Last Updated:July 29, 2025, 18:53 IST
Parliament Session: संसद में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा कि जब डोनाल्ड ट्रंप ने 28 बार भारत-पाक सीजफायर का श्रेय लिया, तो मोदी सरकार ने खंडन क्यों नहीं किया? विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ट्रंप की बातों...और पढ़ें

हाइलाइट्स
दीपेंद्र हुड्डा ने ट्रंप के दावों पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए.हुड्डा ने कहा कि या तो ट्रंप का मुंह बंद करो या मैकडोनाल्ड बंद करो.भारत ने पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया, अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी.संसद का मानसून सत्र इन दिनों काफी चर्चा में है. जहां एक ओर सरकार कई बड़े बिल पास कराने की कोशिश में लगी है, वहीं विपक्ष सरकार से तीखे सवाल कर रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोकसभा में एक ऐसा सवाल उठाया, जिससे माहौल गरमा गया. उनका सवाल था- ‘अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 28 बार ये दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति कराई, लेकिन हमारी सरकार ने कभी इसका विरोध क्यों नहीं किया?’
हुड्डा ने ये बात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कही. इस बहस में वो बोले, “अगर कोई बार-बार झूठ बोले, और हम चुप रहें, तो दुनिया क्या सोचेगी?” उनका इशारा ट्रंप की उन बातों की ओर था, जिनमें ट्रंप खुद को भारत-पाक के बीच ‘शांति दूत’ बताते रहे हैं.
‘या तो ट्रंप को रोको, या McDonald’s को निकालो’
हुड्डा का भाषण यहीं नहीं रुका. उन्होंने अमेरिका की फेमस बर्गर चेन McDonald’s को भी अपनी बात में घसीट लिया. उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका के नेता भारत के खिलाफ झूठ बोलते हैं, तो भारत को भी फैसला लेना चाहिए. या तो ट्रंप की झूठी बातों पर लगाम लगाओ, या फिर भारत से McDonald’s जैसे अमेरिकी कारोबार को बाहर कर दो.”
#WATCH | Speaking on Operation Sindoor in the House, Congress MP Deepender Singh Hooda says, “…Donald (Trump) ko chup karao, Donald ka muh band karao ya phir Hindustan mein McDonald’s ko band karao…” pic.twitter.com/tJQHTrL6qa
उनका कहना था कि अगर कोई देश भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, तो फिर उसके बिजनेस को यहां पैसा कमाने का मौका नहीं मिलना चाहिए. इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने उनका मज़ाक भी उड़ाया और कहा कि संसद में ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं. वहीं, जानकारी के मुताबिक कांग्रेस आने वाले समय में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी कर सकती है.
पहलगाम हमले के बाद की है बात
ट्रंप जिन दावों की बात कर रहे हैं, वो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की है. उस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया. ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ही दोनों देशों के बीच बातचीत कराई और युद्धविराम (ceasefire) करवाया.
लेकिन भारत की ओर से हमेशा यह कहा गया कि पाकिस्तान ने खुद पीछे हटने की बात कही थी और इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी. हुड्डा ने सवाल उठाया कि अगर ट्रंप की बात सच नहीं थी, तो प्रधानमंत्री मोदी ने कभी इसका खंडन क्यों नहीं किया?
जयशंकर ने संसद में रखी सरकार की स्थिति
हुड्डा के बयान के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में स्थिति साफ की. उन्होंने बिना ट्रंप का नाम लिए बताया कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने वाला है. इस पर प्रधानमंत्री ने दो टूक जवाब दिया– “अगर हमला हुआ, तो जवाब भी उसी स्तर पर मिलेगा.”
अगले ही दिन हमला हुआ, लेकिन हमारी सेना ने उसे नाकाम कर दिया और पाकिस्तान को कड़ा जवाब भी दिया. जयशंकर ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान ने खुद युद्धविराम की इच्छा जताई थी, लेकिन भारत ने कहा कि यह बात आधिकारिक सैन्य चैनल (DGMO) के ज़रिए आए, तभी कोई फैसला लिया जाएगा.
‘ट्रंप से मोदी की कोई बात नहीं हुई थी’
जयशंकर ने एक और बड़ी बात कही– “22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन पर बातचीत नहीं हुई.” यानी अगर ट्रंप कुछ भी कह रहे थे, तो वह उनके अपने मन की बातें थीं. भारत सरकार ने साफ कर दिया कि अमेरिका की बातों का भारत की नीति और फैसलों से कोई लेना-देना नहीं है.
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