बहुत बीमार कर रही ये जहरीली हवा, 3 साल में ही खतरे में आ गईं 2 लाख जिंदगियां

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Last Updated:December 03, 2025, 06:37 IST

Delhi Air Pollution Effect: 2022-24 में दिल्ली में जहरीली हवा के कारण दो लाख से ज्यादा लोग सांस की बीमारी के शिकार हुए. केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने प्रदूषण को श्वसन रोगों का बड़ा ट्रिगर बताया. सरकार ने निगरानी के लिए 230 सेंटिनल साइट्स स्थापित की हैं. विशेषज्ञों ने हालात बिगड़ने की चेतावनी दी है.

बहुत बीमार कर रही ये जहरीली हवा, 3 साल में ही खतरे में आ गईं 2 लाख जिंदगियांजहरीली हवा का असर सीधे लोगों की सेहत पर पड़ रहा है.

देश के बड़े शहरों में हवा लगातार जहरीली होती जा रही है और इसका असर सीधे लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि 2022 से 2024 के बीच सिर्फ दिल्ली में एक लाख से अधिक लोगों को सांस में गहरे संक्रमण (Acute Respiratory Illness – ARI) के कारण अस्पताल की इमर्जेंसी सेवाओं में जाना पड़ा, जिनमें हजारों को भर्ती करना पड़ा.

राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि बढ़ता प्रदूषण ‘श्वसन रोगों का बड़ा ट्रिगर’ है. उन्होंने स्वीकार किया कि प्रदूषण और बीमारी के बीच संबंध जटिल है, लेकिन यह स्पष्ट है कि खराब होती हवा लोगों को बीमार कर रही है. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को…

जहरीली हवा ने कितनों को किया बीमार?

सरकारी डेटा बताता है कि दिल्ली के छह केंद्रीय अस्पतालों में 2022 में एआरआई के 67054, वर्ष 2023 में 69293 और वर्ष 2024 में 68411 इमरजेंसी केस दर्ज हुए. इन्हीं वर्षों में भर्ती मरीज भी 9,878 से बढ़कर 10,819 पहुंच गए.

इसी तरह चेन्नई और मुंबई में भी प्रदूषण के चरम पर पहुंचने वाले दिनों में हजारों लोग सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पतालों में पहुंचे. डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीज सिर्फ ऑक्सीजन की कमी या सीने में भराव की वजह से अचानक बिगड़ जाते हैं.

जहरीली हवा से किन लोगों को ज्यादा खतरा?

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्रदूषण का असर हर व्यक्ति पर एक समान नहीं होता. खानपान, पेशा, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेडिकल हिस्ट्री जैसे कई कारक तय करते हैं कि कौन व्यक्ति कितना जोखिम झेल रहा है. गरीब इलाकों में रहने वाले, सड़क किनारे काम करने वाले और दमा व एलर्जी जैसी पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

क्या कर रही सरकार?

हालात पर काबू पाने और वास्तविक समय में निगरानी के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 230 से अधिक सेंटिनल सर्विलांस साइट्स स्थापित की हैं. अगस्त 2023 से ARI की डिजिटल निगरानी भी इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल के जरिये शुरू कर दी गई है.

बढ़ते प्रदूषण के बीच ये आंकड़े इस बात की चेतावनी हैं कि देश की हवा केवल खराब नहीं हो रही, वह लोगों की जिंदगी को सीधा प्रभावित कर रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले वर्षों में अस्पतालों पर बोझ और गंभीर मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है.

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Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 03, 2025, 06:37 IST

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