भारतीय सिनेमा की एकलौती हीरोइन, जिसने एक ही हीरो संग की 130 फिल्में

3 weeks ago

फिल्मों में हीरो और हीरोइन जरूरी नहीं कि एक से ही मिलें. हालांकि, कई दफा किसी एक जोड़ी को काफी पसंद किया जाता है, पर्दे पर शाहरुख संग काजल एक सदाबहार जोड़ी रही है. लेकिन यहां हम एक ऐसे स्क्रिन कपल का जिक्र कर रहे हैं जिसने एक साथ 130 फिल्मों में काम किया है.

News18IndiaLast Updated :April 16, 2025, 05:01 ISTEditor pictureWritten by
  Mohani Giri

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जी हां, कुछ अभिनेता भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में लीजेंड बन गए हैं और सभी भाषाओं में ऐसे लोग होते हैं. इन्हीं लोगों में से एक हैं मलयालम स्टार प्रेम नजीर. इस मॉलीवुड हीरो ने 900 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है और उन्होंने 700 से अधिक फिल्मों में बतौर हीरो के रूप में अपनी छाप छोड़ी. उनके साथ एक ही हीरोइन ने 130 फिल्मों में काम किया था.

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उन्होंने गुजरे जमाने की नायिका शीला के साथ 130 फिल्मों में अभिनय करके विश्व रिकार्ड बनाया है. इस दिग्गज अभिनेता ने मलयालम सिनेमा को दुनिया भर में पहचान दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की. हालांकि, यह दुख की बात है कि इस पीढ़ी के बहुत से लोग उनका नाम नहीं जानते.

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रिकॉर्ड्स के बादशाह: प्रेम नजीर का असली नाम अब्दुल खादर था. उनका जन्म 6 अप्रैल 1926 को केरल के चिरायिन्कीझु में हुआ था. उन्होंने 1952 में फिल्म 'मरुमाकल' से अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया. वो अपनी दूसरी फिल्म 'विसाप्पिन्ते विली' से तुरंत लोकप्रिय हो गये. यही वो समय था जब उन्होंने अपना स्क्रीन नाम बदलकर प्रेम नजीर रख लिया था.

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उन्होंने 720 फिल्मों में हीरो के रूप में काम किया और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया. उन्होंने एक ही एक ही अभिनेत्री शीला के साथ 130 फिल्मों में अभिनय करके एक और गिनीज रिकॉर्ड भी बनाया. यह अभिनेत्री फिल्म चंद्रमुखी में अखिलंदेश्वरी की नकारात्मक भूमिका से तेलुगु दर्शकों के करीब आ गई. इस महान अभिनेता के करियर की एक और खास बात यह है कि उन्होंने कुल 85 अभिनेत्रियों के साथ अभिनय किया है.

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रिकॉर्डों पर रिकॉर्ड: प्रेम नजीर अभिनीत 39 फिल्में एक ही वर्ष में रिलीज हुईं. इस रिकॉर्ड को तोड़ना शायद किसी के लिए भी संभव न हो. इसके अलावा, उन्होंने 40 से अधिक फिल्मों में दोहरी या तिहरी भूमिकाएं कीं और शानदार दिखे. मुराप्पेन्नु, इरुथिंते आत्मवु, सीआई डी नजीर और विदा परायुम मुनपे उनके करियर में मील के पत्थर थे. फिल्म 'विदा परयुम मुनपे' ने केरल राज्य फिल्म पुरस्कार (विशेष जूरी) जीता.

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सिल्वर स्क्रीन के 'सदाबहार नायक': प्रेम नजीर को कला के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के सम्मान में भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दरअसल, इस प्रतिभाशाली नायक का करियर थिएटर क्षेत्र से शुरू हुआ था. लेकिन बहुत ही कम समय में वह सिल्वर स्क्रीन पर आ गए और केरल के लोगों के दिलों में 'सदाबहार हीरो' बन गए. इस अभिनेता के भाई प्रेम नवस भी अभिनेता और निर्माता के रूप में सफल हैं. बेटे शानवास और पोते शमीर खान ने भी फिल्म उद्योग में अपनी किस्मत आजमाई. लेकिन उनमें से कोई भी नजीर के स्तर का स्टारडम हासिल नहीं कर सका.

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तेलुगु में भी फिल्में: मलयालम में स्टार बनने वाले प्रेम नजीर ने दो तेलुगु फिल्मों में भी अभिनय किया. उनकी दूसरी फिल्म 'विसप्पिन्न विली', जिसने उन्हें मलयालम में प्रसिद्धि दिलाई, को तेलुगु में 'आकाली' (1952) के रूप में पुनर्निर्मित किया गया. नजीर ने इस फिल्म के साथ तेलुगु में अपनी शुरुआत की. 1953 में उन्होंने एक अन्य तेलुगु फिल्म 'थांड्री' में भी अभिनय किया, जो फिल्म 'अच्छन' की रीमेक थी.

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बीमारी के कारण मृत्यु: 1980 के दशक के अंत में प्रेम नजीर ने एक राजनीतिक नेता के लिए प्रचार किया. उस समय उन्हें ग्रहणी संबंधी अल्सर के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दुर्भाग्यवश, उपचार के दौरान उन्हें खसरा हो गया था. जिसके चलते उनका स्वास्थ्य और अधिक बिगड़ गया। 16 जनवरी 1989 को 62 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कट्टुमुरक्कल जुमा मस्जिद में किया गया था.

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