Trump Tariff on India: अमेरिकी सेना और रक्षा मंत्री को छोड़कर यूएस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर उनकी पूरी कैबिनेट और व्हाइट हाउस के तमाम अफसर दिन रात भारत को घेरने में लगे हैं. कोई नसीहत दे रहा है, कोई धमका रहा है. US कॉमर्स मिनिस्टर की दो महीने वाली धमकी दिए चंद घंटे भी बीते थे कि ट्रंप 'सरकार' के दुलारे पीटर नवारो का नया बयान आ गया. वहीं ट्रंप ने भी पुराना राग छेड़ दिया. मुद्दा बस एक वहीं रूस से तेल क्यों खरीद रहे हो?
एक ही नारा एक ही नाम...
सात समंदर पार अमेरिका में मानो सुबह शाम बस एक ही नारा एक ही नाम इंडिया-इंडिया का जाप चल रहा है. ताजा मामले में जहां ट्रंप के दुलारे नवारो ने एक बार फिर भारत को ज्ञान बांटा वहीं खुद ट्रंप ने अपनी पोस्ट पर न्यूज़ एजेंसी ANI द्वारा पूछे सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'मुझे निराशा हुई है कि भारत रूस से इतना तेल खरीदेगा, हालांकि उन्हें बता दिया था कि मैंने भारत पर 50% का बहुत ऊंचा टैरिफ लगाया है. जैसा आप जानते हैं, मेरे (भारतीय प्रधानमंत्री) मोदी के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. वह कुछ महीने पहले यहां आए थे, हम रोज गार्डन गए थे.हमने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. खैर...'
नवारो का नया बयान
भारत के ब्राह्मणों पर निशाना साधने के बाद ट्रोल हुए ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर रूसी तेल से मुनाफाखोरी का आरोप लगाया. नवारो ने ये भी कहा कि भारत के टैरिफ से अमेरिकियों की नौकरियां जा रही हैं. हालांकि X पर किए पोस्ट में नवारो ने ये टिप्पणी वाशिंगटन पोस्ट के एक आर्टिकिल के जवाब में की, जिसमें भारत के साथ संबंध सुधारने के ट्रंप प्रशासन के परस्पर विरोधी प्रयासों का वर्णन किया गया था.
FACTS: India highest tariffs costs U.S. jobs. India buys Russian oil purely to profit/Revenues feed Russia war machine. Ukrainians/Russians die. U.S. taxpayers shell out more. India can't handle truth/spins @washpo
Leftist American fake news. QED. https://t.co/9UwdodYBEe
दरअसल वाशिंगटन पोस्ट के लेख में दावा किया गया था कि वाशिंगटन द्वारा नई दिल्ली के प्रति इस्तेमाल की गई भड़काऊ भाषा दोनों देशों के बीच संबंधों में संकट को और गहरा कर रही है. नवारो ने हाल के दिनों में भारत पर बार-बार कटाक्ष किए हैं. क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रोमैट कहने से लेकर, रूस में संघर्ष से ब्राह्मण मुनाफा कमा रहे हैं जैसे बेहद बुरे व्यंग्य तक पर वो ट्रोल हो चुके नवारो ने उस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा, 'तथ्य ये है कि भारत के उच्चतम टैरिफ से अमेरिकी नौकरियां खत्म हो रही हैं. भारत रूसी तेल को पूरी तरह से लाभ के लिए खरीदता है और उसकी कमाई रूसी युद्ध मशीनों को खिलाता है. यूक्रेनियन/रूसी मरते हैं और अमेरिकी करदाताओं को अधिक भुगतान करना पड़ता है. भारत सच्चाई को नहीं संभाल सकता और वाशिंगटन पोस्ट वामपंथी अमेरिकी फर्जी खबरों को घुमाता है.'
शुक्रवार को, व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप और ट्रेड टीम भारत के रूसी कच्चे तेल के निरंतर आयात से निराश हैं, लेकिन सकारात्मक विकास की उम्मीद करते हैं. मुझे लगता है कि भारत, रूस के यूक्रेन युद्ध को फंडिंग करना जारी रख सकता है. हालांकि ये उम्मीद है, ये लोकतांत्रिक मुद्दा है और हम सकारात्मक विकास करेंगे.'
भारत का रुख जानिए
नवारो की हालिया पोस्ट एक्स पर विदेश मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को अपने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो द्वारा की गई टिप्पणियों को खारिज करने के तुरंत बाद आई है, विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन्हें गलत और भ्रामक बयान बताया है. उन्होंने कहा, ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिया इंटरव्यू और उनके तमाम भ्रामक बयानों को हम खारिज करते हैं, जाहिर तौर पर अस्वीकार करते हैं.