Last Updated:July 17, 2025, 16:34 IST
Russian Women Name:कर्नाटक की गुफा से मिली रशियन महिला का नाम नीना कुटिना है. पिछले हफ्ते भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए पुलिस ने उन्हें गुफा खाली करने को कहा. काफी मान-मनौव्वल के बाद नीना और उनकी ब...और पढ़ें

गुफा में रह रही रशियन महिला अब कहां
नई दिल्ली. 9 जुलाई की दोपहर, कर्नाटक के दक्षिणी तट पर स्थित रमातीर्थ पहाड़ियों में रूटीन पेट्रोलिंग पर निकली पुलिस टीम को जो नजारा दिखा वो हैरान कर देने वाला था. जंगलों की एक गुफा में एक विदेशी महिला अपने दो मासूम बच्चों के साथ रह रही थी और वो भी बिना पासपोर्ट, बिना वीजा के रह रही थी. अब यह महिला कहां है और अब इसके साथ क्या होगा हर कोई जानना चाह रहा है. वहीं दूसरी तरफ जंगल से निकलने के बाद इस रशियन महिला ने अपना फोन रिचार्ज किया और किसी को रशियन भाषा में एक मेल किया है.
पुलिस के मुताबिक महिला की पहचान रूस की नीना कुटिना के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 40 साल है. उसके साथ उसकी दो बेटियां भी थीं एक 6 साल की और दूसरी महज 4 साल की. हैरानी की बात ये रही कि उनका वीजा 8 साल पहले ही खत्म हो चुका था. पुलिस के मुताबिक, नीना गुफा को कभी-कभी आश्रम की तरह इस्तेमाल करती थीं. दीयों की रोशनी में योग करती थीं. मिट्टी के चूल्हे पर रोटियां बनाती थीं और दीवारों पर हिंदू देवताओं की तस्वीरें सजाकर साधना करती थीं. उनके लिए गुफा ‘स्वर्ग’ थी.
2017 से भारत में जंगल में बनाई ‘दुनिया’
नीना ने बताया कि वो पहले चार देशों में रह चुकी हैं और 2017 में भारत आई थीं. शुरुआत में गोवा में रहीं फिर नेपाल गईं और वहां से दोबारा भारत लौट आईं, लेकिन इस बार उन्होंने शहरों की रोशनी नहीं, जंगल में रहना चुना. उन्होंने बताया कि वे वॉटरफॉल में नहाते थे, मिट्टी के बर्तन बनाते थे और पेंटिंग करते थे. उनका दावा है कि बच्चों को कभी भूख या डर नहीं लगा और कहा कि हम जंगल में रहने का तजुर्बा रखते हैं. मैंने अपनी बेटियों को मरने के लिए जंगल नहीं लाई. वे बहुत खुश थीं.
फोन चार्ज करते ही क्या किया पहला काम
नीना को आश्रयगृह में जैसे ही उन्हें फोन चार्ज करने का मौका मिला तो सबसे पहले रूस में अपने रिश्तेदारों को एक ईमेल लिखा. पुलिस द्वारा दिए गए अनुवाद के मुताबिक, रशियन महिला ने उस मेल में लिखा कि हमारी गुफा वाली शांतिपूर्ण जिंदगी खत्म हो गई… हमारा गुफा वाला घर उजड़ गया. सालों से खुले आसमान के नीचे प्रकृति के साथ जीते आ रहे थे, कोई सांप या जानवर हमें कभी नुकसान नहीं पहुंचा. इस एक ईमेल में जंगल में बीते सालों की पूरी दास्तां थी बिना किसी शिकायत के, बिना किसी डर के.
कहां से आई थीं और अब कहां जाएंगी?
2016 में नीना भारत आई थीं गोवा में रहीं और फिर नेपाल गईं और 2020 में दोबारा भारत लौटीं. उनके साथ पहले दो बेटे और एक बेटी थे. दुख की बात ये है कि उनका बड़ा बेटा पिछले साल एक बाइक एक्सीडेंट में चल बसा और छोटे बेटे का अब कोई अता-पता नहीं है. छोटी बेटी भारत में पैदा हुई और बड़ी बेटी यूक्रेन में. नीना गोवा में रूसी भाषा की ट्यूटर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. पुलिस के अनुसार, वे पहले भी 4 बार गोकर्णा की इसी गुफा में रहीं.
अब कहां हैं नीना और उनके बच्चे?
अब नीना और उनकी बेटियों को बेंगलुरु में इमिग्रेशन ऑफिस ले जाया गया, जहां से उन्हें एक डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया है. उन्हें ‘करीबी निगरानी’ में रखा गया है और भारत सरकार उन्हें रूस डिपोर्ट करने की प्रक्रिया में जुटी है.
अरुण बिंजोला इस वक्त न्यूज 18 में बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह करीब 15 सालों से पत्रकारिता में सक्रिए हैं और पिछले 10 सालों से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं. करीब एक साल से न्यूज 1...और पढ़ें
अरुण बिंजोला इस वक्त न्यूज 18 में बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह करीब 15 सालों से पत्रकारिता में सक्रिए हैं और पिछले 10 सालों से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं. करीब एक साल से न्यूज 1...
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