ममता बनर्जी का BLO से अपील- जिंदगी कीमती है, इलेक्शन ऑफिसर को बताया छोटा नेता

1 hour ago

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (Special Intensive Revision- एसआईआर) यानी मतदाता सूची के विशेष संशोधन को लेकर सियासी पारा चरम पर है. बुधवार को चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच बैठक के बाद भाजपा ने सीधा ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला. पार्टी ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) पर भारी दबाव बना रही हैं ताकि घुसपैठिए वोटरों की पहचान न हो सके. वहीं, कांग्रेस नेता ने मतदाता लिस्ट में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.

अधिकारियों और स्टाफ की सेफ्टी और सिक्योरिटी को खतरा

वर्मा को लिखे एक लेटर में EC ने विरोध का ज़िक्र करते हुए इसे गंभीर सिक्योरिटी ब्रीच बताया. लेटर में कहा गया कि CEO के ऑफिस में मौजूदा सिक्योरिटी हालात को संभालने के लिए काफ़ी नहीं लग रही थी. ऐसी घटनाओं से CEO, एडिशनल CEO, जॉइंट CEO, डिप्टी CEO और दूसरे अधिकारियों और स्टाफ़ की सेफ्टी और सिक्योरिटी को खतरा हो सकता है. EC ने कोलकाता के टॉप पुलिस ऑफिसर से कहा कि ‘CEO के ऑफिस में तैनात अधिकारियों और स्टाफ़ की सेफ्टी और सिक्योरिटी, उनके घरों पर और आने-जाने के दौरान पक्का करने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएं.’ पोल पैनल ने वर्मा से ‘SIR एक्टिविटीज़ और आने वाले चुनावों की वजह से सेंसिटिविटी’ के आधार पर सही सिक्योरिटी क्लासिफिकेशन करने और “यह पक्का करने” के लिए भी कहा कि फिर कोई अनहोनी न हो.

बीएलओ के प्रदर्शन पर गंभीर चुनाव आयोग, सीईओ मनोज वर्मा से मांगी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (CEO) के ऑफिस में चल रहे SIR एक्सरसाइज से जुड़े बहुत ज़्यादा काम के बोझ को लेकर BLOs के एक ग्रुप के 24 नवंबर के विरोध प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए, चुनाव आयोग ने बुधवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है. हालांकि, CM ममता बनर्जी ने प्रदर्शन कर रहे बूथ लेवल ऑफिसर्स का साथ देते हुए कहा कि उनकी मांगें जायज़ थीं. सवाल किया कि CEO को उनकी बात सुनने में 48 घंटे क्यों लगे. वर्मा को लिखे एक लेटर में, EC ने विरोध प्रदर्शन का ज़िक्र करते हुए इसे गंभीर सिक्योरिटी ब्रीच ​​बताया. उन्होंने कहा कि CEO के ऑफिस में मौजूदा सिक्योरिटी स्थिति को संभालने के लिए काफी नहीं लग रही थी. EC सेक्रेटरी सुजीत कुमार मिश्रा के साइन किए हुए लेटर में कहा गया है कि ऐसी घटनाओं से ‘CEO, एडिशनल CEO, जॉइंट CEO, डिप्टी CEO और दूसरे अधिकारियों और स्टाफ की सेफ्टी और सिक्योरिटी को खतरा हो सकता है.’

बंगाल के CEO को ममता ने बोला छोटा नेता

बंगाल के CEO मनोज अग्रवाल पर निशाना साधते हुए ममता ने उन्हें ‘छोटा नेता’ कहा. उन्होंने कहा, ‘आपको (BLOs) सुसाइड नहीं करना चाहिए क्योंकि जिंदगी बहुत कीमती है. फिर भी, उन्हें कोई रहम नहीं आया और BLOs से मिलने और उनकी बात सुनने में ही 48 घंटे लग गए. एक छोटे नेता की हिम्मत तो देखो!’ गुजरात और MP में BLOs की मौतों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि सरकार SIR कराने में इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है?

चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद भाजपा ने दावा किया है कि BLO को SIR के लिए ₹18,000 भुगतान होना था, लेकिन राज्य सरकार ने जानबूझकर पैसा रोका है. वहीं, चुनाव आयोग के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ममता के पुराने बयान ‘देश हिला देंगे’ पर तीखा हमला बोला. उन्होंने पूछा, ‘देश हिला देंगे का मतलब क्या? यानी आतंकवादी बन जाएंगे? संवैधानिक व्यवस्था है. अगर ममता मानती हैं कि बंगाल अब बांग्लादेश है और वो प्रधानमंत्री हैं, तो ये सरासर पागलपन है.’

ममता अपनी सीट नहीं बचा पाएंगी!

बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘SIR के बाद लाखों बांग्लादेशी घुसपैठिए वोटर लिस्ट से बाहर हो गए हैं. अब लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होगा तो ममता बनर्जी अपनी सीट भी नहीं बचा पाएंगी. ये सरकार जाएगी.’ बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो लोग फर्जी वोटरों की पहचान रोकना चाहते हैं, वो लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. एक तरफ हम धर्म ध्वजा के संरक्षक हैं, दूसरी तरफ घुसपैठिए संरक्षक बैठे हैं.’

कांग्रेस का स्टैंड

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी बंगाल में जारी एसआईआर को लेकर घमासान पर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, ‘SIR का पूरा क्रेडिट राहुल गांधी को जाता है, जिन्होंने रिसर्च कर ये मुद्दा उजागर किया. इससे विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा हो रहा है, लेकिन ममता हमारे साथ हैं और पूरा इंडिया गठबंधन उनके साथ है.’

SIR पर बंगाल की राजनीति गरमाई

बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले SIR अब सबसे बड़ा हथियार बन चुका है. एक तरफ बीजेपी इसे बांग्लादेशी घुसपैठिए बाहर करने का मिशन बता रही है तो TMC इसे बंगाली और अल्पसंख्यक वोटरों को डराने की साजिश करार दे रही है. आने वाले दिन बंगाल की सियासत को और गर्म करने वाले हैं.

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