल F5 गेम-चेंजर साबित हो सकता है. इसका नया M88 T-Rex इंजन 20% अधिक थ्रस्ट (88 kN) देगा, जिससे लंबी रेंज, अधिक हथियार ले जाने की क्षमता और बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी सुनिश्चित होगी. राफेल F5 भविष्य के हथियारों, अगली पीढ़ी की इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताओं और ड्रोन-टीमिंग ऑपरेशन्स के लिए डिजाइन किया गया है. एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि राफेल का यह वेरिएंट 2040 के दशक तक प्रासंगिक रहेगा. दुनियास्टील्थ फाइटर जेट और AI-इनेबल वॉर प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रही है, ऐसे में मॉडर्न फाइटर जेट का होना जरूरी है. चुनौती यह है कि F4 को F5 में अपग्रेड करना संभव नहीं है. राफेल F5 के एयरफ्रेम, इंजन और स्ट्रक्चर पूरी तरह अलग होंगे. यानी आज F4 लेने का मतलब भविष्य में अलग सप्लाई चेन और अलग ट्रेनिंग मॉड्यूल मैनेज करना होगा.
राफेल फाइटर जेट का नया अवतार आनेवाला है.
F-35 और J-35A से बेहतर राफेल?
अब सवाल उठता है कि राफेल फाइटर जेट अमेरिका के F-35 और चीन के J-35A के सामने कहां ठहरता है. बता दें कि F-35 और J-35A पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है. राफेल एफ-4 कुछ मौकों पर एफ-35 को किल लॉक कर चुका है. मतलब यह कि सैन्य अभ्यास के दौरान मौजूदा राफेल जेट पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 को टारगेट पर ले लिया था. ऐसे में इस अमेरिकी जेट की कमजोरी दुनिया के सामने आ चुकी है. दूसरी तरफ, चीन J-35A भी पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ विमान है. हालांकि, इसकी क्षमताएं अभी तक साबित नहीं हो सकी हैं. वहीं, राफेल फाइटर जेट कई मौकों पर अपनी तकनीकी और वॉर-टाइम क्षमता को दिखा चुका है. चीन का J-35A जेट अभी तक अपनी क्षमताओं को साबित नहीं कर सका है. इसके बारे में जानकारी भी कम ही उपलब्ध है.
भारत के लिए क्या बेहतर
राफेल का F4 वेरिएंट का उत्पादन भारत में तेजी से शुरू करना आसान होगा. इससे HAL और प्राइवेट सेक्टर की क्षमता का इस्तेमाल होगा और तकनीक ट्रांसफर भी अधिक संभव है. वहीं, राफेल के F5 वेरिएंट में देरी का असर AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) जैसे घरेलू प्रोजेक्ट पर पड़ सकता है. संसाधनों के बंटवारे के कारण स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम धीमा पड़ने का खतरा है. भारत की स्थिति ऐसी है कि स्क्वाड्रन गैप को लंबे समय तक ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता है. इस लिहाज से राफेल का F4 वैरिएंट तत्काल हासिल करना उचित है, पर भविष्य को ध्यान में रखते हुए F5 पर फोकस करना ज्यादा व्यावहारिक और बेहतर रहने वाला है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 18, 2025, 07:48 IST