यहां जल के भीतर से दर्शन देते हैं महादेव, मछलियां भी करती है जलाभिषेक!

8 hours ago

Last Updated:July 22, 2025, 18:33 IST

उदयपुर के झाडोल में चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में मानसून के दौरान अनोखा नजारा देखने को मिलता है. बांध के पानी में डूबे शिवलिंग पर मछलियां भी जलाभिषेक करती नजर आती हैं. भक्त पानी में उतरकर महादेव के दर्शन करते हैं...और पढ़ें

यहां जल के भीतर से दर्शन देते हैं महादेव, मछलियां भी करती है जलाभिषेक!पानी में उतरकर शिव के दर्शन करते हैं भक्त (इमेज- फाइल फोटो)

उदयपुर के झाडोल कस्बे के चंदवास गांव में स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर एक अनोखा और रहस्यमयी स्थल है, जो ना केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि अपने चमत्कारी दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है. हर साल मानसून के दौरान, जब मानसी वाकल बांध लबालब भर जाता है, यह मंदिर पानी में डूब जाता है और एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है—मछलियां शिवलिंग के चारों ओर तैरते हुए परिक्रमा करती नजर आती है. यह दृश्य भक्तों और पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है, मानो मछलियां भी भगवान शिव की भक्ति में लीन हो.

चंद्रेश्वर महादेव मंदिर झाडोल क्षेत्र में एक प्राचीन और पवित्र स्थल है. मानसून के दौरान, जब मानसी वाकल बांध में पानी का स्तर बढ़ता है, मंदिर का गर्भगृह, नंदी स्थल और पूरा परिसर पानी में डूब जाता है. इसके बावजूद, भगवान शंकर अपने भक्तों को जलमग्न अवस्था में भी दर्शन देते हैं. भक्तों का उत्साह कम नहीं होता और वे पानी में उतरकर शिवलिंग के दर्शन और पूजा करने पहुंचते हैं. खास तौर पर सावन के महीने में, जब शिव भक्ति का विशेष महत्व होता है, इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.

मछलियों की परिक्रमा: एक चमत्कारी दृश्य
इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता है मछलियों का शिवलिंग के चारों ओर तैरना. जब बांध का पानी मंदिर परिसर में भर जाता है, तो बड़ी संख्या में मछलियां शिवलिंग के आसपास चक्कर लगाती नजर आती हैं. यह दृश्य ऐसा प्रतीत होता है मानो मछलियां भक्तों की तरह भगवान शिव की परिक्रमा कर रही हों. स्थानीय लोग और भक्त इसे एक चमत्कार मानते हैं और इसे भगवान शिव की कृपा का प्रतीक मानते हैं.

न्याय का देवता: चंद्रेश्वर महादेव
चंद्रेश्वर महादेव मंदिर को स्थानीय लोग “न्याय का देवता” भी कहते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में कोई भी झूठी सौगंध नहीं खा सकता. गांव में अगर चोरी, विवाद या किसी तरह का झगड़ा होता है, तो लोग इस मंदिर में आकर शिवलिंग पर हाथ रखकर सत्य की शपथ लेते हैं. कहा जाता है कि जो व्यक्ति दोषी होता है, वह इस पवित्र स्थल पर झूठ बोलने की हिम्मत नहीं कर पाता. इस कारण यह मंदिर ना केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और नैतिक महत्व भी रखता है.

मानसी वाकल बांध और मंदिर का इतिहास
चंद्रेश्वर महादेव मंदिर का यह अनोखा दृश्य 2005 में मानसी वाकल बांध के निर्माण के बाद से हर साल देखने को मिलता है. बांध बनने के बाद से हर मानसून में मंदिर का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूब जाता है. इससे पहले, यह मंदिर साल भर भक्तों के लिए सुलभ रहता था, लेकिन अब मानसून के दौरान यह जलमग्न हो जाता है, जो इसे और भी रहस्यमयी बनाता है. बांध के निर्माण ने इस क्षेत्र को पर्यटन के लिए भी आकर्षक बना दिया है, क्योंकि पानी में डूबा मंदिर और मछलियों की परिक्रमा एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है.

सावन में बढ़ता है आकर्षण
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है. इस दौरान चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ और बढ़ जाती है. पानी में उतरकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने और दर्शन करने का उत्साह भक्तों में देखते ही बनता है. मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य, पहाड़ियां और बांध का पानी इस जगह को और भी मनोरम बनाते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि मछलियों का शिवलिंग के आसपास तैरना एक दैवीय संकेत है, जो भक्तों की आस्था को और मजबूत करता है.

Sandhya Kumari

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.

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Location :

Udaipur,Rajasthan

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यहां जल के भीतर से दर्शन देते हैं महादेव, मछलियां भी करती है जलाभिषेक!

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