Last Updated:September 05, 2025, 20:02 IST
Gaming Company CFO Fraud : बेंगलुरु की एक गेमिंग कंपनी के पूर्व सीएफओ ने कंपनी के प्रॉफिट में से 231 करोड़ रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए और इन पैसों को राइट ऑफ में डाल दिया. अब इसका खुलासा होने पर पुलिस न...और पढ़ें

नई दिल्ली. ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने अपने पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के खिलाफ 231 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हेराफेरी के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इस राशि को बट्टे खाते में डालने से कंपनी के वित्तवर्ष 2025 के शुद्ध लाभ में गिरावट आई. बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) में उसने 4,009 करोड़ रुपये के राजस्व पर 706 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी को 3,475 करोड़ रुपये के राजस्व पर 947 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
कंपनी ने कहा कि 2024-25 का लाभ लगभग 231 करोड़ रुपये के पिछले अस्वीकृत लेनदेन के एकमुश्त लेखा समायोजन से भी प्रभावित हुआ. गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज ने हालांकि अस्वीकृत लेनदेन की प्रकृति के बारे में विस्तार से नहीं बताया लेकिन मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि यह ‘राइट-ऑफ’ कंपनी के पूर्व सीएफओ द्वारा कथित तौर पर गबन किए गए धन का पता लगाने से संबंधित है.
मई में भी हटा दिए गए थे अधिकारी
बेंगलुरु के थाने में सीएफओ के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, जिन्हें मई में समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी के पद से हटा दिया गया था. उनसे इस संबंध में टिप्पणी हासिल करने के लिए संपर्क नहीं किया जा सका. शिकायत में कहा गया कि उन्होंने पिछले वर्षों में कुल 231.39 करोड़ रुपये के अनधिकृत वित्तीय लेनदेन किए. उन्होंने इस साल मार्च में कंपनी को भेजे एक कथित ईमेल में स्वेच्छा से स्वीकार किया था कि उन्होंने व्यक्तिगत शेयर एवं वायदा-विकल्प कारोबार के लिए कंपनी के धन का दुरुपयोग किया है.
मार्च से ही फरार हैं अधिकारी
कंपनी सूत्रों का कहना है कि आरोपी अधिकारी मार्च से फरार है. कंपनी के धन के अनधिकृत उपयोग का पता चलने के बाद गेम्सक्राफ्ट ने फोरेंसिक ऑडिट कराया जिससे पता चला कि कितना धन और किस तरह का गबन किया गया. कंपनी आरोपियों से धन की वसूली के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. हालांकि, यह तब तक मुश्किल है जब तक कि उनकी गिरफ्तारी नहीं हो जाती है.
कैसे किया सारा फर्जीवाड़ा
कंपनी ने बताया कि पूर्व सीएफओ ने मुनाफे की रकम को फंसे कर्ज की रकम बताकर राइट ऑफ कर दिया और उसे बट्टे खाते में डाल दिया. उनका कहना था कि यह पैसे मार्केट में फंस चुके हैं और इनकी वसूली अब नहीं हो सकती है. सच्चाई यह थी कि उन्होंने यह सारा पैसा अपने पर्सनल खाते में डाल लिया और इस तरह कंपनी को 231 करोड़ रुपये का चूना लगाया. मामले का खुलासा एक साल बाद हुआ, जिसकी वजह से पैसों की वसूली नहीं हो सकी.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 05, 2025, 20:02 IST