तालिबान के इंसाफ का 'खौफनाक चेहरा'! 13 साल के बच्चे ने हत्यारे को दी सजा-ए-मौत, 80,000 लोगों ने देखा लाइव

35 minutes ago

Boy Executes Murderer: सोशल मीडिया पर एक खौफनाक वीडियो दिख रहा है जिसमें सार्वजनिक रूप से फांसी दी जा रही है. बताया जा रहा है कि यह घटना पूर्व अफगानिस्तान के खोस्त शहर की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक व्यक्ति को खोस्त के एक स्टेडियम में फांसी दी गई. वह व्यक्ति एक ही परिवार के 13 सदस्यों की हत्या का दोषी था जिसमें 9 बच्चे शामिल थे. मंगलवार को दी गई इस फांसी को 13 साल के लड़के ने अंजाम दिया जिसका परिवार पीड़ितों में शामिल था. इसे लगभग 80,000 लोगों के स्टेडियम में लाइव देखा. 

किसे दी गई फांसी?
तालिबान के अधिकारियों ने जिसे फांसी दी उसकी पहचान 'मंगल' के रूप में की गई है. उसे अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराया था. फांसी देने की मंजूरी तालिबान के सबसे बड़े नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने दी थी. इस सार्वजनिक फांसी की पूरी दुनिया में निंदा की जा रही है. अफगानिस्तान पर UN के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने कहा कि यह फांसी अमानवीय, क्रूर है और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है. 

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क्या था कोर्ट का आदेश?
अफगान सुप्रीम कोर्ट ने फांसी के बारे में कहा कि, खोस्त प्रांत में एक हत्यारे पर किसास(बदला या प्रतिशोध)का नियम लागू किया गया है. उन्होंने आगे कहा, सभा के आखिर में देश की सुरक्षा मजबूत करने, लोगों को उनके सही अधिकार बेहतर तरीके से देने और पूरे देश में इस्लामी शरिया कानून को ठीक से लागू करने के लिए दुआ की गई. 

कब लगा था हत्या का आरोप?
पीड़ितों के परिवार वालों सहित हजारों लोग इस फांसी को देखने के खोस्त के स्टेडियम में इकट्ठा हुए थे. खोस्त में तालिबान गवर्नर के प्रवक्ता मुस्तगफर गुरबाज ने यह बात पक्की की कि, मंगल नाम के शख्स को 10 महीने पहले दोषी पाया गया था. उसने अली शिर और तेरेजियो नाम के जिलों में खोस्त के रहने वाले अब्दुल रहमान और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या की थी. 

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पीड़ितों ने माफ नहीं किया
पीड़ितों के परिवारों को माफी या समझौते का ऑप्शन दिया गया था. अगर परिवार माफ कर देता तो मंगल की जान बच जाती लेकिन परिवार ने माफी देने से मना कर दिया और मौत की सजा की मांग की. अमू न्यूज के अमुसार, जब 13 साल के लड़के से पूछा गया कि क्या वह दोषी व्यक्ति को माफ करना चाहता है तो उसने इनकार कर दिया और गोली मारकर फांसी दी. 

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