Last Updated:July 27, 2025, 16:20 IST
Bihar Chunav: तेज प्रताप यादव क्या बिहार चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में आने वाले हैं? तेजस्वी यादव के लिए कभी सारथी बनने की बात कहने वाले लालू यादव के बड़े लाल की HM प्लान से किसकी उड़ने वाली है नींद?

हाइलाइट्स
तेज प्रताप यादव क्या अलग पार्टी बनाएंगे?तेज प्रताप यादव की पार्टी किसका वोट काटेगी?क्या तेजस्वी यादव के लिए सारथी बनने वाले अब बनेंगे किंगमेकर?पटना. बिहार चुनाव से पहले आरजेडी में बड़ा उथल-पुथल होना अब नकारा नहीं जा सकता. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ऐलान-ए-जंग से तेजस्वी यादव ही नहीं, कई अन्य नेताओं की भी नींद उड़ गई है. तेज प्रताप यादव के आगामी बिहार चुनाव में महुआ से ताल ठोकने के फैसले से न केवल मौजूदा विधायक मुकेश रोशन परेशान हैं, बल्कि आरजेडी के कई अन्य विधायक भी चिंतित हैं. क्योंकि, टीम तेज प्रताप के भावी प्रत्याशी आरजेडी का वोट काट सकते हैं. तेज प्रताप यादव का महुआ से चुनाव लड़ने का फैसला मौजूदा विधायक डॉक्टर मुकेश रोशन की चिंता और बढ़ा रहा है. तेज प्रताप का हसनपुर यानी H प्लान से महुआ यानी M प्लान क्या बिहार चुनाव में करेगा खेला?
तेज प्रताप यादव की टीम ने आगामी 31 जुलाई को वैशाली जिले के महुआ में एक कार्यक्रम रखा है, जिस पर आरजेडी की पैनी नजर है. कार्यक्रम से पहले तेज प्रताप यादव ने अपनी टोपी का रंग हरा से पीला कर लिया है. तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा है कि टीम तेज प्रताप के बैनर तले भी लोग चुनाव लड़ेंगे. पहले कभी भाई तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपने आपको सारथी कहने वाले तेज प्रताप यादव अब किंगमेकर की भूमिका में आने की बात कर रहे हैं.
तेज प्रताप बनेंगे किंगमेकर?
तेज प्रताप का अपनी बहनों मीसा भारती, राजलक्ष्मी और हेमा यादव को सोशल मीडिया से अनफोलो करना बता रहा है कि लालू परिवार में सबकुछ टीक नही है. तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के आधिकारिक अकाउंट को भी अनफॉलो कर दिया है. टीम तेज प्रताप का गठन करना आरजेडी के लिए खतरे की घंटी है. तेज प्रताप के महुआ से निर्दलीय या नई पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने के ऐलान ने सबसे ज्यादा असर तेजस्वी यादव और मौजूदा विधायक मुकेश रोशन पर डाला है. मुकेश रौशन, जो तेजस्वी के करीबी माने जाते हैं, 2020 में महुआ से जीते थे. तेज प्रताप का दावा है कि महुआ की जनता उन्हें चाहती है और अगर आरजेडी किसी और को टिकट देती है तो वह उसे हरा देंगे. यह स्थिति आरजेडी के लिए वोट विभाजन का खतरा पैदा करती है, जिसका फायदा विपक्षी दलों, खासकर एनडीए को मिल सकता है.
तेज प्रताप का HM प्लान
तेजस्वी की नींद इसलिए भी उड़ सकती है क्योंकि तेज प्रताप की बगावत उनकी सियासी रणनीति को कमजोर कर सकती है. तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया है, लेकिन परिवार में यह टकराव उनकी छवि और पार्टी की एकजुटता को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा, लालू और राबड़ी देवी के लिए यह एक भावनात्मक और सियासी चुनौती है, क्योंकि तेज प्रताप ने उनके प्रति निष्ठा दिखाते हुए भी अपनी अलग राह चुनी है.
लालू परिवार में कौन बनेगा असली किंगमेकर?
तेज प्रताप के बगावती रुख से आरजेडी को कितना नुकसान पहुंचेगा यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन लालू यादव के बेटे होने का फायदा कहीं न कहीं तेज प्रताप यादव को मिलेगा. अगर तेज प्रताप बिहार की 243 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं तो जो वोट तेज प्रताप को मिलेंगे, उसका सबसे बड़ा नुकसान आरजेडी को ही होगा. क्योंकि, आरजेडी के कोर वोटर्स भी लालू यादव के बेटे होने के नाम पर तेज प्रताप यादव को वोट डाल सकते हैं. इससे न केवल समस्तीपुर, वैशाली, पटना, बांका और जमुई ही नहीं बल्कि छपरा, सीवान और बेगूसराय जैसे इलाकों में नुकसान पहुंचेगा बल्कि मध्य बिहार, दक्षिणी बिहार और उत्तर बिहार की कई विधानसभा सीटों का गणित बिगाड़ देगा.
बिहार की सियासत में लालू यादव का परिवार हमेशा से चर्चा के केंद्र में रहा है. लेकिन तेज प्रताप के ‘HM’ प्लान से अब तेजस्वी यादव की नींद उड़ने वाली है. तेज प्रताप का निष्कासन अनुष्का यादव प्रकरण से जुड़ा है. उनके द्वारा एक महिला के साथ 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट ने विवाद खड़ा किया. हालांकि, तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हुआ था, लेकिन लालू ने इसे नैतिक मूल्यों के खिलाफ माना और उन्हें परिवार व पार्टी से बाहर कर दिया. इस घटना ने लालू परिवार में पहले से मौजूद अंतर्कलह को और गहरा दिया. तेजस्वी को पार्टी की कमान सौंपे जाने के बाद से ही तेज प्रताप अपनी उपेक्षा को लेकर नाराज रहे हैं.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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