भारत में जासूसी के लिए ISI ने सौंपा हनी ट्रैप का काम, कई राज्यों में फैला जाल

5 hours ago

Last Updated:September 26, 2025, 19:47 IST

भारत में जासूसी के लिए ISI ने सौंपा हनी ट्रैप का काम, कई राज्यों में फैला जाल'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत में पाकिस्तान ने जासूसी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर हजारों फर्जी अकाउंट के जरिए पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत की गुप्त जानकारी निकालने का काम कराची स्थित यूनिट 412 को सौंपा है. यूनिट 412 के सदस्यों ने भारत में कई संपर्क स्थापित किए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पाई गई है.

पिछले कुछ महीनों में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लोगों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है, जो संकेत देता है कि आईएसआई ने भारत में अपने जासूसी अभियान बढ़ा दिए हैं. सोशल मीडिया पर भी गतिविधियों में भारी वृद्धि हुई है. राजस्थान पुलिस द्वारा हनीफ खान की गिरफ्तारी इस साल जैसलमेर में जासूसी से जुड़ी चौथी गिरफ्तारी है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी भी दी थी कि आईएसआई भारत के खिलाफ जासूसी और दुष्प्रचार युद्ध में और अधिक शामिल होगी.

कराची स्थित यूनिट 412 वही यूनिट है जो हनी ट्रैप रैकेट चलाती है. खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि यह यूनिट अब बहुत सक्रिय है और कई तरह के काम करती है. इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार युद्ध छेड़ने का काम सौंपा गया है. यह यूनिट सोशल मीडिया पर हजारों फर्जी अकाउंट्स को कंट्रोल करती है, जिनके जरिए भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाई जाती हैं.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी सोशल मीडिया पर भारतीय सशस्त्र बलों को हुए नुकसान के बारे में झूठे दावों के साथ ढेरों पोस्ट डाले गए थे. यह भारतीय सशस्त्र बलों की खराब छवि पेश करने की कोशिश थी. इसके जरिए पाकिस्तानी सेना ने अपने अपमान को छुपाने की कोशिश की थी. इस यूनिट पर एक मोटी रकम खर्च की जाती है, जिसका इस्तेमाल भारतीयों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि यूनिट 412 भारत के भीतर भी मॉड्यूल संचालित करती है.

इस यूनिट में हायर की गई कई महिलाओं के हिंदू नाम हैं. यूनिट आकर्षक महिलाओं को काम पर रखती है, जिनका काम अधिकारियों से नजदीकी बढ़ाना और हनी ट्रैप में फंसाकर अधिकारियों से संवेदनशील जानकारी निकलवाना है.

अधिकारियों का कहना है कि देश में काफी गंदगी फैली हुई है और इसे साफ करने की जरूरत है. पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा है और ऐसे समय में देश की संवेदनशील जानकारी का पाकिस्तान पहुंचना बेहद खतरनाक है. जासूसी के मामले में आम लोगों की गिरफ्तारी चिंता का विषय है, लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता इस बात की है कि आईएसआई सरकारी संगठनों में काम करने वाले लोगों को फंसा रही है.

इस साल 22 अप्रैल को सीआरपीएफ के एक सहायक उप-निरीक्षक को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने पहलगाम के बारे में आतंकवादियों को कोई जानकारी दी थी. भारत में अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आई ‘फ्रेंड रिक्वेस्ट’ पर ध्यान न देने की सलाह दी गई है.

हाल ही में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कई इन्फ्लुएंसर भी शामिल हैं. पाकिस्तान ऐसे लोगों से संपर्क साध रहा है, क्योंकि उनकी मदद से पाकिस्तान की अच्छी छवि पेश की जा सके. बाद में इस जानकारी का इस्तेमाल भारत पर पाकिस्तान को बदनाम करने का आरोप लगाकर उसकी छवि खराब करने के लिए किया जाता है.

यूनिट 412 का काम करने का तरीका भी अलग है. अगर लगता है कि किसी अधिकारी या आम व्यक्ति से कोई गुप्त जानकारी मिल सकती है तो यूनिट अपनी महिला कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ तस्वीरें पोस्ट करने और ऐसे लोगों को तब तक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के लिए कहते हैं, जब तक कि कम से कम एक रिक्वेस्ट स्वीकार न हो जाए. शिकार फंसने के बाद यूनिट 412 की लड़कियां उस व्यक्ति से दोस्ती कर उनका विश्वास हासिल करती हैं और प्राप्त जानकारी अपने आका तक पहुंचा देती हैं.

भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर के बाद आईएसआई चाहती है कि उसके सभी आतंकवादी समूह एक ही जगह से काम करें. इन इकाइयों के बारे में भी ऐसा ही चलन देखा गया है. ऑपरेशन के बाद फरीदकोट से संचालित हनी ट्रैप मॉड्यूल को कराची शिफ्ट कर दिया गया है. वर्तमान में, पाकिस्तान के सभी जासूसी अभियान कराची से ही चलाए जा रहे हैं. भारतीय एजेंसियों का अनुमान है कि आईएसआई 412 जैसी इकाइयों के संचालन पर प्रतिवर्ष लगभग 4,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 26, 2025, 19:47 IST

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