राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प लिया

12 hours ago

Last Updated:October 21, 2025, 12:44 IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के प्रयासों से नक्सलवाद जल्द इतिहास बन जाएगा.

राजनाथ सिंह ने पुलिस स्मृति दिवस पर नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प लियारक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (21 अक्टूबर) को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. 21 अक्टूबर को देश भर में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. यह परंपरा साल 21 अक्टूबर 1959 से चलीरही है. पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों से वामपंथी उग्रवाद (LWE) की समस्या जल्द ही भारत में इतिहास बन जाएगी.

उन्होंने मध्य दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और सलामी ली. राजनाथ सिंह ने पुलिसकर्मियों को दिए संबोधन में कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सफलता का आकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि कभी सरकार के खिलाफ हथियार उठाने वाले माओवादी आज आत्मसमर्पण कर रहे हैं और खुद को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर रहे हैं.

मार्च 2026 तक भारत में नक्सलवाद समस्या समाप्त – रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री ने पुलिसकर्मियों को दिए संबोधन में कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सफलता का आकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि कभी सरकार के खिलाफ हथियार उठाने वाले माओवादी आज आत्मसमर्पण कर रहे हैं और खुद को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों से यह समस्या अब इतिहास बनने की कगार पर है. इसके लिए हमारे सभी सुरक्षाकर्मी बधाई के पात्र हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि मार्च 2026 तक भारत में नक्सलवाद की समस्या समाप्त हो जाएगी. लंबे समय से नक्सलवाद हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए एक समस्या रहा है. एक समय था जब छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कई जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे। गांवों में स्कूल बंद थे, सड़कें नहीं थीं और लोग डर के साये में जी रहे थे.

नक्सलियों के गढ़ बन रहे शिक्षा के गढ़

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि इस समस्या को और आगे नहीं बढ़ने देंगे. जिस तरह से हमारी पुलिस, CRPF, BSF और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर संगठित तरीके से काम किया, वह सराहनीय है. उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र कभी ‘नक्सलियों के गढ़’ थे, वे अब शिक्षा के गढ़ बन रहे हैं. भारत के वे हिस्से जो कभी ‘‘लाल गलियारे’’ के रूप में ‘‘कुख्यात’’ थे, अब विकास के गलियारे में बदल गए हैं.

सरकार ऐसे बदलाव लाने में सक्षम रही है और ऐसा होने में पुलिस व सुरक्षा बलों का ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ योगदान रहा है. रक्षा मंत्री ने मोदी सरकार द्वारा पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों और बजट के बारे में भी बात की.

हमले में 10 जवान हुए थे शहीद

इन ‘‘सीमित’’ संसाधनों के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए सिंह ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और एकीकरण के माध्यम से इसे हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पुलिस को न केवल अपराध से लड़ना है, बल्कि ‘गलत धारणा’ से भी लड़ना है. 1959 में इसी दिन लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा 10 जवान घात लगाकर किए गए हमले में हो गए थे.

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First Published :

October 21, 2025, 12:44 IST

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