Last Updated:July 20, 2025, 07:00 IST
Rail-Cum-Road Bridge : असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक और रेल-कम-रोड ब्रिज बनाया जा रहा है, जो सीधे कामाख्या मंदिर तक जाएगा. इस पुल का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा और इसे 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है. पुल क...और पढ़ें

असम के ब्रह्मपुत्र नदी पर दूसरा रेल-कम रोड ब्रिज बनाया जा रहा है.
हाइलाइट्स
असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर नया रेल-कम-रोड ब्रिज बनेगा.पुल में नीचे ट्रेन और ऊपर कार दौड़ेगी.पुल 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है.नई दिल्ली. देश की सबसे चौड़ी नदी ब्रह्मपुत्र पर सबसे बड़ा पुल बोगीवील बनाने के बाद मोदी सरकार अब दूसरा पुल बनाने की तैयारी भी कर चुकी है. इसका निर्माण कार्य भी शुरू किया जा चुका है. 7 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे इस पुल की खासियत यह है कि इसमें नीचे की तरफ तो ट्रेन की पटरियां बिछाई जा रहीं, जबकि ऊपर सड़क बनाई जाएगी. इसका मतलब है कि यह पुल एकसाथ ट्रेन और रोड दोनों ही तरह के परिवहन को सहन करने की क्षमता रखेगा. इस पुल को सीधे कामाख्या मंदिर तक बनाया जा रहा है.
इससे पहले ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए गए बोगीवील पुल को भी डबल डेकर तरीके से बनाया गया था. इस पुल पर भी नीचे की तरफ ट्रेन और ऊपर कार-बस चलती है. सरकार ने दूसरे पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है. ब्रहृमपुत्र नदी पर बनाया जा रहा यह रेल-कम-रोड ब्रिज गुवाहाटी के सराईघाट में स्थित है. मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इसका टेंडर फाइनल होने वाला है और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.
कहां से कहां तक जाएगा ब्रिज
सराईघाट में बनने वाला यह दूसरा ब्रिज होगा, जिसे अगथोरी से कामाख्या तक कनेक्टिविटी को डबल करने के लिए बनाया जा रहा है. इस पर नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे पटरियां भी बिछाई जाएगी, ताकि सड़क के साथ रेल कनेक्टिविटी भी दी जा सके. इस पुल के निर्माण के लिए टेंडर 2023-24 में जारी कर दिया गया था, जिसे दिसंबर, 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है. फिलहाल इसकी निर्माण लागत 1,473.77 करोड़ रुपये बताई जाती है. रेलवे बोर्ड ने भी फरवरी 2024 में इसके निर्माण का अनुमान जारी कर दिया था और डिजाइन के साथ डिटेल रिपोर्ट भी मार्च तक पूरी की जा चुकी है.
क्या कहता है रेलवे
नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का डिजाइन पूरा हो चुका है, स्ट्रक्चर और सुपरस्ट्रक्चर के साथ ब्रिज से जुड़े एप्रोच रोड और रेल वायडक्ट का काम भी पूरा हो चुका है. चूंकि, यह ब्रिज डबल डेकर बनाया जा रहा है, लिहाजा इसमें रेलवे के साथ सड़क निर्माण के जुड़े इंजीनियर्स को भी शामिल किया गया है. इसका टेंडर भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा, जिसके तत्काल बाद निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. इसके तैयार होने के बाद औद्योगिक वृद्धि भी तेज हो जाएगी. इससे न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
क्या है इस पुल की खासियत
इस प्राजेक्ट के तहत 7 किलोमीटर से ज्यादा लंबा पुल बनाया जा रहा है, जो अगथोरी से कामाख्या तक जाएगा. इसमें 1.3 किलोमीटर का स्टील से बने ग्रिड वाला ब्रिज भी बनाया जाएगा. नीचे रेलवे लाइन गुजरेगी तो ऊपर 3 लेन की सड़क बनाई जाएगी, जिसमें फुटपाथ भी शामिल होगा. ब्रहृमपुत्र नदी पर पहला रेल-कम-रोड ब्रिज का उद्घाटन पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने किया था, जो 1963 में शुरू हुआ था. इस पुल का नाम पुराना सरायघाट था और पूर्वोत्तर का पहला रेलवे लिंक था.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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