Last Updated:September 18, 2025, 08:08 IST
Pakistan Saudi Arabia Defence Pact: पाकिस्तान और सऊदी अरब ने रियाद में एक सैन्य सुरक्षा समझौता किया है. इस समझौते पर शहबाज शरीफ और मोहम्मद बिन सलमान ने साइन किए. यह डील दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई देती है.

Pakistan Saudi Arabia Defence Pact: ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह मात खाने के बाद पाकिस्तान अपने करीबी देशों से शरण की भीख मांगता फिर रहा है. वह कभी अमेरिका तो कभी चीन तो कभी तुर्की से अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहा है. इस बीच खबर है कि उसने इस्लामिक मुल्क सऊदी अरब के साथ एक डिफेंस डील की है. इस डील के मुताबिक दोनों देश किसी पर भी बाहरी आक्रमण को एक दूसरे पर हमला मानेंगे. पाकिस्तान और सऊदी अरब की यह डील 1970 के दशक में भारत और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच हुई डील की याद दिलाती है. यह वह डील थी जिसने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारत के लिए एक रक्षा कवच बनकर सामने आई.
उस वक्त देश की बागडोर इंदिरा गांधी के हाथों में थी. उस जंग में प्रत्यक्ष तौर पर अमेरिका भारत के खिलाफ था. वह भारत पर दबाव बनाने के लिए हिंद महासागर में अपना सातवां बेड़ा भेज दिया. अमेरिका के युद्ध में प्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान के साथ खड़ा होने की स्थिति में युद्ध का रुख बदल सकता था. भारत के सामने बड़ी चुनौती पेश आ सकती थी. लेकिन, तभी सोवियत संघ (मौजूदा रूस) सामने आया और वह हिंद महासागर में छाती तानकर खड़ा हो गया. इससे अमेरिकी बेड़े को वापस लौटना पड़ा. सोवियत संघ की इस सहायता का भारत आज तक ऋणी है. इस दूरदर्शी डील को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आज भी याद किया जाता है.
पाकिस्तान-सऊदी अरब डील
आज सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान ने जो डील की है उसे भी कुछ ऐसा ही डील बताया जा रहा है. सऊदी के साथ हुए इस समझौते को सामरिक पारस्परिक रक्षा समझौता (Strategic Mutual Defence Agreement) नाम दिया गया है. यह जानकारी पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन ने प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के हवाले से दी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सऊदी अरब की राजकीय यात्रा के दौरान यह समझौता हुआ. रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने अल-यमामाह पैलेस में शरीफ का स्वागत किया. इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच लगभग आठ दशकों से चली आ रही साझेदारी को और मजबूत करता है, जो भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा सामरिक हितों पर आधारित है.
संयुक्त बयान के अनुसार यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने संयुक्त रक्षा रणनीति को मजबूत करने और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति में योगदान देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि किसी एक देश पर कोई आक्रमण होता है, तो उसे दोनों देशों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा. यह प्रावधान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को एक नई ऊंचाई प्रदान करता है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के साथ इस यात्रा में विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब, सूचना मंत्री अताउल्लाह तारार, पर्यावरण मंत्री मुसादिक मलिक और विशेष सहायक तारिक फातिमी भी शामिल थे.
सऊदी-पाकिस्तान संबंध
रियाद पहुंचने पर उनका स्वागत रियाद के उप-गवर्नर मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन अब्दुलअजीज ने किया. पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक संबंध साझा विश्वास, मूल्यों और पारस्परिक विश्वास पर आधारित हैं. इस यात्रा से दोनों देशों के नेताओं को इस विशेष साझेदारी को और सुदृढ़ करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए सहयोग के नए रास्ते तलाशने का महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त हुआ. विदेश कार्यालय ने यात्रा से पहले कहा था कि यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. यह शहबाज शरीफ की एक सप्ताह के भीतर खाड़ी क्षेत्र की तीसरी यात्रा थी. इससे पहले उन्होंने 11 और 15 सितंबर को कतर का दौरा किया था, जहां उन्होंने इजरायल के हमास नेतृत्व पर हमले के बाद दोहा के प्रति एकजुटता व्यक्त की और अरब-इस्लामी देशों की आपातकालीन बैठक में भाग लिया. यह रक्षा समझौता न केवल पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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First Published :
September 18, 2025, 07:12 IST