म्यूजियम से पंडित नेहरू की फाइलें कौन ले गया? सरकार ने खोला राज

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Last Updated:December 15, 2025, 21:36 IST

सरकार के इस जवाब ने उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया है जिनमें यह आशंका जताई जा रही थी कि म्यूजियम के आधुनिकीकरण या नाम बदलने की प्रक्रिया में ऐतिहासिक दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है. संसद के रिकॉर्ड पर यह बयान अब पुष्टि करता है कि पंडित नेहरू से जुड़ी हर फाइल और रिकॉर्ड तीन मूर्ति भवन में सुरक्षित है.

म्यूजियम से पंडित नेहरू की फाइलें कौन ले गया? सरकार ने खोला राजपंड‍ित नेहरू म्‍यूजि‍यम से फाइलें चोरी होने पर जवाब आ गया है.

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों को लेकर उठी तमाम आशंकाओं और सवालों पर केंद्र सरकार ने संसद में पूर्णविराम लगा दिया है. प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML), जिसे पहले नेहरू मेमोरियल (NMML) के नाम से जाना जाता था, को लेकर अक्सर राजनीतिक गलियारों में चर्चा रहती है कि क्या नाम बदलने के साथ-साथ वहां का इतिहास भी बदला जा रहा है? इसी पर सोमवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण जानकारी दी गई. सरकार ने स्पष्ट किया कि 2025 के निरीक्षण (Inspection) के दौरान पंडित नेहरू से जुड़ा एक भी दस्तावेज गायब नहीं मिला है.

क्या था पूरा मामला?

दरअसल, यह मुद्दा तब सामने आया जब लोकसभा में भाजपा सांसद संबित पात्रा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से सीधे सवाल पूछे. अक्सर विपक्षी पार्टियां और इतिहासकार यह चिंता जताते रहे हैं कि तीन मूर्ति भवन (जो नेहरू का निवास था) को ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ में बदलने के बाद नेहरू की विरासत को कमतर किया जा सकता है या उनके दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. संबित पात्रा के सवालों का मकसद यह जानना था कि क्या म्यूजियम में रखी फाइलों और दस्तावेजों का कोई सालाना ऑडिट होता है और क्या हालिया निरीक्षण में कुछ गड़बड़ी पाई गई है?

संसद में सरकार का जवाब

क्या 2025 में हुए PMML के वार्षिक निरीक्षण के दौरान पंडित नेहरू से जुड़े कुछ दस्तावेज गायब मिले हैं?

नहीं, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित कोई भी दस्तावेज वर्ष 2025 में PMML के वार्षिक निरीक्षण के दौरान गायब नहीं पाया गया है.

क्या दस्तावेजों को अवैध रूप से हटाया गया?

यह प्रश्न ही नहीं उठता (Does not arise). चूंकि कोई दस्तावेज गायब ही नहीं है, तो हटाने का सवाल बेमानी है.

क्या दस्तावेजों के ‘एनुअल ऑडिट’ के लिए कोई नीति बनाई गई है?

वर्तमान में PMML में दस्तावेजों के ‘वार्षिक ऑडिट’ की कोई व्यवस्था नहीं है. (हालांकि, 2025 में निरीक्षण जरूर हुआ था जिसके आधार पर उन्होंने दस्तावेजों के सुरक्षित होने की बात कही).

AGM मीटिंग में क्या हुआ?

मंत्री ने यह भी बताया कि 2025 में हुई PMML की वार्षिक आम बैठक (AGM) में नेहरू से जुड़े दस्तावेजों की अनुपलब्धता को लेकर कोई चर्चा या निर्णय नहीं हुआ, क्योंकि सब कुछ अपनी जगह पर है.

कौन चलाता है इसे?

PMML सोसाइटी इसकी मुख्य निर्णय लेने वाली संस्था है. इसके अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं.

क्यों संवेदनशील है यह मुद्दा?

इस खबर को समझने के लिए इसके इतिहास को जानना जरूरी है. यह भवन पंडित नेहरू का आधिकारिक निवास था. उनकी मृत्यु के बाद इसे उनकी याद में ‘नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी’ (NMML) में बदल दिया गया था. दशकों तक यह केवल नेहरू के जीवन और आधुनिक भारत के इतिहास का केंद्र रहा. मोदी सरकार ने फैसला किया कि यह भवन केवल एक प्रधानमंत्री का नहीं, बल्कि देश के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय होना चाहिए. इसके तहत वहां ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ बनाया गया. अगस्त 2023 में आधिकारिक तौर पर NMML का नाम बदलकर प्राइम मिन‍िस्‍टर्स म्‍यूज‍ियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया. कांग्रेस और विपक्षी दलों ने उस समय आरोप लगाया था कि यह नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश है. इसी पृष्ठभूमि में, दस्तावेजों के गायब होने या सुरक्षित रहने का सवाल बहुत अहम हो जाता है.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

December 15, 2025, 21:36 IST

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