Last Updated:September 25, 2025, 16:42 IST
Bhupendra Yadav : पश्चिम बंगाल में साल 2026 में चुनाव होने हैं और उसके लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. उनके साथ त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को सह प्रभारीत बनाया गया है. यादव ने 2024 में अलवर से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता था और इससे पहले बिहार (2020), मध्य प्रदेश (2023) और ओडिशा (2024) में चुनावों का प्रबंधन कर चुके हैं.

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव वैसे तो अगले साल होने हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के लिए चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी के नामों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने बंगाल का चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव को बनाया है. वहीं सह प्रभारती का जिम्मा बिप्लव देव को दिया गया है. इससे पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल में चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को बनाया था.
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपनी रणनीति को नया मोड़ देते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को राज्य का नया चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. इससे पहले यह जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय के पास थी. अब बड़ा सवाल यही है कि जो काम विजयवर्गीय पूरी तरह नहीं कर पाए, क्या उसे भूपेंद्र यादव पूरा कर पाएंगे? अगर भूपेंद्र यादव का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो उन्हें जो जिम्मेदारियां पार्टी ने दी हैं, उनमें से कई ऐसे राज्य हैं जहां पार्टी को जीत हासिल हुई है और ऐसा ही रिकॉर्ड बिप्लब देव का भी रहा है. देखें क्या रहा है दोनों का जीत-हार का ट्रैक रिकॉर्ड…
भूपेंद्र यादव को कहां-कहां मिली हैं जिम्मेदारियां
– यादव को पार्टी ने साल 2013 में राजस्थान, साल 2017 में गुजरात, साल 2014 में झारखंड और साल 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारियां सौंपी थीं. हाल ही में, पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रभारी भी बनाया था.
– महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (2024)
इस चुनाव में भाजपा को अपेक्षित शानदार सफलता नहीं मिली, लेकिन भाजपा और सहयोगियों ने बेहतर स्ट्राइक रेट दर्ज किया था. यादव को प्रभारी बनाये जाने की रणनीति को भाजपा के अंदर सकारात्मक समीक्षा मिली थी.
– मध्य प्रदेश चुनाव (2023)
भाजपा ने उस चुनाव में जीत दर्ज की थी. पार्टी के अंदर यह माना गया कि यादव और अन्य नेताओं की रणनीति ने मदद की.
– राजस्थान, गुजरात, झारखंड, यूपी
इन राज्यों में बीजेपी को 2013 राजस्थान में हार मिली, 2017 गुजतरा चुनाव में जीत मिली, 2014 झारखंड चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल हुई थी, साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
बिप्लब कुमार देव- प्रभारी / सह-प्रभारी जिम्मेदारियां और परिणाम
– लोकसभा चुनाव में हरियाणा का प्रभारी बनाया गया था और पार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहा था.
– बीजेपी ने बिप्लब देव को हरियाणा विधानसभा चुनाव का सह-प्रभारी बनाया गया था, जिसमें भी बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
– बिप्लब देव त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और बीजेपी ने 25 साल पुराना कम्युनिस्ट/लेफ्ट शासन का अंत करके जीत हासिल की थी, उस चुनाव में उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण माना गया था. बीजेपी ने 36 सीटें जीतीं और सरकार बनाई. बीजेपी की जीत के बाद बिप्लब देव को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
क्या कैलाश विजयवर्गीय को छोड़ देंगे पीछे?
साल 2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) को कड़ी टक्कर दी थी. लेकिन साल 2021 विधानसभा चुनाव में तमाम प्रयासों के बावजूद बीजेपी सत्ता हासिल नहीं कर सकी और उस समय राज्य के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय थे. उनके नेतृत्व में पार्टी ने विस्तार तो किया, लेकिन चुनावी मशीनरी को पूरी तरह ममता लहर रोकने में सफलता नहीं मिली. पश्चिम बंगाल की सत्ता हासिल करने के बीजेपी ने भूपेंद्र यादव को राज्य का चुनाव प्रभारी बनाया है. भूपेंद्र यादव की संगठन में गहरी पकड़ और रणनीतिकार की छवि रही है. यादव ने गुजरात मॉडल से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार तक, कई राज्यों के चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई है. वह एक शांत और प्रभावी नेता हैं, जिन्हें संगठन और चुनाव प्रबंधन दोनों में पारंगत माना जाता है. केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी संगठनात्मक कामों पर लगातार ध्यान रखते हैं.
विजयवर्गीय बनाम यादव
कैलाश विजयवर्गीय का अंदाज आक्रामक रहा, वह भीड़ जुटाने और नारों से माहौल बनाने में माहिर हैं. वहीं भूपेंद्र यादव रणनीति और संगठन की बारीकियों पर ज्यादा ध्यान देते हैं यानी जमीनी स्तर पर बूथ प्रबंधन और कैडर को मजबूत करने पर उनका फोकस रहने की संभावना है.
भूपेंद्र यादव के सामने क्या होंगी चुनौतियां
भूपेंद्र यादव के सामने ममता बनर्जी की मजबूत पकड़ और TMC का गहरा जमीनी नेटवर्क को रोकना बड़ा मकसद होगा. इसके अलावा बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और मनोबल बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती होगी. इसके साथ 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा चुनाव की तैयारी में संगठन को एकजुट रखना होगा.
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Location :
Bengaluru,Bengaluru,Karnataka
First Published :
September 25, 2025, 16:42 IST