डिजिटल अरेस्‍ट से अब डरने का नहीं! देश में पहली बार दोषी ठहराए गए 9 ठग

6 hours ago

Last Updated:July 17, 2025, 18:24 IST

पश्चिम बंगाल में एग्रीकल्‍चर साइंटिस्ट से एक करोड़ से ज्‍यादा की ठगी डिजिटल अरेस्‍ट के माध्‍यम से की गई थी. कंबोडिया में बैठे लोग भारत में भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं. पुलिस का दावा है कि यह पहला मौका ह...और पढ़ें

डिजिटल अरेस्‍ट से अब डरने का नहीं! देश में पहली बार दोषी ठहराए गए 9 ठग

डिजिटल अरेस्‍ट पर एक्‍शन. (File Photo)

हाइलाइट्स

डिजिटल अरेस्‍ट पर देश में पहली बार कोर्ट का एक्‍शन.कल्‍याणी कोर्ट ने 9 लोगों को दोषी करार दिया है.एग्रीकल्‍चर साइंटिस्‍ट से ठगे थे एक करोड़ रुपये.

नई दिल्‍ली. पिछले कुछ सालों में भोले-भाले लोगों को डिजिटल अरेस्‍ट कर ठगी की कई घटनाएं आपने और हमने सुनी होंगी. इसे लेकर देश में बड़े स्‍तर पर जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. कस्‍टम या एक्‍साइज में सामान फंसने या किसी और बहाने से लोगों को डिजिटल अरेस्‍ट कर उनसे ठगी करने के मामले में देश में पहली बार कोर्ट ने एक्‍शन लिया है. बंगाल के नदिया में स्थित कल्‍याणी में जिला अदालत ने एक एग्रीकल्‍चर साइंटिस्ट से एक करोड़ की ठगी के मामले में कोर्ट ने 9 लोगों को दोषी करार दिया है.

हरियाणा-महाराष्‍ट्र-गुजरात से गिरफ्तारी
कल्यिाणी पुलिस एसपी ने बताया कि इस मामले में सजा पर सुनवाई शुक्रवार को होगी. बताया गयाकि पश्चिम बंगाल के कल्याणी ADJ कोर्ट ने कृषि वैज्ञानिक को 1 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में 9 आरोपियों को दोषी ठहराया है. यह देश में डिजिटल अरेस्ट केस में पहली सजा है, जो साइबर अपराधियों के लिए सख्त संदेश है. पेश मामले में साल 2024 में महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान की साइबर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान कुल 13 लोगों को अरेस्‍ट किया था. एक महिला भी पुलिस के हत्‍थे चढ़ी. इनके पास से वारदात में इस्‍तेमाल मोबाइल फोन, बैंक पासबुक, चेकबुक, पैन कार्ड और 100 बैंक खातों को जब्त किया गया.

वर्दी पहनकर वीडियो कॉल पर आए ठग
वैज्ञानिक ने कल्याणी साइबरक्राइम थाने में शिकायत दर्ज की थी कि साइबर ठगों ने फर्जी जांच के नाम पर उनसे 1 करोड़ रुपये ठग लिए. ठगों ने खुद को CBI और TRAI अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के जरिए वैज्ञानिक को डराया और धमकाया. मामले की जांच में पता चला कि यह गिरोह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे कंबोडिया और म्यांमार से संचालित होता था. ठगों ने फर्जी दस्तावेज और वर्दी में वीडियो कॉल कर वैज्ञानिक को मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. डर के मारे वैज्ञानिक ने कई बार RTGS के जरिए पैसे ट्रांसफर किए.

क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर किया पैसा
साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुछ राशि को फ्रीज कर लिया, लेकिन अधिकांश राशि क्रिप्टोकरेंसी और म्यूल खातों में ट्रांसफर पहले ही की जा चुकी थी. कल्याणी कोर्ट के इस फैसले ने साइबर अपराध के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती दी है. कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(2) (उगाही), 319(2) (प्रतिरूपण द्वारा धोखा), 318(4) (धोखाधड़ी) और IT एक्ट की धारा 66D के तहत सजा सुनाई. यह सजा अन्य साइबर अपराधियों के लिए चेतावनी है. केंद्र सरकार और I4C ने 2024 में 92,323 डिजिटल अरेस्ट मामलों में 2,140 करोड़ रुपये के नुकसान की रिपोर्ट दी, जिससे इस अपराध की गंभीरता उजागर होती है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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