US Israel Dispute: ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ पर सीरिया के बदलते हालात की सराहना करते हुए इजरायल को दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने की सलाह दी है, ताकि इससे सीरिया खुद को विकसित कर पाए. इसके लिए ट्रंप ने बीबी यानि कि नेतन्याहू को कॉल भी किया है. ट्रंप ने इजरायल को सीरिया में दखल नहीं देने की नसीहत देते हुए उसे अपने राजनीतिक पुनर्निर्माण का मौका देने की बात कही है. ट्रंप के इस बयान के बाद पूरे क्षेत्र में हलचल मची हुई है. क्योंकि, ट्रंप का ये बयान सिर्फ अमेरिका की कूटनीति की बात नहीं है. दरअसल, ये सीधे-सीधे सीरिया के भूगोल की ताकत को खुले तौर पर स्वीकार करना है. क्योंकि, मौजूदा दौर में सीरिया ऐसी हालात में है की वहां किसी भी तरह की हलचल की वजह से इजरायल, तुर्की, ईरान, रूस और अमेरिका तक कंपन पहुंचती है. इसी वजह से ट्रंप सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का बयान भी सुर्खियां बटोर रहा है, जिसमें उन्होंने इजरायल के पीएम नेतन्याहू को लेकर कहा था कि बीबी को हर जगह भूत ही दिखाई देते हैं.
ट्रंप की चेतावनी
ट्रंप का ये बयान सार्वजनिक तौर पर इजरायल को चेतावनी है. क्योंकि, सीरिया अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है और वहां पर किसी तरह के सैन्य कार्रवाई से वहां के मौजूदा हालात बिखर सकते हैं. ट्रंप के इस बयान को सीरिया और लेबनान पर इजरायल की तरफ से लगातार कई वर्षों से नीति के तहत किए जाने वाले हमलों के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है. इसका कारण यहीं चौराहा है, जहां पर कोई एक देश कार्रवाई करता है तो दूसरे देश की सुरक्षा और तीसरे के गठबंधन के साथ-साथ चौथे देश की अर्थनीति पर असर पड़ता है.
सीरिया का भूगोल
दरअसल, सीरिया का पूरा भूगोल ही इस तरह का है. यहीं पूरे संघर्ष की जड़ है. सीरिया भूमध्य सागर के किनारे इराक तक धरती पर फैला है. जिससे तुर्की की दक्षिणी सीमा और इजरायल के अलावा जॉर्डन के रास्ते सभी एक ही नक्शे पर मिलते हैं. रूस का नेवल बेस टार्ट्स भी भूमध्य सागर में स्थित है. ईरान का 'तेहरान-टू-मेडिटेरियन शिया कॉरिडोर' भी सीरिया से होकर ही संभव है. इधर तुर्की भी सीरिया पर निर्भर रहना पड़ता है. क्योंकि उसे अपनी सुरक्षा और कुर्द लड़ाकों को रोकने की चिंता सताती है.
क्यों दी चेतावनी?
वहीं इजरायल अपनी उत्तरी सुरक्षा के लिए गोलन हाइट्स मोर्चे पर निर्भर है. अब ट्रंप और उनके अधिकारी साफ तौर पर यहीं चाहते हैं कि सीरिया उसके प्रभाव में रहे ताकि वो रूस और ईरान के बढ़ते विस्तार को रोक पाए. यानि कि वो सीरिया में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाना चाहता है. इसके चलते ट्रंप ने इजरायल को नसीहत दी है कि सीरिया में किसी भी तरह के सैन्य कार्रवाई वहां की मजबूत होती मौजूदा हालात को नुकसान पहुंचा सकती है.

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