Last Updated:September 05, 2025, 23:46 IST

पुणे. पुणे के व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारदा की ओर से दायर एक आरटीआई में चौंकाने वाले खुलासा सामने आया है. आरटीआई के माध्यम से पता चला है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे के रखरखाव और सुरक्षा पर 2014 से 2025 के बीच खर्च बढ़कर 12,24,104 रुपए हो गया है, जो यूपीए शासन (2004-2014) की तुलना में छह गुना अधिक है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार औरंगाबाद के पास खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब के मकबरे के रखरखाव, सुरक्षा, नवीनीकरण और जीर्णोद्धार पर होने वाले खर्च में वृद्धि दर्ज की गई है, जो अब छत्रपति संभाजी नगर के नाम से जाना जाता है.
आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सबसे कम खर्च 2005-06 में 1,395 रुपए था, जबकि 2024-25 में यह बढ़कर 5,35,988 रुपए तक पहुंच गया. यूपीए शासन (2004-2014) में इस मकबरे पर कुल 2,54,128 रुपए खर्च किए गए, जबकि एनडीए शासन (2014-2025) में यह राशि 12,24,104 रुपए तक पहुंच गई, जो छह गुना अधिक है. प्रफुल्ल सारदा ने इस खुलासे को संसाधनों के आवंटन और भारत के स्मारकों के संरक्षण में बदलती प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने वाला बताया.
उन्होंने कहा, “यह डेटा स्पष्ट करता है कि सरकार एक विवादास्पद मुगल सम्राट की विरासत को बनाए रखने के लिए भारी धन खर्च कर रही है, जबकि मराठा इतिहास और छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे नायकों से जुड़ी विरासत को नजरअंदाज किया जा रहा है.”
उन्होंने कहा कि औरंगजेब का शासन अपने दमनकारी नीतियों और धार्मिक असहिष्णुता के लिए जाना जाता है, जिसके कारण उनकी विरासत हमेशा विवादों में रही है. ऐसे में उनके मकबरे पर बढ़ते खर्च के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. प्रफुल्ल सारदा ने सवाल उठाया कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज और अन्य मराठा नेताओं द्वारा निर्मित किलों और ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण उपेक्षित है, तो सरकार एक क्रूर शासक के मकबरे पर इतना धन क्यों खर्च कर रही है?
सारदा ने सरकार से मांग की है कि वह मराठा विरासत को प्राथमिकता दे. उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा नेताओं के किलों और स्मारकों का संरक्षण भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने के लिए आवश्यक है, जो भारतीय स्वतंत्रता और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक हैं. करदाताओं का पैसा विवादास्पद हस्तियों के बजाय देश के सच्चे नायकों की विरासत को संरक्षित करने में लगना चाहिए.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Pune,Maharashtra
First Published :
September 05, 2025, 23:46 IST